मेवाड़ के राजा की उपाधि से प्रकाशित समाचार को लेकर विहिप ने दर्ज कराया विरोध।

मेवाड़ की स्थापना से मेवाड़ के नाथ (राजा) सिर्फ और सिर्फ एकलिंग नाथ ही हैं जिनमें पूरा मेवाड़ ही नहीं संपूर्ण प्रदेश की जनभावना जुड़ी हुई है।

मेवाड़ के राजा की उपाधि से प्रकाशित समाचार को लेकर विहिप ने दर्ज कराया विरोध।

मेवाड़ के राजा की उपाधि से प्रकाशित समाचार को लेकर विहिप ने दर्ज कराया विरोध।

संवादाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़

मेवाड़ की स्थापना से मेवाड़ के नाथ (राजा) सिर्फ और सिर्फ एकलिंग नाथ ही हैं जिनमें पूरा मेवाड़ ही नहीं संपूर्ण प्रदेश की जनभावना जुड़ी हुई है।

 किशन पचोलिया अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, चित्तौड़गढ़ ने बताया कि एक समाचार पत्र में सिक्केन जागीर को मेवाड़ का राजा शीर्षक से प्रकाशित किया गया था, जिसमें पीके जाने के विहिप में विरोध दर्ज कराने और धार्मिक जनमानस एवं उद्वेलित समर्थकों को शांत करने की मांग की गई थी। सुरक्षित।