सकल जैन समाज ने श्री सम्मेद शिखर जी बचाओं आन्दोलन के समर्थन में मौन जुलूस निकाल सौंपा ज्ञापन।

झारखण्ड राज्य सरकार की अनुशंषा पर गिरीडिह जिले में स्थित पार्श्वनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के वन्य जीव अभ्यारण, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटीव जोन के अन्तर्गत जोनल मास्टर प्लान, पर्यटन, धार्मिक सूचि से बाहर निकाले जाने की मांग को लेकर गुरूवार को निम्बाहेड़ा के सकल जैन समाज द्वारा राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के सम्बोधन का ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सौंपते हुए इस पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने का आदेश जारी कर समाज के साथ न्याय करने की मांग की।

सकल जैन समाज ने श्री सम्मेद शिखर जी बचाओं आन्दोलन के समर्थन में मौन जुलूस निकाल सौंपा ज्ञापन।

सकल जैन समाज ने श्री सम्मेद शिखर जी बचाओं आन्दोलन के समर्थन में मौन जुलूस निकाल सौंपा ज्ञापन।

 झारखण्ड राज्य सरकार की अनुशंषा पर गिरीडिह जिले में स्थित पार्श्वनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के वन्य जीव अभ्यारण, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटीव जोन के अन्तर्गत जोनल मास्टर प्लान, पर्यटन, धार्मिक सूचि से बाहर निकाले जाने की मांग को लेकर गुरूवार को निम्बाहेड़ा के सकल जैन समाज द्वारा राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के सम्बोधन का ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सौंपते हुए इस पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने का आदेश जारी कर समाज के साथ न्याय करने की मांग की।

उपखण्ड़ अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से सकल जैन समाज ने बताया कि 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुसंशा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड मे गिरिडिह जिले के मधुबन मे स्थित सर्वोच्च जैन शाश्वत् तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर इको सेंसिटीव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना क्रमांक 2795 (ई) बिना जैन समाज के आपत्ति या सुझाव लिये जारी की थी।

ज्ञापन के माध्यम से बताया कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनन्त सन्तो की मोक्ष स्थली होने के कारण श्री सम्मेद शिखर जी का कण कण प्रत्येक जैन के लिए पूज्यनीय व वन्दनीय है। सूचना के अधिकार के तहत केन्द्रीय वन मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पारसनाथ तीर्थराज को इको सेन्सिटीव जोन मे घोषित किये जाने के पूर्व झारखंड सरकार या वन मन्त्रालय द्वारा कम से कम दो राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों और एक स्थानीय भाषा के समाचार पत्र मे आरम्भिक अधिसूचना प्रकाशित किये जाने के साथ मधुबन मे सैकड़ो वर्षों से कार्यरत जैन संस्थाओं को कोपी उपलब्ध नही कराई गयी, जिसके विरोध मे विश्व जैन संगठन द्वारा 17 मार्च 2022 को केन्द्रीय वन मंत्रालय और झारखंड सरकार को इसे रद्द करने हेतु याचिका भेजी गयी।

इस पर मंत्रालय द्वारा कोई कार्यवाही नही करने पर विश्व जैन संगठन द्वारा 26 मार्च 2022, 6 जुन 2022 और 2 अगस्त 2022 को जैन संस्थाओं, जैन बन्धुओं द्वारा देशव्यापी शान्तिपूर्ण विरोध करने के साथ ही पत्र लिखकर कार्यवाही हेतु निवेदन किया गया, लेकिन याचिकाओं पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गयी।

ज्ञापन के माध्यम से जैन समाज ने राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि गत 15 जनवरी 2022 को पारसनाथ पर्वतराज पर हजारों लोगो की भीड़ चढ़ी, लेकिन पर्वतराज की सुरक्षा एवं पवित्रता हेतु स्थानीय पूलिस एवं प्रशासन की कोई व्यवस्था नही थी, जिसके कारण अजैन लोगो ने पवित्र जैन तीर्थंकर मोक्षस्थलियों पर जुते चप्पल के साथ बैठकर उनका अपमान किया, जिसकी विडिय़ो वायरल होने पर सकल जैन समाज में आक्रोश पैदा हुआ और 27 जनवरी 2022 को विश्व जैन संगठन के साथ अनेको जैन संस्थाओं ने मांस मदिरा मुक्त पारसनाथ पर्वतराज व मधुबन को पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किये जाने, पर्वत पर जाने वाले यात्रियों के पंजिकरण, सीसीटीवी कैमरे, यात्रियों के सामान की जांच हेतु स्केनर एवं सीसीटीवी के साथ 2 चेक पोस्ट स्थापित किये जाने, पर्वत की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराने, शुद्ध पेयजल व चिकित्सा आदि सुविधाओं उपलब्ध कराने हेतु याचिका भेजी गई, लेकिन जैन समाज की मांगों पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गयी और यह अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ घोर अन्याय है।

