राजपुरा में भव्य कलश यात्रा के साथ 9 दिवसीय श्रीराम कथा प्रारंभ

राजपुरा में भव्य कलश यात्रा के साथ 9 दिवसीय श्रीराम कथा प्रारंभ

संवादाता बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा

4 मई

छोटीसादड़ी। उपखण्ड़ में क्षेत्र के बड़ीसादड़ी मार्ग पर स्थित राजपुरा गांव में श्री राम जानकी वाटिका में श्री राम जानकी दल व धाकड़ समाज एंव समस्त ग्रामवासियों के द्वारा शनिवार से 9 दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन प्रारंभ हुआ। कथा शुभारंभ के अवसर पर व्यासपीठ पर विराजित होकर कथा वाचक पंडित माणक चंद मेनारिया ने धर्मालुजनों को रामकथा के महत्व से परिचित कराया, धर्मसभा में कहा कि रामचरित्र मानस भारतीय धर्म व संस्कृति का प्रतिबिम्ब है। श्री राम कथा के प्रथम दिवस कथा शुभारंभ के मौके पर ग्रामवासियो द्वारा पोथी व कलश यात्रा निकली गई।  मंदिर से विशेष पूजा अर्चना के बाद पोथी व कलश यात्रा प्रारंभ हुई। कलश यात्रा बैण्ड बाजे के साथ पूरे गांव में निकाली गई। पंडित माणक चंद मेनारिया ने बताया कि रामचरित मानस केवल एक ग्रंथ नही बल्कि आर्यावृत्त की धर्म व संस्कृति को प्रकट करने वाला विशिष्ट पुराण है। उन्होंने आगे कहा कि रामचरित मानस की रचना कर महर्षि तुलसीदासजी ने भारतवासियो पर अंनत उपकार किया है। यह ग्रंथ शिव व हरी विष्णु की महिमा को एकाकार करने की प्रेरणा देता है। रामचरित मानस में शिव व पार्वती की कथा एवं उसके बाद प्रभु श्रीराम की कथा दोनो ग्रंथ में समाहित है। आपने कहा कि जो भी धर्मालुजन रामचरित मानस की पौथी का पूरे मन वचन काया से पूजन करते है तथा आपने अपने घरो में इसका पाठ करते है। उन्हे प्रभु शिव व प्रभु राम दोनों की कृपा प्राप्त होती है। जीवन में जब भी रामकथा सुनने का अवसर मिले उस अवसर को नहीं चुकने दे। प्रभु राम भारत की भूमि पर निवास करने वाले करोडो लोगों की आस्था व विश्वास के प्रतीक है। सीताराम धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि कथा के आयोजन को लेकर छोटे से लेकर वृद्धजनो में उत्साह है।महिलाओ ने कलशयात्रा में भाग लेकर भजनों पर खूब नृत्य किया।कथा श्रवण करने आसपास के विभिन्न गांवों से श्रद्धालुओं ने भाग लेकर कथा श्रवण का लाभ लिया ।