स्कूटर पर माँ के साथ भारत भ्रमण पर निकले आज के श्रवण

रिपोर्ट दिलखुश टाटावत
देवली। कर्नाटक के मैसूर स्थित वोगावादी निवासी 44 वर्षीय डी कृष्ण कुमार आज के श्रवण कुमार की भूमिका अदा कर रहे हैं, जो अपनी मां को पूरे भारत में मंदिर व ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए स्कूटर से सफर तय कर रहे हैं। उनका यह सफर बेहद रोमांचकारी व साहसिक है। डी कृष्ण कुमार बुधवार सुबह देवली पहुंचे। इसके बाद वह भीलवाड़ा जिले के लिए रवाना हो गए।
दरअसल आईटी रिलेटेड कंपनी में कॉरपोरेट टीम लीडर की जॉब छोड़ कर कृष्ण कुमार ने यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि वह तथा उनकी मां संयुक्त परिवार में रहती थी। स्थिति यह थी कि मां सुबह से लेकर शाम तक घर के काम में बिजी रहती थी। यहां तक कि कृष्ण कुमार की मां ने पड़ोस का मंदिर भी नहीं देखा। पिता की मौत के बाद मां चूड़ारत्नाम्मा ने अपने पुत्र कृष्ण कुमार को अपनी पीड़ा बताई। उसने बताया कि उस के जीवन का 68 वर्ष घर के कामकाज में निकल गया। उसने कभी देवालयों के दर्शन नहीं किए। यह बात सुनकर डी कृष्ण कुमार का हृदय पसीज गया। उन्होंने अपनी जॉब छोड़कर 16 जनवरी 2018 से यह मात्र संकल्प यात्रा शुरू की। जिसका उद्देश्य मां को पूरे भारत के छोटे, बड़े सभी मंदिरों के दर्शन कराना है, ताकि मां का जीवन सफल हो सके। कृष्ण कुमार ने बताया कि यह स्कूटर उनके पिता ने करीब 20 वर्ष पूर्व उन्हें भेंट किया था। तब से लेकर आज तक इसे सहेज कर रखे हैं। वह चेतक स्कूटर की मदद से अब तक नेपाल, भूटान, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, केदारनाथ, बद्रीनाथ समेत 2 दर्जन से अधिक राज्यों में मां को मंदिरों व ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करा चुके हैं। यहां देवली तक 73 हजार 800 किलोमीटर का सफर कर चुके हैं।
*बैंक ब्याज से चलता है खर्चा*
डी कृष्ण कुमार ने बताया कि आईटी रिलेटेड कंपनी के दौरान उनको काफी अच्छी खासी सैलरी मिलती थी। इसके अलावा बोनस, इंसेटिव आदि प्राप्त हुई। जिसे लेकर उन्होंने बैंक में जमा कराए हैं। उक्त रकम का ब्याज उन्हें मिलता रहता है। इसी ब्याज के सहारे वे अपनी मां को श्रवण कुमार बनकर पूरे देश में घुमा रहे हैं। कृष्ण कुमार की मां ने बताया कि उनका बेटा श्रवण कुमार की भांति इनकी सेवा कर रहा है। कृष्ण कुमार ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने माता पिता की सेवा करनी चाहिए। वे जीवित भगवान है। समय रहते इनकी सेवा कर हमें अपना दायित्व पूरा करना चाहिए। माता पिता ही है, जो पूरी जिंदगी अपनी संतान की जीवन बनाने में झोंक देते हैं।
"देवली निवासी युवक ने लौटाया बैग"
दरअसल दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार अपनी मां को यहां एजेंसी एरिया हायर सेकेंडरी स्कूल के रोड से लेकर जा रहे थे. इस बीच स्कूटर से उनका बैग गिर गया। कृष्ण कुमार ने बताया कि बैग में 2 मोबाइल, डॉक्यूमेंट, पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट थे। करीब देवली से 10 किलोमीटर जहाजपुर की ओर जाने के बाद पेट्रोल भरने के वक्त उन्हें बैग गिरने का पता लगा। दोनों मां-बेटे वापस आए तो यहां एजेंसी रोड पर भोमराज सिंह व संजोग सिंह (बिट्टू) कृष्ण कुमार का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने अनुमान से उन्हें आवाज लगाई तथा बैग के बारे में जानकारी दी। इस पर कृष्ण कुमार ने दोनों युवकों का आभार व्यक्त किया है। जिन्होंने जिम्मेदारी व ईमानदारी से उनका वापस बैग लौटाया।