बाल   श्रम  कराने  से  रेस्क्यू  किये बालको  से  ली जाकरारी,    लिए  बयान ,  अपने मांता  पिता  के पास  अपने घर जाने की पीडा की जाहिर--ओजसवी

बाल श्रम  कराने पर जिले से अनेकों स्थानों से  चाइल्ड लाइन,  पुलिस  आदि के  तत्वाधान  में रेस्क्यू  किये गये    ,                 बाल श्रमिक पाए जाने पर विभिन्न जगहों से  बाल श्रमिकों को जो कि 18 वर्ष  से कम उम्र  के हो को रेस्क्यू करा बाल कल्याण समिति चित्तौडगढ  को सुपुर्द  किया गया है।

बाल   श्रम  कराने  से  रेस्क्यू  किये बालको  से  ली जाकरारी,    लिए  बयान ,  अपने मांता  पिता  के पास  अपने घर जाने की पीडा की जाहिर--ओजसवी

बाल   श्रम  कराने  से  रेस्क्यू  किये बालको  से  ली जाकरारी,    लिए  बयान , 
अपने मांता  पिता  के पास  अपने घर जाने की पीडा की जाहिर--ओजसवी

ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़

चितौडगढ 6 फरवरी 
      बाल श्रम  कराने पर जिले से अनेकों स्थानों से  चाइल्ड लाइन,  पुलिस  आदि के  तत्वाधान  में रेस्क्यू  किये गये    ,                 बाल श्रमिक पाए जाने पर विभिन्न जगहों से  बाल श्रमिकों को जो कि 18 वर्ष  से कम उम्र  के हो को रेस्क्यू करा बाल कल्याण समिति चित्तौडगढ  को सुपुर्द  किया गया है।

मदन सालवी ओजस्वी अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी श्रम विभाग ने बच्चों के बयान लेते हुए जानकारी ली। इस दौरान बच्चों के  सॅरक्षक, माता पिता से बातचीत करते हुए  बाल श्रम  कराने के परिणामों से अवगत  कराते हूऐ  बताया कि बच्चों को 18 साल से होने तक केवल और केवल पढ़ाया लिखा जाए तथा किसी प्रकार का मजदूरी या कोई  व्यवसाय कारोबार नहीं कराया जाए। इस संबंध में    बाल कल्याण समिति के समक्ष रखे हुए होने से बच्चों के माता-पिता उनसे मिलने के लिए बाल संरक्षण   में उपस्थित होने के दौरान  ओजस्वी ने  उनसे बातचीत कि, जिन बच्चो  के मांता  पिता का देहांत  हो गया,गरीबी के कारण   बाल मजदूरी कराने को विवस  है तथा  बाल श्रम रोकथाम  अधिनिम  आदि की  कोई  जानकारी व  समझ नही रखते है।बाल श्रम कराने पर या मजदूरी कराने पर इस तरह के हालात से गुजरना पड़ता है, कानून  अपना काम करता है।  जिससे बालक  अपने घर  से दूर हो जाते है,    कार्यवाही  के दोरान बालक घर से दूर होने की पीडा  आसनों में देखी  गई। जो कि बहूत  ही दूखद  अहसास कराता है। चाहै  बाल  सॅरक्षण ग्रह  में रहने के दोरान  काफी बेहतरीन  सुविधाजनक  सुविधाऐ हो।
इस दोरान  जिले के बाल  कल्याण  समिति  अध्यक्षा  प्रियंका  पालीवाल  आदि से भी बाल श्रम के हालातों  एवं जागरूकता,  बाल श्रम  रोकथाम  पर विचार विमर्श  किया गया। 
 
