सिंधु समुद्र तट पर दिव्य नदी के स्पर्श से मन प्रसन्न

सिंधु समुद्र तट पर  दिव्य नदी के स्पर्श से मन प्रसन्न

निहाल दैनिक समाचार  / NDNEWS24X7

रिपोर्ट देवी लाल बैरवा जयपुर भारत

(कविता)

सिंधु समुद्र तट पर!

दिव्य नदी के स्पर्श से मन प्रसन्न

पवित्र जल से सिंचित उसका शरीर

ऊँचे पवित्र मिट्टी के बर्तन की ओर निकलते हुए

बहते पानी के बहने की संगीत ध्वनि में

एक से भी एक गोरे वकील मजे कर रहे थे

त्रिपुर में खूबसूरत मुलाकात कहाँ

आनंद का गंगाजल बह रहा था

हृदय तालाब शांत था

सिंधु अपनी गति से बह रही थी

शिव पूजा में कुछ समय ध्यान लगाया

पानी की नरम आवाज में आनंद लेते हुए

समय उन्हें जगा रहा है

अपनी खुशियां झोले में लेकर लौटने वाला हूँ

जब शालिग्राम का आभास हुआ सामने

खुशी और सौहार्द की निगाह में

| प्यार की नमकीन बिंदियाँ छलक गई

शालिग्राम हाथ में लेकर प्रार्थना करते हुए

संत चले अपनी अपनी कुटिया की ओर

नया साल आते ही इस अलौकिक दिन का उदय हुआ।

नाम -भवानी न्यौपाने (भावना)

जिल्ला -दाङ

प्रदेश -५

देश -नेपाल 

तुलसीपुर उपमहानगर पालिका तुलसीपुर ग लाइन दाङ ।