दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर बड़ा हादसा टला:पटरी में आया क्रेक; 110 किमी की रफ्तार से गुजरने वाली थी मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट

कोटा रामगंज मंडी दिल्ली-मुबई रेलवे ट्रैक पर शुक्रवार सुबह 7:30 बजे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। रेलवे कर्मचारियों की सजगता से 1500 पैसेंजर्स पर आया संकट टल गया। पटरी में आए क्रेक को देखकर कर्मचारियों ने लाल झंडी दिखाकर जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन को रुकवा दिया। मामला कोटा के रामगंज मंडी से 12 किलोमीटर दूर रांवठा रोड स्टेशन के पास हुआ।

दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर बड़ा हादसा टला:पटरी में आया क्रेक; 110 किमी की रफ्तार से गुजरने वाली थी मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट

दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर बड़ा हादसा टला:पटरी में आया क्रेक; 110 किमी की रफ्तार से गुजरने वाली थी मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट

कोटा / रामगंज मंडी

दिल्ली-मुबई रेलवे ट्रैक पर शुक्रवार सुबह 7:30 बजे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। रेलवे कर्मचारियों की सजगता से 1500 पैसेंजर्स पर आया संकट टल गया। पटरी में आए क्रेक को देखकर कर्मचारियों ने लाल झंडी दिखाकर जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन को रुकवा दिया। मामला कोटा के रामगंज मंडी से 12 किलोमीटर दूर रांवठा रोड स्टेशन के पास हुआ।

रेलवे की-मैन रामेश्वर मीणा ने बताया कि वह और महेंद्र मीणा अपनी ड्यूटी पर थे। इसी दौरान डाउन लाइन में जॉइंट के पास रेल पटरी टूटी नजर आई। उस समय मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट ट्रेन के आने का समय हो गया था। क्रेक देखकर महेंद्र स्टेशन से लाल झंडी लाया और पटरी पर आगे की तरफ दौड़ते हुए ट्रेन को रुकवाया।
इसके बाद अधिकारियों को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पटरी की अस्थाई मरम्मत कराई। मरम्मत के बाद करीब 8 बजे ट्रेन को 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकला गया। जबकि अन्य ट्रेनों को 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकलने के आदेश जारी किए। दोपहर तक रेल पटरी का स्थाई मरम्मत का काम किया गया। जिसके बाद ट्रैक सामान्य हुआ।

110 किलोमीटर प्रति घंटा से निकलती ट्रेन

रामेश्वर ने बताया कि समय रहते टूटी पटरी का पता चलने पर बड़ा हादसा टल गया। अगर समय पर टूटी पटरी दिखाई नहीं देती तो करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त भी हो सकती थी। टूटी पटरी वाली जगह पर प्लेट बंधी हुई थी। तेजी से दौड़ती ट्रेन से प्लेट के नट-बोल्ट टूट भी सकते थे।
रांवठा रोड स्टेशन मास्टर दीपेंद्र शर्मा ने बताया कि पटरी टूटने की सूचना मिलने पर तुरंत अफसरों को जानकारी दी। ट्रेन में सवार 1500 यात्री आधे घंटे बीच रास्ते में अटके रहे। जब ट्रैक को दुरुस्त किया, तब ट्रेन को निकाला गया।