भूपालसागर में श्री करेड़ा पार्श्वनाथ त्रिदिवसीय मेले का आयोजन  आज निकलेंगे दो दो वरेघौडे़।

श्री करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ पर हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी पोषी दशम पर पार्श्वनाथ जन्मकल्याणक का त्रिदिवसीय महोत्सव दिनांक 4 जनवरी से प्रारम्भ हो गया है।

भूपालसागर में श्री करेड़ा पार्श्वनाथ त्रिदिवसीय मेले का आयोजन   आज निकलेंगे दो दो वरेघौडे़।

भूपालसागर में श्री करेड़ा पार्श्वनाथ त्रिदिवसीय मेले का आयोजन

 आज निकलेंगे दो दो वरेघौडे़।

श्री करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ पर हर वर्ष कि भांति इस वर्ष भी पोषी दशम पर पार्श्वनाथ जन्मकल्याणक का त्रिदिवसीय महोत्सव दिनांक 4 जनवरी से प्रारम्भ हो गया है।

इसी को लेकर भूपालसागर में वर्षाे से चला आ रहा क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला श्री करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ के नाम से पोषी दशम पर भगवान पार्श्वनाथ के वरघोडे के साथ प्रारम्भ होता है जो कि तीन दिवस तक रहता है मगर मेलार्थियों के आवागमन के साथ मेला लगातार छः दिनों तक भी रहता है। मैले में डोलर चर्की झुले के साथ साथ मनिहारी एवं घरेलु आईटम कि दुकानें लगती है तथा मनोरंजन एवं खाने पीने आदि के लिए कई दुकाने लगती है। मेले में मन्दिर परिसर में लगने वाली दुकानों के लिए पानी एवं बिजली कि व्यवस्था मन्दिर कमेटी द्वारा एवं बाहर के लिए ग्राम पंचायत भूपालसागर द्वारा निःशुल्क कि जाती है।

आज निकलेंगे दो दो वरेघौडे़।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पोषी दशम के दिन हर वर्ष एक ही वरघौड़ा निकलता था लेकिन इस वर्ष दो दो वरघौड़ों का आयोजन किया जा रहा है। एक भगवान श्री करेड़ा पार्श्वनाथ का एवं एक मोक्षा बैन का वर्षीदान का वरघोड़ा निकाला जायेगा। जन्मकल्याणक के दिन सुबह पाटला पूजन के साथ अष्ट प्रकार की पूजा फिर भगवान को पालकी मे बिराजमान करके वरघोड़े के द्वारा भगवान का भृमण दोपहर में मोक्षा बैन का वर्षीदान का वरघोड़ा गुजरात के लिमड़ी दाहोद की रहने वाली मोक्षा बैन का संयम की राह पर जाने का जो रास्ता बना वो कोरोना काल के दौरान यहां पहली बार करेडा मे ही मिला उसके बाद भव्य कुमार पाल राजा की सवारी महाआरती फिर भक्ति के रूप मे मनेगा आशा है की इसबार हजारो की संख्या मे लोगो के दिनभर मे आने का रहेगा जो करीब डेढ़ सो दोसो किलोमीटर से दूरदराज के लोगो का आना रहेगा भगवान के जन्मकल्याणक के दिन स्वामीवात्स्ल्य रहेगा।

श्री करेड़ा पार्श्वनाथ जन्मकल्याणक त्रिदिवसीय महोत्सव शुरू हो गया प्रथम दिवस शुक्रवार को सुबह परम् पूज्य साध्वीजी सौम्यरत्ना श्रीजी आदि ठाना 4 के शुभ निश्रा मे करीब एक सौ से ज्यादा अठम तप के तपस्वियों के साथ भक्तांबर हुआ। पार्श्वनाथ भगवान का शकरत्स्व अभिषेक हुआ जो भिन्न भिन्न प्रकार की ओषधियों के द्वारा विधिकारक सम्पन्न हुआ। जन्मकल्याणक महोत्व के प्रारम्भ कि पुर्व संध्या पर भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें नागेश्वर मुंबई के भक्तिकार कुशल जैन के स्तवनो से माहौल भक्तिमय हो गया। शुक्रवार दोपहर में प्रवचन द्वारा धर्मावलम्बियों के मन में भगवान के प्रति भक्तिभाव से ओतप्रोत ज्ञानवर्घक बातें बताई गई।