जरूरतमंद विद्यार्थियों को स्वेटर वितरण कर मेहता ने मनाया बेटी का जन्मदिवस

निहाल दैनिक समाचार
संवादाता बंशीलाल धाकड़ राजपुरा
20 दिसंबर
बेटी के जन्म दिवस पर देवदा व चारणखेड़ी स्कूल में बांटे 203 विद्यार्थियों को ऊनी कपड़े
बड़ीसादड़ी। उपखंड के देवदा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में भामाशाह धनपाल मेहता ने अपनी बेटी के जन्मदिवस पर देवदा विद्यालय के सभी 163 व चारणखेड़ी प्राथमिक विद्यालय के 40 विद्यार्थियों को मंगलवार को ऊनी वस्त्र वितरण कार्यक्रम में भाग लिया। धनपाल शेट्टी ने अपनी बेटी प्रियांशी का जन्मदिवस मित्रों को चयन वितरण कर मनाया। ठंड से ठिठुरते रहें दोस्तों को जब अच्छी क्वालिटी वाले का नाम दिया गया, तो जैकेट और मजे मिले तो उनके चेहरे खिल उठे। कुछ छात्रों को निहारते हुए, साक्षात्कार से हंसते हुए भी देखा गया। स्कूल में काम करने वाली तीन महिला कुक कम हेल्पर का भी इंटरव्यू ने दी शर्त। समारोह के मुख्य अतिथि धनपाल अयोजित ने विद्यार्थियों से कहा कि हमें जीवन में विश्वास का कार्य करना चाहिए। मुख्य अतिथि ने कहा कि मनुष्य का जन्म बार-बार नहीं होता। 84 लाख योनियों के बाद हमें मनुष्य जन्म मिलता है। ये अनमोल है. इसलिए जीवन में अपनी योग्यता के अनुसार कार्य करना आवश्यक है। फेथ ने छात्रों को जीवन में कभी भी नशा न करने का संकल्प दिलाया। छात्र को समझाते हुए कहा कि नशा करने से खुद का नशा होने के साथ-साथ परिवार, गांव और समाज का भी पतन हो जाता है। फेथ ने चिंता जताते हुए कहा कि समाज में आज नशा करने से बड़ी संख्या में परिवार खत्म हो रहे हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में भामाशाह धनपाल मेहता, उनकी धर्मपत्नी सनीता मेहता, पुत्री प्रियाशी व पुत्र मोहित की संस्था के प्रधान महेंद्र कुमार जैन एवं विद्यालय विद्यालय प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष भेरूलाल सुथार ने सफा एवं उपना व शॉल ओधा कर की शपथ ली। बेटी प्रियांशी के जन्मदिन पर मीता परिवार ने बच्चों को मुंह मीठा कराया। संस्था प्रधान महेंद्र कुमार जैन ने बेटी प्रियांशी को जन्मदिन की बधाई देते हुए पूरे मेहता परिवार को धन्यवाद दिया। होनहार की बेटी प्रियांशी ने अपने जन्मदिन पर छात्रों को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि वह नियमित अध्ययन कर पढ़ाई कर सकती हैं। बेटी प्रियांशी ने सभी बेटियों को शिक्षा के साथ संस्कारवान होने का संदेश दिया। संस्था प्रधान महेंद्र कुमार जैन ने बताया कि भामाशाह धनपाल ने पिछले दो दशकों में बीस हजार से अधिक विद्यार्थियों को ऊनी वस्त्र एवं गणेश पोखरियाल कर दिया है। भामाशाह धनपाल आस्था की यह शिष्या की प्रति सेवा एवं पुजारी काबिले मूल्य है। इस अवसर पर शिक्षक कमलेश वैष्णव, नरेंद्र सिंह तंवर, रामलक्ष्मण नागा, जगदीश चंद्र सुथार, शिक्षक रेखा पोखरना, शारीरिक शिक्षक रेखा जगदीश शर्मा, नागरिक शांतिलाल सुथार, भगवती दास वैष्णव और अवकाश बाई सेन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्णदास वैष्णव ने किया।