मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी सेंटर का फैसला:- जाड़ावत*
महात्मा गांधीगा योजना के तहत मुखौटा की उपस्थिति (एनएमएमएस) द्वारा किया गया विरोध में नरेगा वह सरपंचों द्वारा किए गए प्रदर्शन पर अध्यक्ष विरासत प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जावत राज्य मंत्री ने बताया कि मतदाताओं व मतदाताओं की दावेदारी भाजपा की सत्ता सरकार का मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी वाला फैसला है, राज्य सरकार का नहीं है
*मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी सेंटर का फैसला:- जाड़ावत*
ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़
महात्मा गांधीगा योजना के तहत मुखौटा की उपस्थिति (एनएमएमएस) द्वारा किया गया विरोध में नरेगा वह सरपंचों द्वारा किए गए प्रदर्शन पर अध्यक्ष विरासत प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जावत राज्य मंत्री ने बताया कि मतदाताओं व मतदाताओं की दावेदारी भाजपा की सत्ता सरकार का मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी वाला फैसला है, राज्य सरकार का नहीं है
वे स्थानीय भाजपा सांसद एवं विधायक व जनप्रतिनिधियों से कहते हैं कि किसान मजदूर वर्ग को बरगलाने से अच्छा इस फैसले के विरोध में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होने के नाते रिश्तेदार पत्र मांगते हैं की आपके उक्त आदेश से किसान-मशहूर वर्ग दुखी सड़क पर है, इस फैसले को लागू करने के लिए आवाज उठानी चाहिए।
जाड़ावत ने बताया कि दिनांक 22 मार्च 2022 को ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में NMMS के आवेदन के संबंध में वीसी आयोजित कर 2022-2023 वित्तीय वर्ष में समस्त कार्य जिस पर 20 से अधिक मजदूर काम करते हैं उस पर ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य होने का निर्णय 1 अप्रैल 2022 से लागू करने का निर्णय लिया गया है जिसे 28.12.2022 को राज्य सरकार को पुनः निर्देशित किया गया था की 1.1.2023 से सभी कार्यों के लिए नामांकन के फोटो सहित उपस्थिति NMMS के माध्यम से लिया जाना सुनिश्चित करें करें।
उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखकर मांग की NMMS उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त कर पूर्व की भाटी मस्टरोल में दाखिल हाजरी भरई जाने का फैसला करावे जो मजदूर हित में रहेंगे। मौजूदा समय में गरीबी के कारण किसी व्यक्ति का एक दिन का रोजगार नहीं होने से परिवार को दो जून की रोटी का संकट पैदा हो सकता है। यह फैसला पूरी तरह से मजदूर और गरीब जनता के खिलाफ जीसे समाप्त किया जाना चाहिए।