यहीं नहीं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा भी 24 मार्च 2022 को समस्त जैन समाज के इन विषयों पर झारखंड सरकार और केन्द्रीय वन मंत्रालय को कार्यवाही करने हेतु लिखने की जानकारी दी गयी थी, लेकिन उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नही की गयी। सकल जैन समाज ने रात्नष्टपति एवं प्रधानमंत्री से जैन समाज की इन मांगों पर शीघ्र संज्ञान लेकर तुरन्त कार्यवाही करने के आदेश जारी कर अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ न्याय करने का आग्रह किया है।

ज्ञापन देने से पूर्व निम्बाहेड़ा सकल जैन समाज ने आदर्श कॉलोनी स्थित श्री राजेन्द्र सूरि ज्ञान मंदिर से पोस्ट ऑफिस, शेखावत सर्कल होते हुए महाराणा प्रताप सर्कल से एसडीएम कार्यालय तक मौन जुलूस निकाल कर झारखण्ड सरकार की अनुसंशा पर विरोध अर्ज करवाया।

इस दौरान पूर्व विधायक एवं जैन जागृति सेंटर के अशोक नवलखा, महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति संयोजक शान्तिलाल मारू, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ अध्यक्ष मोतीलाल रांका, साधुमार्गाी जैन श्रावक संघ अध्यक्ष रतनलाल पोरवाल, श्री श्वेताम्बर त्रीस्तुतिक संघ अध्यक्ष मनीष बाबेल, दिगंम्बर जैन समाज के अध्यक्ष सोहनलाल जैन, श्वेताम्बर तपागच्छ संघ अध्यक्ष मुकेश नागोरी, विजयगच्छ संघ अध्यक्ष समरथमल सिंघवी, खतरगच्छ संघ अध्यक्ष कमल डागा, तेरापंथ संघ अध्यक्ष बाबूलाल सिंघवी, भारतीय जैन संगठना के अध्यक्ष विरेश चपलोत, जैन सोश्यल ग्रुप अध्यक्ष दिलीप हिंगड़, महावीर इंटरनेशनल अध्यक्ष आशीष बोड़ाना, समता युवा संघ अध्यक्ष देवेंद्र सालेचा, जैन दिववाकर युवक परिषद अध्यक्ष कमलेश दुग्गड़,महावीर इंटरनेशनल की जोन चेयरपर्सन सरोज ढेलावत, जैन श्वेताम्बर सोशल ग्रुप के अभय नलवाया, महावीर इंटरनेशनल पद्मिनी की अध्यक्षा प्रीति खेरोदिया, अम्बिका ग्रुप की अध्यक्षा रेणु कोठारी, जैनम ग्रुप की अध्यक्षा डिम्पल मारू, जैन सोशल ग्रुप ओके अध्यक्ष हिम्मत सिंह भाणावत, सीमा पारख, अंगुरबाला सेठिया, उषा सिसोदिया, सीमा ढेलावत, रिंकुराज सिंघवी, विमला सिरोहिया, रानी लोढ़ा, मोनिका नागोरी, राजुल मेहता, ममता काला, सुनीता जैन, इंदुबाला सोनी, प्रदीप मोदी, रवि मोदी, अशोक खेरोदिया, आनन्द सालेचा, अखिलेश जैन, सिद्धराज सिंघवी, ज्ञानचंद ढेलावत, सुरेश खेरोदिया, नितिन नागोरी, मनोज सोनी, दिलीप बक्षी, पारस वीरवाल, दिलीप पामेचा डॉ. कमल नाहर, महावीर सिंघवी, मनीष ढेलावत, अतुल सेठिया, गजेंद्र छाजेड, अभिनव मारू, हन्नि मारू, कमलेश दुग्गड, मनोज पटवारी, विमल कोठारी सहित सैंकडों की संख्या में जैन समाज के स्त्री पुरूष मौजूद रहे। ज्ञाापन का वाचन डॉ. जे.एम. जैन ने किया।