बहन ही निकली भाई की दुश्मन, प्रेमी से मिलकर करवाई भाई की हत्या गंगरार कस्बे में कुए में मिली लाश की हत्या का खुलासा।

5 दिसम्बर को गंगरार कस्बे में कुवें में मिली एक युवक की लाश की हत्या के मामले में गंगरार थाना पुलिस ने खुलासा करते हुए मृतक की बहिन सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है,

बहन ही निकली भाई की दुश्मन, प्रेमी से मिलकर करवाई भाई की हत्या गंगरार कस्बे में कुए में मिली लाश की हत्या का खुलासा।

बहन ही निकली भाई का दुश्मन प्रेमिका से मिलकर करवाई भाई की हत्या
गैंग कस्बे में कुए में मिली लाश की हत्या का रहस्य।

5 जंजीरों को गंगरार कस्बे में कुवें में मिले एक युवक की लाश की हत्या के मामले में गंगरार थाना पुलिस ने खुलासा करते हुए झंडों की बहिन समेत तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है, वहीं एक बाल अपचारी को हिरासत में लिया है। फ्रेड्रिक की बहन ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर सगे भाई की हत्या की थी। उसकी बहन अपनी बिरादरी में करवाना चाहती थी, जबकि दस बहिन अपनी पसंद से प्रेमी के साथ जाना चाहती थी। कनिष्क ने व्यूमम फिल्म को देखकर मर्डर करने की भ्रांति देखी।
  दूसरे पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि गंगरार कस्बे में 5 को हनुमान मंदिर के पीछे की ओर, किले के नीचे, पहाड़ी के निशान में करीब 150-200 फीट नीचे कुए में अज्ञात व्यक्ति की हत्या कर बिना सिर का फंडा मिले व ही दिन उसका सिर भी मिलने पर सामाजिक मिदिया के माध्यम से घसीटता घोर घोर निवासी मध्य प्रदेश के ऐरिया पुलिस थाना गरोठ जिला मन्दसौर हाल भाणेज शान्ति रायकावासी भाटखेड़ा पुलिस थाना गरंगर निवासी 23 साल के लड़के गोविंद राय का रूप में हुई थी। घटना के संबन्ध महाहैन्द्र रायका के मामा शान्तिलाल रायकावासी भाटखेडा पुलिस थाना गंगरार की रिपोर्ट पर थाना गंगरार पर थाना गंगरार पर हत्या व विनाश की धाराओ अनाक मुल्जिमानो की स्थिति दर्ज कर जांच थानाधिकारी गंगरार शिवलाल मीना द्वारा की गई।
    घटना की गम्भीरता के मद्देनजर एसपी राजन दुष्यंत व एसपी अर्जुन सिंह के निर्देश पर पुलिस उप अधीक्षक भवानी सिंह के नेतृत्व में एस शिवाजी लाल मीना वथाना गंगरार से एएसआई नगजीराम, भैरूलाल, अमीचन्द, हद कानि धर्मेन्द्र, नरेंद्र व कानी धर्मपाल, ओमप्रकाश, भीवाराम , माधवलाल, रोशनलाल, कालूराम, मनीष, वेदराम, राजेश व सायबर सैल से हैड कानि प्रिंस, कानि रामावतार व कमलेश, प्रवीण की अलग-अलग गठबंधन ने समानता पैदा की। 
  मोटोबीर से मिले सुचना के अनुसार जंजीर महेंद्र के ननिहाल के गांव भाटखेड़ा जहां ज़िंक की माँ आजोदिया बाई व उसकी बहेन तनू उर तनिष्का दो साल से रह रही है। जहां एक दशक में महावीर धोबी निवासी गंगरार का अपना घर जाना जाता है और जंजीरा की बहिन तनू उरी तनिष्का से महावीर धोरे का अवैध संबंध है। जिस पर एक दशक महावीर धोबी की गतिविधीयों पर नजर गम्भीरता से जांच-पड़ताल की गई तथा तकनिकी रूप से जांच की गई।जांच से पांचवीं महावीर धोबी की गतिविधी संदिग्ध पाई जाने से पंच महावीर धोबी को शुक्रवार को शाम के समय गणेश घाटी के पास पहाड़ी से डिटैन कर गहनता से पुछताछ की तो घटना महावीर धोबी ने रें लेख रायका की बहिन तनिष्का आपराधिक शाबा रचकर अपने अन्य साथी कस्बा गंगरार निवासी 20 वर्षीय महेन्द्र पुत्र पन्नालाल धोबी व एक अन्य बाल अपचारी के साथ मिलकर महेंद्र राय की हत्या करना कबुल किया। जिस पर दूसरे पंच पंच धोबी को भी गणेश घाटी गंगरार से शुक्रवार को शाम के समय जमा करने के बाद हर दो घंटे में गणो को गिरफ्तार किया जाता है।घटना में शामिल एक अन्य बाल अपचारी को शनिवार को बंधुआ बना लिया गया और सामूहिक महेंद्र रायका की बहन 19 साल तनू अर तनिष्का पुत्र गोविन्द रायकावासी ऐरिया पुलिस थाना गरोठ जिला मन्दसौर हाल निवासी ननिहाल भाटखेड़ा पुलिस थाना गंगरार जिला चितौडगढ को शनिवार को उससे भाटखेडा से लेने के बाद पुछताछ गिरफतार हो गया।