                     ओजस्वी  ने बताया कि किसी के पिता नहीं है, जिससे उनका रोजगार चलाना कठिन हो रहा है जिस वजह से बच्चे को बाल श्रम  कराने  व किसी  की मजबूरी हों,, बालक को जो कि 18 साल से कम हो, कोई भी नियोजन  ,मजदूरी पर नहीं रख सकते हैं और यदि ऐसा पाया जाता है तो उनके खिलाफ बाल श्रम तथा न्यूनतम वेतन अधिनियम एवं श्रम अधिनियमों आदि के तहत कार्रवाई कर कठोर सजा के प्रावधान है ।इस बात से अनजान कई नियोजक इन बच्चों के  भविष्य को शिक्षा से वंचित करने की ओर अग्रसर है।  बाल श्रम कराना गेर  कानूनी है , बाल श्रम  कराकर  अपना  उललु  सिधा कर रहे है वही कानून का उल्लंघन  कर रहे है  या  ये  अधिक   चालक हे कि कोन  कया बिगाड लेगा।इस संबंध में राज्य सरकार के इस वक्त विशेष आदेश है कि राज्य में कहीं भी कोई भी नियोजक  अपने यहां 18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे  से बाल श्रम  कराता हों,यदि  ऐसा कहीं पल भी पाया जाता हे तो ऐसे बालको  के नियोजन से  रेस्क्यू  कर मुक्त कराया जाए तथा उन्हें पुनर्वास  कराया  किया जाए, नियोजकों के विरुद्ध  कडी कार्यवाही  की जाऐ,18 वर्ष से कम उम्र तक केवल पढ़ने लिखने और खेलने खाने मानसिक  विकाश बढाने के लिए  ही होता है। किसी  भी बालक बालिका को बाल श्रम  कराने, बाल  विवाह कराने , भविष्य खराब करने का किसी को अधिकार नहीं है ।ऐसे में माता-पिता को भी चाहिए इस बात की पूरी समझ रखे।  माता-पिता नशा का सेवन करते हों, जिससे गरीबी हो,
अंधविश्वास आडंबर रूढ़िवाद पाखंड  के शिकार होकर  गरीब हों, सामाजिक  कुरितियों, बाल विवाह,  मृत्युभोज  जेसी 
 सामाजिक कुरीतियों के शिकार होकर गरीब  हों मगर  आज के समय के अपने बच्चों का बचपन  छीनने का हक किसी को भी नही है।बच्चों को शिक्षा से वंचित करके बचपन में ही बाल श्रम पर धकेल देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाना है ,     बाल श्रम कराने वाले मांता  पिता आदि  को जानकारी देते हुए आगाह किया कि आइंदा कभी भी अपने बच्चों को किसी भी नियोजन में 18 वर्ष से कम रहने तक मजदूरी नहीं कराई जाए , यदि ऐसा करते है  तो बच्चे अपने मां बाप से , अलग होने की मजबूरी और माता-पिता अपने बच्चों से अलग होने की मजबूरी को बखूबी यहां देख सकते हैं । यह पीडा भी असहनीय  है,जो की बहुत ही पीड़ादायक है ऐसे बच्चे भी देखे गए हैं जो बाल कल्याण समिति के संरक्षण में रहते हुए माता-पिता से दूर रहने के कारण आंसू बहाते हुए एवं उदास होते हुए भी देखे गये है ।बच्चों ने आग्रह किया कि हमें कब अपने घर जाने को मिलेगा ,हमें घर जाना है। ऐसे में सभी से आग्रह है कोई भी अपने बच्चों को जो कि 18 साल होने तक उन्हें खूब पढ़ाऐ, लिखाऐ ,अच्छी से अच्छी और बेहतरीन शिक्षा दें।  किसी भी हालत में 18 वर्ष से कम उम्र में किसी भी बालक बालिका को  मजदूरी करने पर नहीं भेजा जाए ।
ओजस्वी  ने बताया कि चाहे रोटी कम खाओ,  शराब,नशा,  में पेसा मत उडाओ,   सामाजिक  कुरितियो  में उलझकर  अपने को गरीबी के दल दल में फंसने के बजाय इन बुराइयों को छोडने से आर्थिक  हालात  मजबूत  होकर    अपने बालकों को खूब पढाने से घर परिवार  समाज  के हालात  बदलते है,     बचपन  में  बचपन  छीन लेने से  कोई  कभी  विकाश नही कर सकता।

                 मदन सालवी ओजस्वी        अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी    श्रम विभाग चित्तौड़गढ़


6-2-2023