कांग्रेस और भाजपा के मुग़ालते‼️**सचिन और वसुंधरा को दर किनार करने की चालों का भविष्य फल!!*_*कई सवालों से बात करता ब्लॉग!
कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों ने अब राजस्थान में विजय पताका फहराने के लिए सिर से एड़ी तक का ज़ोर लगाना शुरू कर दिया है। दोनों ही पार्टियों ने एक के बाद एक मैराथन बैठकें आयोजित कर आंतरिक नेताओं के बीच ताल मेल बैठाना प्रारम्भ कर दिया है।*

कांग्रेस और भाजपा के मुग़ालते‼️**सचिन और वसुंधरा को दर किनार करने की चालों का भविष्य फल!!*_*कई सवालों से बात करता ब्लॉग!
संवादाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़
कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों ने अब राजस्थान में विजय पताका फहराने के लिए सिर से एड़ी तक का ज़ोर लगाना शुरू कर दिया है। दोनों ही पार्टियों ने एक के बाद एक मैराथन बैठकें आयोजित कर आंतरिक नेताओं के बीच ताल मेल बैठाना प्रारम्भ कर दिया है।*
*कांग्रेस पार्टी में राजस्थान की जीत के लिए सचिन और गहलोत के बीच तारतम्य बैठाना सबसे ज़रूरी था सो उन्होंने फौरी तौर पर बैठा दिया है। दोनों के बीच की दूरियाँ भले ही रत्ती भर भी न मिटी हों मगर हाईकमान यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि दोनों नेता चुनाव जीतने के लिए मिलकर जी जान लगा देंगे।*
*मैं कई बार लिख चुका हूँ कि सचिन और गहलोत के बीच सुलह कराना ठीक उसी प्रकार है जैसे ज़मीन और आसमान को एक हो जाने का दावा करना। सचिन को यह समझा दिया गया है कि चुनाव में उनके कहे अनुसार टिकिट बांटे जाएंगे। कहा गहलोत को भी यही गया है मगर जग ज़ाहिर है कि हाईकमान गहलोत से कई घटनाक्रमों में मात खा चुका है। सोनिया, राहुल और प्रियंका सहित बाक़ी शीर्ष नेता भी उनसे वह नहीं करवा पाए जो करवाना चाहते थे इसलिए साफ़ बात यही है कि हाईकमान उनको अगला मुख्यमंत्री देखना पसंद करता ही नहीं। यह बात गहलोत भी समझते हैं। यही वज़ह है कि वह सचिन के बदले और नर्म पड़े तेवरों के पीछे छिपे सत्य पर यक़ीन नहीं कर रहे।*????♂️
*मैंने पहले भी कहा और अब फिर से कह रहा हूँ कि सचिन समझदारी से काम ले रहे हैं। वह चुनाव जीतने पर ज़ोर दे रहे हैं । किसी पद को पाने की तलब उनके दिल मे दफ़्न हो चुकी है। उनको जीत दिख रही है और जीत हाँसिल करने के बाद उनको लग गया है कि मुख्यमंत्री वही होंगे। गहलोत भी बच्चे नहीं जो उनके और हाईकमान के इस खेल को न समझें।*????
*मित्रों! मान कर चलिए! दोनों नेताओं के बीच दिखाई जा रही सुलह का शांति काल एक महिने भी नहीं चलेगा। टिकिटों की बंदर बांट के समय फिर नकारा निकम्मे शब्द पुनर्जीवित हो जाएंगे।सचिन और गहलोत के बीच स्थापित किया गया शीत युद्ध परमाणु युध्द में बदल जाएगा।*????
*आने वाले समय में यह सब आप देख लेंगे।*????♂️
*उधर भाजपा में भी दिल्ली में बैठे जुड़वाँ भाई असमंजस में हैं। सांप छुछन्दर जैसी स्थिति है। न हड्डी उगलते बन रही है न निगलते। जी हाँ, गले की फांस बनी हुई हैं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा! तेरी मेरी बने नहीं !तेरे बिना सरे नहीं!*????
*वसुंधरा के बिना चुनाव लड़ना चाहती है दिल्ली!दिल्ली क्या जयपुर भी इसी सोच की शिकार है। लगभग सभी शातिर नेता वसुंधरा को चुनावों से परे रख कर चुनाव लड़ना चाहते हैं। सब मिलकर दिल्ली के दिलों को यह यक़ीन दिलाना चाहते हैं कि पार्टी बिना वसुंधरा के भी सत्ता में आ जायेगी मगर जनता से जो फीड बैक आ रहा है उससे साफ़ लग रहा है कि चुनाव यदि बिना वसुंधरा के लड़ा गया तो किसी क़ीमत में चुनाव जीतना सम्भव नहीं होगा।*❌
*चुनाव संचालन समिति बना दी गयी है। इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी ने अपनी कार्यकारिणी बनाई। सब जगह कुछ चतुर बल्कि कहिये धूर्त नेताओं ने वसुंधरा को दूर रख कर मनोनयन किया। एक भी वसुंधरा समर्थक को कार्यकारिणी में जगह नहीं दी गयी।*????
*अब एक बार वही शातिर लोग सवाईमाधोपुर की महत्वपूर्ण बैठक में अपनी करनी से बाज़ नहीं आने वाले।*????
*आज पार्टी के बहुत ही शानदार रणनीतिकार बी एल संतोष सवाईमाधोपुर आ रहे हैं। विजय संकल्प कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने।प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सह प्रभारी विजया राहटकर की मौज़ूदगी में बैठक होगी। इसमें प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी , किरोड़ी लाल मीणा, घनश्याम तिवारी, वासुदेव देवनानी रणथंभौर पहुंच चुके हैं।*
*कहने को वसुंधरा को भी बैठक में बुलाया गया है मगर उनकी स्थिति दांतों के बीच ज़ुबान जैसी ही होगी।*????
*पार्टी के संगठन महासचिव चन्द्र शेखर भी पहले से ही पटकथा लिखने के लिए रणथंभौर पहुंच गए थे। पूरा राजस्थान चंद्रशेखर जी की महिमा से वाकिफ़ है। हर कार्यकर्ता उनके चेहरे से भली भांति परिचित है। पार्टी का पहाड़ उन्होंने ही अपनी उंगली पर उठा रखा है। जब तक वह राजस्थान भाजपा में हैं तब तक पार्टी उनके सोच का लाभ(?) उठाएगी।*????
*ज़ाहिर है कि चन्द्र शेखर पार्टी का नुक़सान नहीं होने देंगे। वसुंधरा को लेकर उनके सोच में बदलाव आएगा।न भी आया और उनकी मनोकामना पूर्ण होगी। यक़ीन है।*????
*वसुंधरा को चुनावों में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाए या नहीं ? इस सवाल का उत्तर बहुत जल्दी तलाश लिया जाएगा। इसी उत्तर में छिपा होगा भाजपा की जीत हार का जवाब।????*
_*बादशाह अनारकली को जीने नहीं देंगे और सलीम मरने नहीं देंगे।*_????