कन्नौज की भारती रेगर ने 93%के साथ बारहवीं कला संकाय में रही अव्वल सहज भाव से हासिल की यह उपलब्धि

ग्रामीण अंचल में शिक्षा की गुणवत्ता की कसौटी पर खरी उतरने वाली भारती रेगर ने 93%अंक प्राप्त कर चितौड़ गढ़ जिले नाम गोरांवित किया

कन्नौज की भारती रेगर ने 93%के साथ बारहवीं कला संकाय में रही अव्वल सहज भाव से हासिल की यह उपलब्धि

कन्नौज की भारती रेगर ने 93%के साथ बारहवीं कला संकाय में रही अव्वल सहज भाव से हासिल की यह उपलब्धि

ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़

रिपोर्ट्: रोशन लाल रेगर । निहाल दैनिक समाचार कपासन :

ग्रामीण अंचल में शिक्षा की गुणवत्ता की कसौटी पर खरी उतरने वाली भारती रेगर ने 93%अंक प्राप्त कर चितौड़ गढ़ जिले नाम गोरांवित किया ।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कन्नौज में अध्ययन करने वाली भारती रेगर ने अपनी गुणवत्ता युक्त शिक्षा में सुविधाओं को बाधक नहीं माना । सुविधाएं कम ज्यादा हो मायने नहीं रखती है । लक्ष्य अटल होना चाहिए साथ ही ठान ली तो जीत है मान ली तो हार कहावत को चरितार्थ कर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी । भारती ने बताया कि मेरे माता पिता मजदूर वर्ग से आते हैं । नियमित मजदूरी करते हैं मेरी शिक्षा पर खर्च राशि उनके खरे पसीने की एक एक बूंद से सिंचित राशि है । मैने यह प्रेरणा माता पिता के कठिन परिश्रम से ली है । साथ ही मेरी उपलब्धि का सारा श्रेय मेरे माता पिता एवम् मेरी कक्षा अध्यापिका हंसा तोषनीवाल, व्याख्याता शान्ति लाल मीणा, सतीश कुमार दाधीच एवम् विनोद कुमार दायमा को देती हूं जिनके अथक प्रयासों मुझे यह उपलब्धि मिली है । भारती ने बताया कि मुझे शुरू से ही पढ़ने से लगाव रहा । और मैने पढ़ाई को कभी बर्डन नहीं माना है । काफी सहज तरीके से पढ़ती हूं जब भी मन करता है तब पढ़ती हूं । कभी भी पांच छह घंटे नहीं पढ़ी घंटे दो घंटे पढ़ती और फिर जब भी समय मिलता और पढ़ती । स्कूल और घर के समय को बर्बाद नहीं करती । विद्यालय प्रशासन एवम् परिजनों की सदैव आज्ञाकारी रही । मेरा लक्ष्य सिर्फ माता पिता की मजदूरी के पसीने की बूंद का कर्जा चुकाना है शिक्षिका बन कर समाज सेवा करना है । जब आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी और समय साथ देगा तो प्रशासनिक सेवा के रुप में भी सेवा देंगे । लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए बी एस टी सी कर प्राथमिक विद्यालय शिक्षक बनना है । मेरे पूरे परिवार में खुशी का माहौल है ।