मनुष्य देह वह साधन है जिसके सत परिश्रम से मुक्ति संभव

बड़ी सादड़ी:- क्षेत्र के प्रसिद्द निरंकारी मिशन बड़ीसादड़ी की ओर से गांव *सारंगपुरा* में गुरुवार रात्रि को सत्संग का आयोजन मनासा (मध्य प्रदेश) के संयोजक महात्मा श्री जय राम सुथार की अध्यक्षता में संपन्न हुई!

मनुष्य देह वह साधन है जिसके सत परिश्रम से मुक्ति संभव
मनुष्य देह वह साधन है जिसके सत परिश्रम से मुक्ति संभव

मनुष्य देह वह साधन है जिसके सत परिश्रम से मुक्ति संभव

संवादाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़
28जुलाई

राम सिंह मीणा रघुनाथपुरा

बड़ी सादड़ी:- क्षेत्र के प्रसिद्द निरंकारी मिशन बड़ीसादड़ी की ओर से गांव *सारंगपुरा* में गुरुवार रात्रि को सत्संग का आयोजन मनासा (मध्य प्रदेश) के संयोजक महात्मा श्री जय राम सुथार की अध्यक्षता में संपन्न हुई!


इस अवसर पर महात्मा जय राम सुथार ने कहा कि साढ़े तीन करोड़ वर्ष तक विभिन्न योनियों में भटकने के बाद मनुष्य तन प्राप्त होता है! अगर इसका लाभ नहीं उठाया तो यह बेकार है मनुष्य देह एक साधन है जिसके द्वारा हमें मुक्ति मिल सकती है!
ब्रह्म ज्ञान से ही 84लाख योनियां कटना संभव है!
उन्होंने कहा कि मानव रंगीन माया को देखकर भ्रमित हो रहा है जब बेरंग को जान लेता है तो उसका आत्म कल्याण संभव है! आज इंसान से इंसान दुखी है, प्रेम - भाईचारे की जरूरत है, प्रेम- भाईचारा कम हो रहा है वह घृणा नफरत बढ़ती जा रही है
वर्तमान में निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज मानव मात्र के मन को इस परम सत्य के साथ जोड़ता है!
प्रारंभ में:-कालू लाल, ऊंकार लाल, प्रकाश, महावीर, दिलीप, विनोद, गोविंद, दुर्गेश, नंदलाल, गोपीलाल, किशन सिंह भाटी, भंवर सिंह भाटी, गोपाल सुथार आदि ने गीत वह विचार व्यक्त किए!
स्थानीय श्रद्धालु किशन लाल जटिया, वर्दी चंद ने बाहर से आए महात्मा का दुपट्टा पहना कर स्वागत किया, सत्संग का संचालन भेरूलाल निरंकारी ने किया!
उक्त जानकारी मिशन के मीडिया सहायक राधे श्याम रेगर ने दी!