मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में रामकथा का हुआ आयोजन, 9 दिनों तक भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र का होगा गुणगान

जसोल। श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोलधाम द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में श्रीराम कथा का भव्य शुभारंभ चनणा माई मंदिर प्रांगण में किया गया।
संस्थान समिति सदस्य गुलाबसिंह डंडाली ने बताया कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसे लेकर राम नगरी के साथ पूरे देश में उत्साह का माहौल है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के कोने-कोने के साथ पुरे विश्व में धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे है। उसी कड़ी में जसोलधाम द्वारा श्रीराम कथा का आज आगाज हुआ। श्रीराम कथा से पूर्व सुबह शुभ वेला में महंत भरतगिरी महाराज (नागाजी का धूणा) बालोतरा के पावन सानिध्य व संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल के मार्गदर्शन तथा पूर्व राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी की उपस्थिति में गाजो-बाजो, ढोल-धमाकों, गैर नृत्य, भजन मंडली, 108 कन्याएं हाथों में कलश लेकर नगर में भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसका जगह-जगह पुष्प वर्षा से ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। कलश यात्रा जसोलधाम मंदिर से प्रारम्भ हुई जो जसोल मुख्य बस स्टैण्ड, कबूतरों का चोतरा, होली चौक होते हुए नर्ब्देश्वर महादेव मंदिर (प्राचीन बेरी) पहुंची जहां पर वैदाचार्य दीपक भट्ट, पंडित मनोहरलाल अवस्थी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार व विधि-विधान से पूजन अर्चन कर प्राचीन बेरी का पवित्र जल कलशों में भरकर कलश यात्रा वापिस रवाना हुई जो होली चौक होते हुए चनणा माई मंदिर प्रांगण कथा स्थल पहुंची। कलश यात्रा उपरांत कथा वाचक पुराण मार्तण्ड कथा रसज्ञ पंडित प्रमोद शास्त्री के मुखारविंद से श्रीराम कथा में प्रभु श्रीराम का गुणगान हुआ।
पहले दिन प्रमोद शास्त्री ने भगवान श्री राम की लीलाओं का बखान किया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस कल्पवृक्ष है, जिसके सानिध्य में बैठने पर व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। भगवान श्रीराम का जीवन एक आदर्श है। जिसे संसार के प्रत्येक मनुष्य को शिक्षा लेनी चाहिए। संसार के समस्त रिश्ते किस तरह निभाए जाए यह हमें भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश की नजरें 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर टिकी हैं। हर कोई राममय हो चुका है। हम सभी को उस दिन अपने घरों व देव स्थानों में दीपोत्सव कर भव्य व दिव्य उत्सव मनाना है।
उन्होंने कहा कि हमें 500 वर्षों के परिश्रम का फल मिल रहा है। प्रभु स्वयं अब अवध आ रहे है, हमे जोश व उमंग के साथ स्वागत करना है। जसोलधाम द्वारा आयोजित आज से शुरू हुई रामकथा 23 जनवरी तक चलेगी। सभी सनातन धर्म प्रेमीगण पधारकर श्री राम कथा का पुण्य लाभ लेवें।
इस दौरान संस्थान समिति सदस्य कुंवर हरिश्चंद्रसिंह जसोल, सूरजभानसिंह दांखा, सचिव गजेन्द्रसिंह जसोल व सुमेरसिंह वरिया, ठा. प्रवीणसिंह टापरा, मोहनभाई पंजाबी, राजेश भाई कौशल, घनश्यामसिंह शेखावत, सुमेरसिंह, हिंदुसिंह जाजवा, भवानीसिंह खट्टू, कानसिंह झंवर, जितेन्द्रसिंह डंडाली, जालमसिंह वरिया, सुमेरसिंह डाभड़, अशोक कुमार जाट, ओमप्रकाश जाट दुदुवा, देवेन्द्र कुमार माली, गणपत लाल माली, मुल्तानमल माली, प्रताप लौहार, पोकरराम भील, उमेश सोनी, ललित खंडेलवाल, सरदार जी माली, राजु प्रजापत सहित जसोल व आसपास ग्रामों के सनातन धर्म प्रेमीगण मौजूद रहे।