पुलिस पूछताछ में बरामदगी की स्वीकारोक्ति-

पंच महावीर धोबी ने बताया की मेरी जान पहचान भाटखेड़ा में रहने वाली तनू रायका से आज से करीब 3 साल पहले हुई थी। वह अपनी माँ व बह छोटीिन एवं भाई के साथ भाटखेड़ा में रहती है। मैं व तनूदोनो मोबाइल फोन पर बात करने लग गया। मेरे व तनू रायका दोनो के बीच अवैध संबंध हो गए। आज से करीब दो साल पहले तनु ने अपनी छोटी बहिन से मेरे राखी बांधकर कर धर्म का भाई बनाया। उसके बाद मैं तनू के घर आने लग गया। मेरे द्वारा तनू को कुजने फिराने व काम से लेकर जाने और हमारे आप में बात करने की जानकारी उसके भाई महेंद्र को पता चली तो वह मेरे को एक तो, घर पर न आने की बात करने के लिए मना करने लगा। उसके बाद तनु से मने 40000 रुपये कर्ज के लिए थे। जिसकी जानकारी मेरे भाई महेंद्र को चल गई जो मेरे से आई दिन पेसो की मांग करने लगा। इसी दौरान महेन्द्र व उनकी बहिन तनु की सगाई समझौते-साटे में उज्जेन की तरफ कर दी। इस पर तनु ने मुझे बताया कि वहां शादी नहीं करना चाहती में तुमसे शादी करना चाहती हूं। पहले तो तनु ने अपनी मां से शादी के बाद में करने के लिए अफवाह उड़ाई। लेकिन 11 नवंबर को तनु का भाई घर आया तो जल्दी शादी करने की जाड़ करने लगा। तनु ने मुझे बताया कि मेरे व मेरे भाई महेंद्र की फरवरी में शादी करने वाले है। जिस पर मेने व तनु ने प्लान बनाया की महेंद्र आए दिन पेसो की भी मांग करता है और शादी की भी जाड़ कर रहा है। इसे रास्ते से हटाते हैं जो न ही तो पेस देंगे और न ही शादी करेंगे। अपन ही आप में मिलेंगे। योर व तनू ने ही महेंद्र को मारना व हमारे बिच से हटाने की योजना बनाई एवं योजना के अनुसार सदस्यों और मेरे अन्य साथियों के साथ मिलकर 16 वोटरों को महेंद्र रायका की हत्या कर दी। दसवीं महेन्द्र धोबी ने पुछताछ पर बताया की मैंने इस घटना के दृश्य फिल्म को देखकर योजना बना कर कर ली है। 

