बाल विवाह कराने पर नहीं मिल पाता है शुभ शक्ति योजना आदि के लाभ---------ओजस्वी
बाल विवाह कराना है कानूनी अपराध। मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक विकाश में रुकावट है- बाल विवाह। आर्थिक रूप से पिछड़ापन, गरीबी का मुख्य रास्ता है बाल विवाह--
बाल विवाह कराने पर नहीं मिल पाता है शुभ शक्ति योजना आदि के लाभ---------ओजस्वी
बाल विवाह कराना है कानूनी अपराध।
मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक विकाश में रुकावट है- बाल विवाह।
आर्थिक रूप से पिछड़ापन, गरीबी का मुख्य रास्ता है बाल विवाह--
चितौडगढ 31 जनवरी
निर्माण श्रमिक, नरेगा श्रमिक आदि जिसने अपना श्रमिक पंजीयन करा रखा हों वह यदि अपनी पुत्रियों का 18 वर्ष पूर्व बाल विवाह करा देते हैं तो श्रमिक कल्याण योजना के तहत मिलने वाले लाभ शुभ शक्ति योजना में 55 -55 हजार दो पुतरियो तक मिलने वाला लाभ नही मिल सकता। भवन निर्माण श्रमिक, नरेगा श्रमिक जो भी इस तरह का कार्य करते हैं जिन्होंने अपना श्रमिक पंजीयन करा रखा है शुभ शक्ति योजना में लाभ के लिए बालिका का आठवीं तक पढ़ा लिखा होना, 18 वर्ष तक उम्र होना, 18 वर्ष से पुर्व विवाह नही कराया हो बेटी का। घर में शौचालय होना एवं यदि किसी भी मजदूर जो कि भवन निर्माण श्रमिक, नरेगा मजदूर हो तथा श्रमिक पंजीयन करा रखा हो है वह लाभ लेने के लिए श्रम विभाग की योजना के तहत लाभ पाने के हकदार होते है।आवेदन के समय शर्त है कि 18 वर्ष पूर्व अपने बालिका पुत्री का विवाह नहीं कराया हो, बाल विवाह नही कराया हो।राजस्थान के सभी जिलों के साथ राज्य प्रशासन ने वी सी के माध्यम से ,बाल विवाह रोकथाम, कोई भी ,कहीं भी बाल नहीं हों, इसके लिए वी सी के माध्यम से समस्त जिलों के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यालय राजस्थान जयपुर से निर्देश दिये है,बाल विवाह अधिनियम के तहत कोई भी , वार्ड पंच ,सरपंच, पटवारी ,शिक्षा विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,थानाधिकारी आदि जिम्मेदार हैं ।अधिनियम के तहत और कार्यवाही कराते हुए बाल विवाह होने से रोकें ,जाने में अपना दायित्व इमानदारी से वफादारी से निभाने में, हम पीछे नही रहें।जागरूकता जगाए जन जन में कि आखातीज पर कोई भी, कहीं भी , बाल विवाह की शिकायत या बाल विवाह होना नहीं पाया जाए। इसमें सबॅधित विभाग ख़ासकर पालना कराने के लिए , जागरूकता लाने के लिए जिम्मेदार हैं, इन विभागों में पुलिस विभाग ,बाल कल्याण समिति, तथा शिक्षा विभाग, श्रम विभाग ,बाल विकास विभाग , जिला बाल संरक्षण इकाई आदि ,विभागों को सम्मिलित करते हुए इस वर्ष 2023 में विशेष अभियान चलाया गया है जो कि बाल विवाह रोकथाम, इससे होने वाले नुकसान सामाजिक विकास में रुकावट, गरीबी ,और सामाजिक विकास में बाधा, कारण सहित अनेकों रुकावट का कारण है बाल विवाह , 1 8 की उम्र से पहले विवाह कराने से विवाहित लड़की को जान का खतरा तक होता है,प्रसव के दोरान जान से हाथ धोना पडता है। अपरिपक्वता से जच्चा बच्चा दोनो को ख़तरा ही रहता है। वही शारीरिक विकास रुक जाता है ,जीवन में विकाश की अनेकों रुकावटों से सारा जीवन तबाही की कगार पर चला जाता है ।जीवन को पशु समान बनाने में बाल विवाह एक बडी सामाजिक कुप्रथा है ।आज भी ऐसे लोग हैं जो बच्चों को जन्म देने के बाद विवाह जेसे तेसे करा देना ही मुख्य और आखरी काम समझते हैं ।चाहे अनमेल विवाह हो, बेमेल विवाह। जब कि जरूरत है आज अपने बच्चों को कम से कम 18 वर्ष होने तक खूब पढ़ाई लिखाई कराऐं। बचपन को छीना ना जाऐ। बाल मजदूरी ना कराए। पुरी शिक्षा तक पढाऐ,इसके बाद वह जो भी रोजगार कर सकें करने दें ,जीवन की समझ उनको होने दें, रूकावट ना बने।आगे बढ़ाने की जरूरत है, बाल विवाह करा कर जीवन में रुकावट लाने का सामाजिक अपराध है बाल विवाह । बाल विवाह अधिनियम की पालना में कोई भी, कहीं भी, बाल विवाह नही हों, जिम्मेदार जो भी हों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई अवश्य हों, सभी सामाजिक संगठनों को सामाजिक कार्यकर्ताओं को, सभी सामाजिक संस्थाओं को सभी समाजों को ,बाल विवाह के हानी परिणाम को समझना होगा। खासकर माता-पिता और बच्चों को भी समझना होगा। विद्यार्थियों को समझना होगा ।अध्यापकों को भी इसमें अहम भागीदारी हों , कहीं भी कोई बाल विवाह होने की जानकारी होने पर बनाये गये कन्ट्रोल रूम पर शिक़ायत करें। हमारा अपना राजस्थान बाल विवाह से मुक्त हों इसकी अहम जरूरत है। हम सभी इसमें अपनी भागीदारी अदा करें।
मदन सालवी ओजस्वी
स्वतंत्र लेखक
सॅरक्षक अध्यक्ष
भारतीय बहूजन साहित्य अकादमिक भारत चित्तौड़गढ़ राजस्थान
31-1-2023