मेवाड़ यूनिवर्सिटी के प्रो. डाॅ. मायाधर बारिक आईसीआईएमटीएच- 2023 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन हेल्थ केयर रिसर्च में एशिया से एकमात्र समीक्षक बने

संवाददाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़
मेवाड़ यूनिवर्सिटी में रिसर्च एथिक्स कमिटी के एडवाइजर पद पर कार्यरत प्रो. डाॅ. मायाधर बारिक को आईओएएसडी (इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फाॅर एकेडमिक एंड साइंटिफिक डेवलेपमेंट) का आजीवन सदस्य बनाया गया है, और यह एशिया के एकमात्र ऐसे व्यक्ति है जिनको स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान में कृत्रिम बुद्धिमता (गंभीर बीमारियों) विषय पर की गई रिसर्च के आधार पर भी इनका चयन हुआ है। हाल ही में एथेंस में आयोजित आईसीआईएमटीएच (इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन इंर्फोमेेटिक्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाॅजी इन हैल्थ केयर) -2023 की वैज्ञानिक कार्यक्रम समिति और समीक्षकों के पैनल की सूची में इन्हें एशिया से समीक्षक के रूप में चुना गया है। इनको चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए 6 विषयों स्तन कैंसर, तंत्रिका विज्ञान, प्रतिरक्षा प्रणाली आदि पर भी पेटेंट इनके नाम है। इसके अलावा मुख्य रूप से स्तन कैंसर, संक्रामक रोगों, जन्म दोषों आदि पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड भी प्राप्त कर चुके है। जिनमें आउटस्टैंडिंग साइंटिस्ट अवार्ड, सर एपीजे अब्दुल कलाम और एक्सीलेंस इन रिसर्च जैसे अवाॅर्ड शामिल है। इन्होंने पाठ्यपुस्तक अध्यायों के साथ 50786 से अधिक लेखों को सफलतापूर्वक पूरा किया है और उनकी समीक्षा की है। हाल ही में इनके इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एडवांस्ड रिसर्च (आईजेएआर) में न्यूरो इमेजिंग ऑफ डिफ्यूज एक्जोनल इंजरी और काॅर्डिक रिहैबिलिटेशन ऑन कोविड-19 पर भी रिसर्च प्रकाशित हुई है। इनकी इस उपलब्धि पर मेवाड़ यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डाॅ. अशोक कुमार गदिया और वाइस चांसलर डाॅ. आलोक कुमार मिश्रा ने बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। इस संबंध में चेयरपर्सन डाॅ. अशोक कुमार गदिया का कहना है कि इनकी रिसर्च से आने वाले समय में चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल होगी।