एस आर वाटिका कपासन में चल रही रामलीला के सातवें दिन शिवरी नवधा भक्ति श्री राम हनुमान मिलन राम सुग्रीव मित्रता तथा बाली वध का मंचन किया गया 

एस आर वाटिका कपासन में चल रही रामलीला के सातवें दिन शिवरी नवधा भक्ति श्री राम हनुमान मिलन राम सुग्रीव मित्रता तथा बाली वध का मंचन किया गया 
एस आर वाटिका कपासन में चल रही रामलीला के सातवें दिन शिवरी नवधा भक्ति श्री राम हनुमान मिलन राम सुग्रीव मित्रता तथा बाली वध का मंचन किया गया 

एस आर वाटिका कपासन में चल रही रामलीला के सातवें दिन शिवरी नवधा भक्ति श्री राम हनुमान मिलन राम सुग्रीव मित्रता तथा बाली वध का मंचन किया गया

Kapasan / ब्यूरो चीफ शोभा लाल जाट 

काशी के कलाकारों द्वारा संजीव चित्रण किया जा रहा है धर्म प्रचारक रामलीला मंडल के संचालक पंडित अशोक उपाध्याय ने बताया कि रामलीला मनोरंजन ही नहीं हमारी भारतीय संस्कृति है आज कि जो रामलीला है वह समाज के लिए बहुत ही प्रेरणादायक है क्योंकि हिंदू धर्म के आराध्य देव भगवान राम ने अखंड भारत का निर्माण किया था शिवरी मैया के आश्रम पहुंचकर भगवान राम झूठे बेर खाए थे उन्होंने संदेश दिया था कि हम सभी भारतीय एक हैं जाति से कोई फर्क नहीं पड़ता अगर आपका रहन-सहन सही है और आप साव्तिक हैं धर्म के प्रति आपकी आस्था है तो आप किसी भी जाति के हैं तो आपके यहां जल भोजन करने और भोजन करने में कोई दिक्कत नहीं है इसका मूल यह है कि आज हम हिंदुओं को जातियों में बांट के कमजोर किया जा रहा है कहीं ना कहीं भगवान राम ने मैया शबरी के आश्रम पहुंचकर पहुंच कर यह संदेश दिया है कि मैं अखंड भारत का निर्माण कर रहा हूं ना कि जातियों का निर्माण कर रहा हूं व्यक्ति का कर्म निर्भर करता है आपका आचरण निर्भर करता है कि आप कैसे हैं फिर राम जी हनुमान जी का अलौकिक मिलन होता है जिसे देख दर्शक भाव विभोर हो गए फिर बाली वध का मंचन किया जाता है आज के समय में रामलीला जैसा मंचन धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहा है भारत का प्रसिद्ध धर्म प्रचारक रामलीला मंडल मेवाड़ की भूमि में पहली बार रामलीला कर रहा है रामलीला इतनी अद्भुत हो रही है कि जिसे देखने के लिए नगर के कई उद्योगपति प्रतिदिन पहुंच रहे हैं कलाकारों की संजीव चित्र देख दर्शक और नगर में अद्भुत चर्चा हो रही है रामलीला आज के समय में रामलीला के कलाकार धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं लेकिन यह कलाकार इस संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं जिसे काफी कपासन में लोग पसंद भी कर रहे हैं रामलीला मनोरंजन ही नहीं यह हमारी संस्कृति भी है ऐसे आयोजनों से बच्चों में संस्कार स्थापित होते हैं और हमें सभी को एक होकर रहना चाहिए ना की जातियों में ऊंच-नीच और जात पात की भावनाएं रखनी चाहिए अगर हम राम को मानते हैं तो राम की क्यों नहीं मानते आज राम को मानने वाले सभी लोग हैं राम की कोई नहीं मान रहा है ऐसे आयोजनों से हमको प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने भारत को मजबूत करना चाहिए अपने राष्ट्र को मजबूत करना चाहिए इस अवसर पर नगर के कई उद्योगपति प्रतिदिन बैठकर और नगर के भक्तगण रामलीला का रसपान कर रहे हैं 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर ओम प्रकाश रायपुरिया, दिलीप बारेगामा, रोहित सिंह, लक्ष्मी लाल आचार्य , नंदलाल बोहरा , राकेश आचार्य , तरुण बारेगामा ,

और नगर के कई उद्योग पति उपस्थित रहे

इस अवसर पर डॉ ओम प्रकाश जी रायपुरिया जी ने कहा कि आज के समय में रामलीला हमारे कपासन में वर्षों बाद हो रही है ऐसा आयोजन हर वर्ष होना चाहिए इससे संस्कृति और धर्म का भी प्रचार होता है और हमारी यह लोक कला भी जीवित रहती है रामलीला मनोरंजन नहीं हमारी संस्कृति हमारी विरासत है आज कपासन का सौभाग्य है कि एक तरफ आराध्य भगवान राम का मंदिर बन रहा है और नगर में रामलीला हो रही है हम सभी को आगे आकर इस में सहयोग भी करना चाहिए जिससे यह कलाकार जीवित रहेंगे तो कला भी जीवित रहेगी और धर्म का प्रचार भी होता रहेगा

इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के द्वारा 300 हनुमान चालीसा दर्शकों को बांटी गई

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