पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान बचाव हेतु आवश्यक उपाय करें

चित्तौड़गढ़ 5 जनवरी। उपनिदेशक, उद्यान, डॉ शंकर लाल जाट ने बताया कि जिले में फसलों, सब्जियों एवं बगीचों में पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान भाई विभाग की एडवाइजरी अनुसार फसलों को बचाने हेतु उपाय करें

पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान बचाव हेतु आवश्यक उपाय करें
पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान बचाव हेतु आवश्यक उपाय करें
पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान बचाव हेतु आवश्यक उपाय करें
पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान बचाव हेतु आवश्यक उपाय करें
पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान बचाव हेतु आवश्यक उपाय करें

पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान बचाव हेतु आवश्यक उपाय करें

चित्तौड़गढ़ 5 जनवरी। उपनिदेशक, उद्यान, डॉ शंकर लाल जाट ने बताया कि जिले में फसलों, सब्जियों एवं बगीचों में पाला पडने की संभावना को देखते हुए किसान भाई विभाग की एडवाइजरी अनुसार फसलों को बचाने हेतु उपाय करें

। पाला रात में विशेषतया 12 से 4 बजे के बीच पड़ता है। पाला पड़ने का पूर्वानुमान होने पर खेत की उत्तरी दिशा में अर्धरात्रि में सूखी घास फूस, सूखी टहनियां, पुआल आदि को आग लगाकर धुंआ कर फसलों को पाले से बचाया जा सकता है। धुआं करने से खेत में गर्मी बनी रहती है और फसलों के पौधों के चारों और तापमान में गिरावट नहीं आती है। आग इस प्रकार ढेरियां बना कर लगाएं कि खेत में फसल के ऊपर धुएं की एक पतली परत बन सकें। जितना अधिक खेत में धुआं फैलेगा, तापमान उतना अधिक बना रहेगा। अधिक धुआं उत्पन्न करने के लिए घास-फूस, सूखी टहनियां, पुआल आदि के साथ इंजन के जले हुए तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।

पाले का पूर्वानुमान होने पर खेत में हल्की सिंचाई से भूमि गर्म और नम बनी रहती है। सिंचाई करने से भूमि का तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। किसानों के पास फव्वारा सिंचाई की सुविधा हो तो फव्वारा से सिंचाई करना लाभदायक रहता है। जिस दिन पाला गिरने की संभावना हो तो फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें। एक लीटर गंधक के तेजाब को एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। गंधक के तेजाब का असर दो सप्ताह तक रहता है। गंधक के तेजाब का छिड़काव करने के लिए केवल प्लास्टिक स्प्रेयर का ही उपयोग करना चाहिए। छिड़काव करते समय ध्यान रखें कि पूरे पौधे पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगे। पाला गिरने की संभावना हो तो 15 दिनों के अन्तराल पर पुनः छिड़काव करना चाहिए।