पाकिस्तान पर फिर सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत। आतंकी ऐसे नहीं मानेगा 

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। हालांकि हमारे सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी के हालातों पर काफी हद तक नियंत्रण किया है। लेकिन फिर भी पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आता है।

पाकिस्तान पर फिर सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत। आतंकी ऐसे नहीं मानेगा 

पाकिस्तान पर फिर सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत। आतंकी ऐसे नहीं मानेगा 

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। हालांकि हमारे सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी के हालातों पर काफी हद तक नियंत्रण किया है। लेकिन फिर भी पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आता है।

पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में खासकर पीओके में आतंकियों को ट्रेनिंग देने के कैंप बना रखे है। पाकिस्तान की सेना को जब भी मौका मिलता है तो इन प्रशिक्षित आतंकियों को भारत की सीमा में घुसेड़ दिया जाता है। 4 अप्रैल को कश्मीर के पूंछ क्षेत्र में एयरफोर्स के वाहनों पर जो आतंकी हमला हुआ उसमें भी पाकिस्तान से आए आतंकियों का ही हाथ है। कश्मीर घाटी के आम मुसलमान अब यह महसूस करते है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पर्यटन बढ़ा है और घर-घर में खुशहाली है, लेकिन आम मुसलमानों को भी पाकिस्तान से आए आतंकियों की हरकतों का खामियाजा उठाना पड़ता है। भारत ने पूर्व में भी सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ट्रेनिंग कैम्पों को नष्ट किया है। भारत में इन दिनों लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर चुनावी सभा में कहते हैं कि अब नया भारत है जो दुश्मन को पाकिस्तान की सीमा में घुसकर मारता है। चूंकि हमारी सेना ने दुश्मन को घर में घुस कर मारा है, इसलिए पीएम मोदी को श्रेय लेने का अधिकार है। लेकिन 4 मई को पूंछ में जो आतंकी हमला हुआ उसके बाद एक फिर पाकिस्तान को सबक सिखाए जाने की जरूरत है। भारत को पाकिस्तान पर इस बार पहले से भी ज्यादा प्रभावी सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए। पूरी दुनिया जानती हैं कि पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री है। पाकिस्तान में ऐसे कट्टरपंथी संगठन सक्रिय है जो पूरी दुनिया को इस्लामी बनाना चाहते हैं। यह बात अलग है कि ऐसे कट्टरपंथी संगठनों में आपस में भी मतभेद हैं, इसलिए तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान के लड़ाकें पाकिस्तान की सीमा पर हिंसक वारदात कर रहे है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर युद्ध जैसे हालात हैं। जबकि तालिबान को मजबूत बनाने में पाकिस्तान की ही मददगार रही। आज वहीं तालिबान पाकिस्तान का दुश्मन नम्बर वन है। हो सकता है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जो तनाव हो रहा है, उसके परिणाम भी भारत में देखने को मिल रहे हो। अब समय आ गया है कि जब पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाए जाने की जरूरत है।