उमियानगर चितरी से पाटीदार समाज के युवा ज्योत लेने पहुंचे उमिया माताजी मंदिर ऊंझा

डूंगरपुर उमियानगर चितरी से उमिया माताजी की ज्योत लाने हेतु 5 टीमें उमिया माताजी ऊंझा गुजरात के लिए पहुंची। माल्यार्पण एवं तिलक लगाकर युवाओं का दल रवाना किया गया। ज्योत लाने वाली टीमों का नेतृत्व रमेश पाटीदार ,नरेश चितरी ,दिनेश पाटीदार ,उमेश पाटीदार एवं मोहित पाटीदार चितरी, परेश उदैया एवं 25 युवाओं की टोली रवाना की गई।

उमियानगर चितरी से पाटीदार समाज के युवा ज्योत लेने पहुंचे उमिया माताजी मंदिर ऊंझा

उमियानगर चितरी से पाटीदार समाज के युवा ज्योत लेने पहुंचे उमिया माताजी मंदिर ऊंझा

ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़

डूंगरपुर। उमियानगर चितरी से उमिया माताजी की ज्योत लाने हेतु 5 टीमें उमिया माताजी ऊंझा गुजरात के लिए पहुंची। माल्यार्पण एवं तिलक लगाकर युवाओं का दल रवाना किया गया। ज्योत लाने वाली टीमों का नेतृत्व रमेश पाटीदार ,नरेश चितरी ,दिनेश पाटीदार ,उमेश पाटीदार एवं मोहित पाटीदार चितरी, परेश उदैया एवं 25 युवाओं की टोली रवाना की गई।

संस्थान के अध्यक्ष मानशंकर पाटीदार जोगपुर ,पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत एवं अन्य वडीलों ने हरी झंडी दिखाकर मां की ज्योत लाने हेतु टीमों को रवाना किया। मां का रथ व ज्योत लेकर टीमें कल वापस आएंगी। रथ को सभी गांवों में घुमाया जाएगा और आरती की जाएगी। उमिया माताजी के 9 से 11 फरवरी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर धर्म प्रेमियों ने भी दान पुण्य में बढ़-चढ़कर भाग लिया है। वागड़ के लोग बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं बड़ी धूमधाम से प्रतिष्ठा की तैयारियां चल रही हैं। जीवन में मां से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इंसान को जीवन में आगे बढ़ने के लिए तीनों का आशीर्वाद मिलना जरूरी है। मां का आशीर्वाद इसलिए जरूरी है, क्योंकि मां जीवन को संवार देती है। महात्मा के आशीर्वाद से जीवन सुधरता है और परमात्मा का आशीर्वाद इसलिए जरूरी है क्योंकि परमात्मा बुढ़ापे को संभाल देता है। उन्होंने जीवन के मूल तत्वों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर खिल सको, तो फूल की तरह खिलो। जल सको, तो दीपक की तरह जलो और अगर मिलो तो दूध में पानी की तरह मिलो। सुंदर रूप वाले यौवन से युक्त ऊंचे कुल में उत्पन्न होने पर भी विद्या से हीन मनुष्य सुगंध रहित फूल के समान होता है। रेस में जीतने वाले घोड़े को तो पता भी नहीं होता है कि वास्तव में जीत क्या है। वह तो अपने मालिक द्वारा दी गई तकलीफ की वजह से दौड़ता है। जीवन में जब भी आपको तकलीफ हो और कोई मार्ग दिखाई न दे तब समझ जाइए कि मालिक आपको जिताना चाहता है। इसी प्रकार जीवन में शांति पाने के लिए क्रोध पर काबू पाना सीख लो। जिसने जीवन से समझौता करना सीख लिया, वह संत हो गया। वर्तमान में जीने के लिए सजग और सावधान रहने की आवश्यकता है। धनाढ्य होने के बाद भी लालच और पैसे का मोह है तो उससे बड़ा गरीब और कोई नहीं हो सकता। प्रत्येक व्यक्ति लाभ की कामना करता है, लेकिन उसका विपरीत शब्द अर्थात भला करने से दूर भागता है। जिस प्रकार गुलाब कांटो में मुस्कुराता है, तुम भी प्रतिकूलता में मुस्कुराओगे तो लोग तुम से भी गुलाब की तरह प्रेम करेंगे। उन्होंने कहा कि धन का अहंकार रखने वाले हमेशा इस बात का ध्यान रखें, कि पैसा बहुत कुछ हो सकता है, लेकिन सब कुछ नहीं हो सकता है। सचिव रामलाल खुमानपुर ने बताया डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा और आसपुर क्षेत्र के कई भक्त उमिया नगर पधारें और सब ने तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।