दलित अधिकार केन्द्र के तत्वाधान में आज जैन धर्मशाला, दौसा में ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निधि (योजना आवंटन और वित्तीय संसाधनों का उपयोग) अधिनियम 2022’ राजस्थान पर जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में केन्द्र के मुख्य कार्यकारी एडवोकेट हेमन्त मीमरोठ ने केन्द्र के बारे में परिचय देते हुए कहा कि केन्द्र दलित एवं महिलाओं पर अत्याचारों के मामलों में कानूनी हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय दिलवाने का प्रयास करता है इसी के साथ दलित एवं महिलाओं के हित में बजट पर भी काम करता है। केन्द्र के निदेशक एडवोकेट सतीश कुमार ने कहा कि दलित अधिकार केन्द्र के काफी प्रयासों के बाद राजस्थान में एससी एसटी डेवलपमेनट फण्ड एक्ट 2022 पारित हुआ है और राजस्थान देश का पांचवा राज्य है जिसमें यह कानून पारित हुआ है।
इस कानून के नियम प्रभावी बने इसके लिए हमें सामूहिक रूप से प्रयास करना पड़ेगा। दलित महिला मंच की राज्य समन्वयक कश्मीरा सिंह ने बताया कि एससी एसटी डेवलपमेनट फण्ड एक्ट 2022 के अन्तर्गत वर्ष 2023-2024 में राजस्थान में 1000 1000 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है जबकि भौतिक रूप से सरकार द्वारा कोई भी बजट आवंटन नहीं किया गया है यह एक अकाउंटिंग एक्सरसाइज है। सरकार को वास्तविक रूप से बजट आवंटन कर दोनों समुदायों पर खर्च करें। जिसमें 50% बजट महिलाओं के लिए आवंटित हो और महिलाओं पर ही खर्च किया जाए।और इस कानून के नियम अविलम्ब बनाने की आवश्यकता है। राज्य समन्वयक रेनू जी ने जेण्डर बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि देश में दलित महिलाओं की स्थिति बिल्कुल दयनीय है। महिलाओं को जाति, लिंग व सत्ता की तिहरी मार झेलनी पड़ती है। महिलाओं को जागरूक होने की आवश्यकता है जिससे वो सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन सकें। केन्द्र के जिला समन्वयक सुनीता बैरवा व द्रोपदी जोनवाल ने कहा कि हमें कानून व हमारे अधिकारों को जानकर जागरूक होने की आवश्यकता है। शिविर में सामाजिक कार्यकर्ता भागचंद निकटपुरी, श्रवण रेगर, रोशन लाल रेगर, मुकेश महावर, अर्जुन माल्या, सुनीता बेरवा, मातादीन रैगर आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे। उक्त शिविर में दौसा जिले के विभिन्न ब्लॉकों से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।