बीमा कंपनी के विरूद्ध 25 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति का आदेश।
चित्तौड़गढ़। परिवादी रोशनलाल जाट पिता गोवर्धन लाल जाट निवासी सोमरवालों का खेड़ा तहसील राशमी जिला चित्तौड़गढ़ ने एक परिवाद जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग चित्तौड़गढ़ में आदित्य बिरला हैल्थ इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विरूद्ध अधिवक्ता भगवतसिंह गिलुण्डिया, कुलदीप सुहालका, राजकुमार वैष्णव के माध्यम से इस आशय का पेश किया कि परिवादी के पिता गोवर्धनलाल जाट ने अपने जीवनकाल में एक बीमा पॉलीसी विपक्षी बीमा कंपनी से ली थी।

बीमा कंपनी के विरूद्ध 25 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति का आदेश।
चित्तौड़गढ़। परिवादी रोशनलाल जाट पिता गोवर्धन लाल जाट निवासी सोमरवालों का खेड़ा तहसील राशमी जिला चित्तौड़गढ़ ने एक परिवाद जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग चित्तौड़गढ़ में आदित्य बिरला हैल्थ इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विरूद्ध अधिवक्ता भगवतसिंह गिलुण्डिया, कुलदीप सुहालका, राजकुमार वैष्णव के माध्यम से इस आशय का पेश किया कि परिवादी के पिता गोवर्धनलाल जाट ने अपने जीवनकाल में एक बीमा पॉलीसी विपक्षी बीमा कंपनी से ली थी।
जिसके पॉलीसी क्रंमाक 62-20-00153-00-00 होकर उक्त पॉलीसी दिनांक 21.01.2021 से प्रभावी होकर 02.04.2022 तक प्रभावी थी। जिसके तहत किसी प्रकार की मृत्यु की स्थिति में 25 लाख का बीमा बीमाधारी का किया गया। उक्त पॉलीसी में बीमाधारी गोवर्धनलाल का पुत्र रोशनलाल नोमिनी घोषित होंकर उपरोक्त वर्णित पॉलीसी में सभी प्रकार के बीमे शामिल होकर मृत्यु की स्थिति में कुल 25 लाख रूपये देय योग्य थे जिसकी प्रिमियम बीमाधारी द्वारा समय पर 4 हजार रूपये अदा किए गए। बीमाधारी के उक्त पॉलीसी लेने के बाद दिनांक 06.05.2021 को सुबह करीब 5:30 बजे रोजाना की तरह गोवर्धनलाल जाट सोमरवालों का खेड़ा में स्थित नोहरे के पास ट्यूब्वैल रजका को पानी देने के लिए मोटर चलाने गए थे कि अचानक स्टार्टर से करंट लगने से उनकी मृत्यु हो गई, जिससे उन्हें राशमी सामुदायिक चिकित्सालय ले जाया जहाँ पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस प्रकार बीमाधारी की बिजली करंट से दुर्घटनावश मृत्यु हो गई, जिसका थाना राशमी में रिपोर्ट दी गई जिसके रोजनामचा रिपोर्ट नम्बर 15/2021 है तथा मृतक का पोस्टमार्टम भी किया गया जिसमें करंट से मृत्यु होना बताया गया। इसके अलावा बीमाधारी का उपखण्ड अधिकारी द्वारा भी प्रमाण पत्र बनाया गया और हल्का तहसीलदार व ग्राम पंचायत सोमरवालों का खेड़ा द्वारा पर्चा मौका बनाया गया जिसमें विद्युत करंट लगने से मृत्यु होना पाया गया। इस प्रकार बीमाधारी की करंट से दुर्घटनावश मृत्यु होकर प्रार्थी बीमा की राशि 25 लाख रूपये प्राप्त करने का अधिकारी है, जिस बाबत् परिवादी ने विपक्षी के यहां क्लैम आवेदन प्रस्तुत किया जिसके साथ रोजनामचा रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, तहसील, ग्राम पंचायत व एसडीओ का प्रमाण पत्र, पर्चा मौका, मृत्यु प्रमाण पत्र, शपथ पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित समस्त वांछित दस्तावेज विपक्षी के यहां प्रस्तुत कर दिए, फिर भी आप विपक्षी द्वारा आज तक मेरे पक्षकार को जानबुझकर क्लैम राशि अदा नहीं की गई है। जबकि विपक्षी के सर्वेयर द्वारा सभी प्रकार का सर्वे भी कराया जा चुका है फिर भी जानबुझकर क्लैम राशि अदा नहीं की जा रही है। जिससे माननीय मंच में परिवाद पेश किया लेकिन विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा जवाब प्रस्तुत किया गया कि बीमित व्यक्ति ने बीमा कराते समय अपनी बीमारी के तथ्य छिपाए थे। जिससे नो क्लैम कर दिया गया। परिवादी की अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया कि प्रार्थी की मृत्यु दुर्घटना से हुई है और पूर्व में मृतक के कोई बीमारी होकर केवल जांच कराई थी। इसके अलावा बीमित व्यक्ति गोवर्धनलाल की मृत्यु बीमारी से नहीं हुई थी जिससे सम्पूर्ण क्लैम राशि प्रार्थी प्राप्त करने का अधिकारी है। माननीय मंच के अध्यक्ष श्री प्रभूलाल आमेटा व सदस्य अरविन्द भट्ट, राजेश्वरी मीणा ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद परिवादी का परिवाद स्वीकार फरमाकर विपक्षी बीमा कंपनी के विरूद्ध आदेश सुनाया कि वह प्रार्थी को 25 लाख रूपये अदा करें और दिनांक 02/05/22 से चेक जमा कराने तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी अदा करें। इसके अलावा परिवादी को परिवाद व्यय के 2500 रूपये व अधिवक्ता व्यय के 2500 रूपये एवं मानसिक संताप के 5 हजार रूपये अलग से अदा करें।