मां की लाश से कुछ दूर सो रहे थे बच्चे:बेटा होने पर बाइक नहीं मिली तो पत्नी की हत्या; ससुरालवालों ने मिलकर बॉडी को नहलाया
भरतपुर के इखनाका गांव में बुधवार देर शाम पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी। मर्डर को एक्सीडेंट दिखाने के लिए उसने पत्नी की लाश को नहलाया और कपड़े बदले। इस घिनौनी हरकत में हत्यारे के मां-बाप और उसकी बहनों ने भी उसका साथ दिया। इसके बाद जुर्म नहीं छिपा तो हत्यारे और उसके परिवार ने मामले को रफा-दफा करने के लिए पंचायत बुलाई और लड़की के घरवालों को मुंह बंद रखने के लिए 20 लाख रुपए का ऑफर दिया।

मां की लाश से कुछ दूर सो रहे थे बच्चे:बेटा होने पर बाइक नहीं मिली तो पत्नी की हत्या; ससुरालवालों ने मिलकर बॉडी को नहलाया
ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़
भरतपुर के इखनाका गांव में बुधवार देर शाम पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी। मर्डर को एक्सीडेंट दिखाने के लिए उसने पत्नी की लाश को नहलाया और कपड़े बदले। इस घिनौनी हरकत में हत्यारे के मां-बाप और उसकी बहनों ने भी उसका साथ दिया। इसके बाद जुर्म नहीं छिपा तो हत्यारे और उसके परिवार ने मामले को रफा-दफा करने के लिए पंचायत बुलाई और लड़की के घरवालों को मुंह बंद रखने के लिए 20 लाख रुपए का ऑफर दिया।
हत्या के बाद से आरोपी वाहिद और उसका पूरा परिवार फरार है। शहनाज और वाहिद के तीन बच्चे हैं। जिनमें 2 इतने छोटे हैं कि उन्हें इस बात का आभास भी नहीं है कि पिता ने उनकी मां को उनसे हमेशा के लिए दूर कर दिया। फिलहाल तीनों बच्चे अपने नाना के पास हैं।
इस घटना से गांव में हर कोई हैरान है। सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि वाहिद ने अपनी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी
बेटे के जन्म पर 13 महीने पहले शुरू हुआ था विवाद
शहनाज के भाई वसीम ने बताया कि 'मेरी बहन और वाहिद की शादी दिसंबर 2016 में हुई थी। वाहिद किराए की बोलेरो चलाता है। दोनों के तीन बच्चे हैं। 5 साल की बेटी अलसीजा, 3 साल का बेटा अल्फेज और 13 महीने का सबसे छोटा बेटा अवनेश।
अवनेश के जन्म के बाद से ही वाहिद और शहनाज के बीच विवाद शुरू हो गया था। जब अवनेश हुआ तो बहन के ससुराल वालों ने हमसे छोछक (बेटा होने पर तोहफा देना) की डिमांड की। किसी कारण हम ये कार्यक्रम नहीं कर पाए। इसी को लेकर वाहिद और उसके घरवाले मेरी बहन को ताने मारते।'
'कुछ समय बाद उन्होंने छोछक में बाइक और कुछ गहने मांगे। हम ये भी नहीं दे पाए तो वाहिद ने मेरी बहन से मारपीट शुरू कर दी। 3 महीने पहले भी वाहिद ने शहनाज को बुरी तरह से पीटा था। इसके बाद वह पीहर आ गई। समाज के कुछ लोगों ने दोनों परिवारों में सुलह कराई। मेरे पिता ने शहनाज को समझाकर 6 दिन बाद दोबारा ससुराल छोड़ दिया।'
मर्डर से पहले बहनों से हुआ था झगड़ा
' बुधवार रात मुझे पता चला कि मेरी बहन की मौत हो गई है। मैं उसके ससुराल पहुंचा। वहां जाकर पता लगा कि हत्या वाले दिन शहनाज का वाहिद की बहनों अरसीना और अंजीना से विवाद हो गया था। वो दोनों जब भी अपने ससुराल से आती तो मेरी बहन से झगड़ा करती थी।
पूरे दिन मेरी बहन घर का काम करती थी। जब वाहिद की बहनों को काम के लिए बोलती तो वे झगड़ने लग जाती थी। वाहिद की मां अमीना भी अपनी दोनों बेटियों का पक्ष लेती थी। शहनाज कहती थी कि मैं इतने लोगों का काम अकेले कैसे कर सकती हूं। यदि थोड़ी काम में हाथ बंटा लेगी तो क्या हो जाएगा।'
'बुधवार देर शाम 7 बजे वाहिद घर आया तो उसकी मां अमीना ने बताया कि तेरी पत्नी मेरी बेटियों को ताने देती है और उनसे झगड़ा करती है। इतना सुनते ही वाहिद तैश में आ गया और मेरी बहन से झगड़ा करने लगा। वाहिद हमेशा अपने साथ देसी कट्टा रखता था। गुस्से में वह अपने कमरे में गया और वहां से देसी कट्टा निकालकर लाया। उसने अपनी मां और बहनों के सामने मेरी बहन शहनाज के सीने में गोली मार दी।'
फिर शुरू हुई मर्डर छिपाने की साजिश
एक्सीडेंट दिखाने के लिए लाश को नहलाया
'शहनाज की मौत के बाद एक बार वाहिद का परिवार भी घबरा गया। उन्हें लगने लगा था कि यदि किसी को पता चल गया तो सब जेल जाएंगे। वो लोग मर्डर को एक्सीडेंट दिखाना चाहते थे। वाहिद ने अपनी मां और बहनों के साथ मिलकर सबसे पहले शहनाज की लाश को नहलाया।
