पुलिस, प्रशासन की समझाईश का पड़ा असर, चक्का जाम टला

पुलिस, प्रशासन की समझाईश का पड़ा असर, चक्का जाम टला

(दिलखुश टाटावत)
देवली। विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में पिछले दिनों उपचुनाव के दौरान हुए मालपुरा एसडीएम के साथ थप्पड़ मारने की घटना के बाद हुई पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में दर्जनों युवाओं ने यहां दौलता मोड बालाजी मंदिर परिसर में बैठक की और अपना विरोध प्रदर्शन व्यक्त किया। वहीं पुलिस एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध व्यक्त किया। दरअसल उक्त युवाओं का पुलिस प्रशासन को शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके तहत तय समय तक गिरफ्तार किए गए युवाओं एवं नरेश मीणा को रिहाई नहीं करने पर चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी। यह चेतावनी गुरुवार को दिए गए ज्ञापन में थी। इसे लेकर दर्जनों युवा दौलता मोड स्थित बालाजी मंदिर परिसर में एकत्र हुए। इससे पहले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए। इसे लेकर टोंक से एसटीएफ की टीम, आरएसी के जवान, अग्निशमन वाहन, वज्र वाहन एवं पुलिस सर्कल देवली के सभी थानों का जाप्ता यहां डीएसपी कार्यालय बुला लिया गया। वहीं पुलिस जाप्ता मीटिंग स्थल के चारों ओर सुरक्षा के लिहाज से खड़ा हो गया। उधर, उपखंड अधिकारी मनोज कुमार मीणा और देवली डीएसपी रामसिंह, थाना प्रभारी राजकुमार नायक ने इन युवाओं से समझाईश शुरू कराई। उन्हें बताया गया कि चक्का जाम करना कानून विरुद्ध है, वे लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन करें। यदि चक्का जाम किया जाएगा तो पुलिस एवं प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ेगी। इधर, मीटिंग स्थल पर पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय के पुलिसकर्मी शांतिलाल मीणा ने युवाओं से समझाईश की। उन्हें बताया कि वह अपना प्रदर्शन शांतिप्रिय ढंग से करें। अधिकारी उनकी बात सुनने के लिए जरूर आएंगे। इस दौरान सरपंच संघ अध्यक्ष मुकेश मीणा, यादराम मीणा, मनराज, राजबहादुर रेगर समेत वक्ताओं ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर नरेश मीणा समेत युवाओं की रिहाई के लिए प्रयास करने हैं। आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन ने नरेश मीणा और उनके समर्थको पर बेवजह जुल्म किया है। समरावता में नरेश अपने समर्थको के साथ शांतिप्रिय ढंग से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। रात को भोजन कर रहे लोगों पर जबरन लाठीचार्ज किया गया। वही वक्ताओं ने मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी को भी आड़े हाथों लेकर कोसा और कहा कि उक्त अधिकारी का पिछला बैकग्राउंड खराब है। वक्ताओं ने कहा कि जब ग्रामीण मतदान बहिष्कार पर थे तो जबरन तीनों कर्मचारियों को वोट क्यों डलवाए गया। इस वजह से घटना हुई है। युवाओं ने कहा कि नरेश मीणा उन सबके लिए प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में हमें भी उन्हें समर्थन देकर रिहाई के।प्रयास करने होंगे। भाजपा नेता सीपी जोशी की बात भी सामने आई। युवाओं ने सोशल मीडिया पर इसका विरोध करने को कहा।

बैठक स्थल पर पहुंचे एसडीओ और डीएसपी

इस दौरान दोपहर करीब सवा एक बजे एसडीओ मनोज कुमार मीणा, डीएसपी रामसिंह, तहसीलदार वीरेंद्र सिंह शक्तावत, थाना प्रभारी राजकुमार नायक, दूनी थाना प्रभारी हेमंत जनागल समेत बैठक स्थल पर पहुंचे और युवाओं को समझाया। उन्होंने कहा कि इस तरह के चक्का जाम करने से कोई फायदा नहीं है। यहां यादराम मीणा ने कहा कि सोशल मीडिया पर भी किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए और नहीं टिप्पणी होनी चाहिए। यदि ऐसा हो तो प्रशासन उन पर भी कार्रवाई करें। कानून सबके लिए समान रूप से काम करें। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने सकारात्मक आश्वासन दिया। ज्ञापन में जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, मालपुरा एसडीएम समेत दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने, गिरफ्तार लोगों को रिहा किए जाने एवं समरावता गांव में जिन ग्रामीणों को नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिए जाने की मांग की गई। उधर, पुलिस के लवाजमे को देखकर दौलता मोड़ बीसलपुर मार्ग के कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकान तक बंद कर दी।