सी आई एस एफ ने मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की

सी आई एस एफ ने मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की
सी आई एस एफ ने मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की
सी आई एस एफ ने मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की
सी आई एस एफ ने मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की
सी आई एस एफ ने मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की
सी आई एस एफ ने मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की

जयपुर।सीआईएसएफ की यूनिट आठवीं वाहिनी एवं जयपुर एयरपोर्ट दोनों का चार्ज संभाल रहे कमांडेंट आशीष कुमार ने इन यूनिटों के बल सदस्यों एवं परिवारजनों के लिए *मेरी पुस्तक मेरा मित्र*, एवं *अंतर्मन का लेखा जोखा* कार्यक्रम शुरुआत की। *मेरी पुस्तक मेरा मित्र* में सभी सदस्य एक साथ बैठते हैं और धीमें संगीत में वहाँ रखी गयी सैकड़ों किताबों में से अपने पसंद की कोई भी किताब पढ़ते हैं और उसके कुछ पन्नों से क्या सीखा उस पर भी चर्चा करते हैं।पढ़ने की आदत से मानसिक उन्नति होती है एवं कुछ समय मोबाइल डिजिटल दुनिया से आवश्यक दूरी भी मिलती है। *अंतर्मन का लेखा-जोखा*  द्वारा बल सदस्यों को रोज डायरी लिखने की प्रेरणा दी गई जिससे वो अपने जीवन मे कृतज्ञता की बातें, रोजाना के जीवन से कुछ सीखने की बातें एवं अन्य विचारों को डायरी में लिखकर उन्हें अधिक सुसंगठित, प्रगतिशील बना सकें एवं नकारात्मक विचारों का प्रभाव कम कर सकें। वाहिनी के 260  एवं एयरपोर्ट के 175 जवानों एवं अधिकारियों ने इसमें भाग लिया।