चलने का तरीका:-

 11 चक्कर को महेंद्र रायका जो मंदसौर में होटल ढाबो पर काम करता था जो अपने घर आया था। दुसरे दिन महेंद्र की बहिन तनू व छोटी बहिन को बुआ जी के घर ब्रथडे पार्टी में कोटा जाना था। वीजा महावीर धोबी अपनी वैन में बिठाकर चितौडगढ तक छोड़ दिया था। उस दिनांकित सिकंदर की बहिन तनू ने पंच महेन्द्र धोबी को कहा था कि महेन्द्र घर आ गया है, हम कोटा से वापस आयेंगे उस दिन महेंद्र को गिरा है। 16 दृष्टि को तनू व उसका बहिन दोनो कोटा से घर आ रहा था। जहां योजना के अनुसार तनू द्वारा अपने भाई महेन्द्र रायका को मोमोबाइल फोन करके कहा कि मैं आ रहा हूं, तु महावीर धोबी की मोटरसाइकिल लेकर हमें लेने गंगरार चौराहों पर जाना चाहिए। जिस पर महेन्द्र रायका घर से दिन के समय पैदल ही गंगरार के लिए रवाना हो गए। तनू द्वारा भाई महेंद्र की कल्पना महावीर धोबी को बताई गई तो, महावीर धोबी स्वयं की वैन लेकर भाटखेड़ा की तरफ गए और जहां रास्ते में ही महेंद्र रायका को बिठाकर ले आए। महावीर धोबी लेकर महेंद्र रायका को गंगरार किले पर हनुमान जी के मंदिर के पास चला गया और वहां महावीर धोबी ने अपने साथी महेंद्र धोबी व अन्य साथी बाल अपचारी को बुलाया और अपने दोनो साथ मिलकर महेंद्र रायका की हत्या करने की योजना बनाई। किले के सभी पात्र गांजा पिया। वैन में बैठेकर शरणेश्वर महादेव मंदिर से आगे सुनसान जगह पर ले गए अंधेरे होने के बाद तीनो ने एक साथ मिलकर गमछा (तोलिया) से महेंद्र रे बारी का गला घोट दिया और लाश को ठिकाने लगाने के लिए बिजली के तार से हाथ पैर व बांध दिया। हत्या करने के बाद रात करीब 10-11 बजे लाश को किले पर ले गए, किले को पिछे स्थित कुए में डाल दिया और अपने घर चले गए। 
    योजना के अनुसार पुलिस पकड से बचें व पुलिस को दर्ज करने के लिए जिलों महेंद्र रायका का मोमोबाइल फोन को चालू कर दिया और 05 दिन बाद 21 वोटिंग को महावीर धोबी द्वारा स्वयं के मोजाइल को गंगर में ही रख कर लें महेंद्र रायका के मोमोबाइल को लेकर रेल्वे स्टेशन चितौडगढ से ट्रेन में मंदसौर संदेश। मंदसौर रेल्वे स्टेशन उतर कर मन्दसोर में महाराणा प्रताप सर्किल के पास मोबाईल को चालू किए जाने के बाद योजना के अनुसार तनु ने महेंद्र रायका के फोन पर कॉल किया हुआ महावीर धोबी ने कॉल उठाया। वहां से फोन को रोड के किनारे पर संबंध महावीरबी फिर से ट्रेन में गंगरार आ गए। तनु ने अपनी मां व छोटी बहन को चलने के लिए कहा कि 21 वोटिंग को मेरे भाई महेंद्र से बात हुई है व मंदसौर की तरफ गाडी पर है। जबकि आरापियों ने गैंग की बहत तनू के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचकर 16 को ही महेंद्र की हत्या कर दी थी।
     हत्यारे के साथी धोखेबी पर पुलिस को उसी दिन शंका हो गई थी जब गंगरार पुलिस द्वारा 5 दिसंबर कुए से शव को निकालने के दौरान लाश को निकालने के दौरान धोबी पुलिस की कार्रवाईयो पर नजर रखना और पुलिस की सहानुभूति लेने के लिए लाशों का कुए से बाहर निकलने वाले लाश को अंतिम रूप से स्पष्ट करने में जान बुझ कर आगे आकर पूरा सहयोग कर रहा था। जब पुलिस द्वारा महेंद्र रायका के हाथ पर कुछ लिखा है या नहीं यह जानने के लिए झंडे के हाथ फिनाइल से कर रहे लाइट के उजाले से देख रहे हैं तो पुलिस को जंजीर के हाथ पर कमलेश राय का लिखा हुआ जैसा कि दिया गया नाम बोला गया तो उस समय मौजूद पंच महाचंद्र धोबी ने नाम की बात की इस हाथ पर लिखा नाम कमलेश रायका नहीं, अलग रायका है।