बाल संरक्षण संबंधित जागरूकता अभियान के दौरान बस्सी पुलिस थाना क्षेत्र में हुए आयोजन। (जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम जारी)

चित्तौड़गढ़ , 11 जुलाई। पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ श्री सुधीर जोशी के निर्देशन में बाल संरक्षण विषयों पर व्यापक जागरूकता के लिए वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को चित्तौडगढ ग्रामीण वृत्त के बस्सी पुलिस थाने में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बाल संरक्षण संबंधित जागरूकता अभियान के दौरान बस्सी पुलिस थाना क्षेत्र में हुए आयोजन।  (जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम जारी)
बाल संरक्षण संबंधित जागरूकता अभियान के दौरान बस्सी पुलिस थाना क्षेत्र में हुए आयोजन।  (जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम जारी)
बाल संरक्षण संबंधित जागरूकता अभियान के दौरान बस्सी पुलिस थाना क्षेत्र में हुए आयोजन।  (जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम जारी)

बाल संरक्षण संबंधित जागरूकता अभियान के दौरान बस्सी पुलिस थाना क्षेत्र में हुए आयोजन।

(जिला पुलिस द्वारा युनिसेफ के सहयोग से बाल संरक्षण हेतु वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम जारी)

चित्तौडगढ़, 11 जुलाई। पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ श्री सुधीर जोशी के निर्देशन में बाल संरक्षण विषयों पर व्यापक जागरूकता के लिए वृत्त स्तरीय जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को चित्तौडगढ ग्रामीण वृत्त के बस्सी पुलिस थाने में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

वृत्ताधिकारी रामेश्वर लाल के मार्गदर्शन में थानाधिकारी पुलिस थाना बस्सी जयेश पाटीदार द्वारा थाना क्षेत्र के बस स्टेण्ड क्षेत्र में जागरूकता कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में तहसीलदार गजराज मीणा ने बताया कि बालकों को आम नागरिकों से कुछ ज्यादा अधिकार संविधान द्वारा प्रदान किए गए हैं जिनके संरक्षण की जिम्मेदारी प्रशासन के साथ ही आमजन की भी है। उन्होने पुलिस द्वारा जागरूकता के लिए युनिसेफ के सहयोग से किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए नुक्कड नाटक के माध्यम से दी जा रही जानकारी को अमल में लाने तथा किसी भी दुव्यर्वहार की स्थिति में प्रशायन को सूचना देने के लिए प्रेरित किया। 

     कार्यक्रम में थानाधिकारी जयेश पाटीदार द्वारा बाल नशावृति के विरूद्ध उपस्थित लोगो को जागरूक करते हुए बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को किसी भी प्रकार का मादक पदार्थ, शराब या अन्य मन स्वापक पदार्थ देना प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना, बेचना परिवहन कराना भी अधिनियम की धारा 77 एवं 78 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होने उपस्थित आमजन तथा प्रतिभागियों को बताया कि वर्तमान समय में बालकों में यातायात नियमों के उल्लघन, साइबर अपराधों, नशावृति बाल श्रम तथा बाल विवाह जैसी समस्याओं से सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से ही रोक लगाई जा सकती है। उन्होने उपस्थित प्रतिभागियों से अपने आस-पास के क्षेत्र में बाल नशावृति, बाल श्रम बाल विवाह जैसी घटनाओं की सूचना प्रशासन एवं पुलिस को देने तथा साइबर अपराधों के मामलों में हेल्पलाईन 1930 सहित साइबर पुलिस थाने पर त्वरित रूप से रिपोर्ट करने के लिए सुझाव दिए। 

     कार्यक्रम के आयोजन में उदयपुर रेंज पुलिस और युनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में संचालित पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम अंतर्गत तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया गया। बाल कल्याण पुलिस अधिकारी बस्सी थाने के लाल चन्द्र द्वारा बताया गया कि किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के बालक से किसी प्रकार का विधि विरूद्ध श्रम कराना अधिनियम की धारा 79 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होने बाल श्रम नियमन एवं प्रतिषेध अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि 14 से कम उम्र के किसी भी बच्चे से विधि विरूद्ध कार्य कराना अपराध है, जबकि 14 से 18 वर्ष के बालकों को किसी जोखिम भरे कार्य में नियुक्त करना अपराध है।

*बस स्टेण्ड पर आमजन और समुदाय पुलिसिंग सदस्यों द्वारा नुक्कड नाटक से ली सीख :-* कार्यक्रम आयोजन से पूर्व थाना क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों द्वारा स्पीकर्स के माध्यम से आमजन को जागरूकता कार्यक्रम में आने के लिए आमत्रित किया गया और बस स्टेण्ड पर होने से समुदाय सदस्यों के साथ आमजन ने नुक्कड नाटकों को देखा। कार्यक्रम के दौरान डूंगरपुर जिले के आसपुर से बहुमुखी सांस्कृतिक मंच के कमलेश बामनिया एवं टीम द्वारा नुक्कड नाटकों का मंचन किया गया जिनमें प्रथम नुक्कड नाटक में बाल श्रम एवं बाल विवाह के दुष्प्रभावों तथा रिपोर्ट करने के तरीकों के बारे में बताया गया। इसी प्रकार दूसरे नाटक में यातायात सुरक्षा और नशावृति की रोकथाम के लिए समाज की भूमिका और नशावृति के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। नुक्कड नाटक के दौरान मुख्य कलाकार द्वारा यमराज की भूमिका में यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले युवाओं को आमजन से समझाइश की गई। कार्यशाला के अंत में थानाधिकारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में चित्तौडगढ ग्रामीण वृत्त के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि, आमजन एवं पुलिस थाने के अधिकारीगण उपस्थित रहें। फोटो केप्शन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अधिकारीगण एवं प्रतिभागी।