खून से सने उसके कपड़े बदले ,ताकि गोली का निशान छुप जाए। इन कपड़ों को घर के आंगन में दफना दिया और एक कपड़े में शहनाज की लाश को बांधकर आंगन में रख दिया।'
'रात में वाहिद शहनाज की लाश को बोलेरो में डालकर गांव से निकला और हाईवे की तरफ आया। उसका प्लान शहनाज के मर्डर को एक्सीडेंट का रूप देने का था। लेकिन, कहीं भी उसे सुनसान इलाका नहीं मिला, जहां वो लाश को बीच सड़क पर फेंक सके, इसलिए रात करीब 8 बजे वह शहनाज के शव को लेकर दोबारा घर आ गया।'
रात को कॉल आया पहले बताया तबीयत खराब है, फिर कहा- छत से गिर गई
'रात करीब 8 बजे बाद मेरे पास वाहिद का कॉल आया। उसने कहा- जल्दी से मेरे घर आ जाओ। मैंने कारण पूछा तो पहले बोला कुछ नहीं। फिर कहने लगा कि शहनाज की तबीयत खराब है। मेरी एक बहन अंजुमन का भी ससुराल इखनाका गांव में है। मैंने अपनी छोटी बहन को कॉल किया और उसे शहनाज के यहां जाने को कहा।'
'इसी बीच मेरे पिता दीनू उर्फ उज्जा के पास वाहिद का काॅल आया और बताया कि शहनाज छत से गिर गई है, इसलिए उसकी तबीयत खराब है। लेकिन जब अंजुमन वाहिद के यहां पहुंची तो घर के आंगन में शहनाज की लाश पड़ी थी। मां की लाश से कुछ दूर बच्चे सो रहे थे। कॉल कर बताया कि शहनाज की मौत हो चुकी है।'
वाहिद की भाभी ने खोला राज, गोली से मारा
'वाहिद के तीन भाई और दो बहनें हैं। इनमें से बड़े भाई अनवर की मौत हो चुकी है। ऐसे में अनवर की पत्नी और उसके बच्चे वाहिद के पास बने घर में अकेले रहते हैं। मां अमीना और पिता अयूब वाहिद के पास रहते हैं। सबसे पहले गोली की आवाज वाहिद की भाभी ने सुनी थी।
जब बहन अंजुमन वहां पहुंची तो अनवर की पत्नी भी वहां आ गई थी और उसने बताया कि शहनाज छत से नहीं गिरी है बल्कि उसे गोली मारी है। इस दौरान हम लोग भी वहां पहुंच गए। वाहिद की भाभी ने जब बताया कि उसने गोली की आवाज सुनी है और लाश चारपाई के नीचे है तो वाहिद ने पूरी घटना बता दी। उसने बता दिया था कि झगड़े में उससे फायरिंग हो गई।'
भाई बोला- हमें 20 लाख का लालच दिया
'वाहिद को पत्नी की हत्या का गम नहीं था। मैं वहां पहुंचा तो घर का आंगन खून से सना था। बहन की लाश कमरे में चारपाई के नीचे पड़ी थी। जिस समय शहनाज को गोली मारी उस समय उसके तीनों बच्चे भी वहीं थे। वे नींद में थे तो उन्हें कुछ पता ही नहीं चला।'
'वाहिद के परिवार ने रात में पंचायत बुलाकर मेरी बहन की मौत का सौदा किया। वह चाहता था कि मामला थाने तक नहीं पहुंचे और उसे पंचायत में ही रफा-दफा कर दे। उसने सबसे पहले 5 से 6 लाख रुपए का लालच दिया। हम नहीं मानें तो वह बढ़ते-बढ़ते 20 लाख रुपए तक पहुंच गया। बोला-मामला यहीं खत्म कर दो मैं 20 लाख तक दे दूंगा। लेकिन हमने पंचायत में रुपए लेने से मना कर दिया। हमने सुबह करीब 10 बजे पुलिस काे सूचना दे दी थी। इसकी भनक लगते ही वह मौके से फरार हो गया।'
मां की हत्या के बाद बड़ी बेटी सहमी हुई
'हत्या के बाद से शहनाज की बड़ी बेटी अलसीजा काफी सहमी हुई थी। अल्फेज और अवनेश को घटना का पता नहीं था। क्योंकि वह बहुत छोटे हैं, इसलिए वह वहीं घूम रहे थे। बड़ी बेटी को वाहिद के परिजनों ने अकेला नहीं छोड़ा, उसे अपने साथ ही रखा। उन्होंने अलसीजा से बात तक नहीं करने दी।
पिता की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज किया मामला
पहाड़ी थाना क्षेत्र के थानाधिकारी शिव लहरी ने बताया कि शहनाज के पिता दीनू उर्फ फज्जा ने रिपोर्ट दी कि बुधवार शाम 7 बजे ससुर अयूब, पति वाहिद, सास अमीना, ननद अरसीना (20) और अंजीना (21) ने मिलकर मेरी बेटी शहनाज से मारपीट की और दहेज लाने के लिए कहा। उसने मना कर दिया तो पति वाहिद ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। ससुराल वालों ने हमें बताया कि तुम्हारी बेटी छत से नीचे गिर गई है। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई है। आप घर जल्दी से आ जाओ। सभी लोग वहां पहुंचे तो पता लगा कि वाहिद ने शहनाज को गोली मार दी है।
मृतका के भाई ने आरोप लगाया कि शहनाज के पति, सास-ससुर और दोनों ननदों ने मिलकर लाश को नहलाया और हत्या को एक्सीडेंट का रूप देने की कोशिश की थी। इन आरोपों की भी जांच की जा रही है। फिलहाल वाहिद और उसका पूरा परिवार फरार है, जिनकी तलाश की जा रही है।