राजस्थान में मोरीया बोलग्या प्रदेश में भाजपा को जनता ने दी मात गलत फैसला था ,या फिर भितरघात
चित्तौड़गढ़ *भाजपा ने मोदी के नाम की गारंटी के भरोसे रहकर ही चुनावी केम्पेन चलाया लेकिन अति उत्साह व आत्मविश्वास के चलते राजस्थान में कांग्रेस जनादेश में ऊर्जावान शक्ति के साथ ऊभर कर सामने आई है ?

राजस्थान में मोरीया बोलग्या
प्रदेश में भाजपा को जनता ने दी मात
गलत फैसला था ,या फिर भितरघात
चित्तौड़गढ़ *भाजपा ने मोदी के नाम की गारंटी के भरोसे रहकर ही चुनावी केम्पेन चलाया लेकिन अति उत्साह व आत्मविश्वास के चलते राजस्थान में कांग्रेस जनादेश में ऊर्जावान शक्ति के साथ ऊभर कर सामने आई है ?
राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का अच्छा प्रर्दशन करने से पार्टी को अब नई संजीवनी मिल गई है ।
*राजस्थान में भाजपा आलाकमान के टिकटो को लेकर लिए गये गलत निर्णयों से भाजपा को मुंह की खानी पडी है । उम्मीदवारो को लेकर गलत चयन होना भाजपा के लिए विपरीत हुवा । वहीं प्रथम बार में ही बने विधायक को अचानक प्रदेश का मुख्यमंत्री बना देना भी एक कारण हो सकता है । मुख्यमंत्री के क्षैत्र में भाजपा का हारना भी दु:खद भरा संदेश है ।*
चुनावों से पहले ही भाजपा की अंदरूनी कलह के चलते सबसे पहले चुरू में टिकट काटा गया वहीं से जनता में भाजपा के प्रति विरोध का स्वर मुखर हुवा जो गंगानगर से होकर अन्य.क्षैत्रो में फैलता गया । *इसी बीच कई बार यह भी स्वर चलते रहे कि प्रदेश में सरकार भजनलाल नहीं ब्यूरोक्रेसी चला रही है । तथा अवैध बजरी परिवहन के चलते सरकार की सख्ती के बावजूद भी अंकुश नहीं लगना तथा बढ़ती मंहगाई का असर भी आमजन को रास नहीं आया* ।
कुछ भी हो राजस्थान में कांग्रेस के बढ़ते कदम से भाजपा को अब सावचेत रहना होगा । *भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी के कारण राजस्थान में वसुंधरा राजे को चुनाव से पहले ही साइड में रखकर अलग-थलग कर दिया जो भाजपा के लिए आत्मघाती साबित हुवा ? प्रदेश के स्थानीय नेता व हाईकमान की अहंकार रूपी गलत नीति के कारण ही प्रदेश में भाजपा अचानक खराब प्रर्दशन करते हुये अर्श से फर्श पर आकर ओधे मुंह आ गिरी है ।* अब राजस्थान में संभावना बन रही है कि भाजपा सरकार को नई चुनौती का सामना करना पड सकता है । चर्चाऐ है कि मुख्यमंत्री भजनलाल भी अब पद से हटाये जा सकते है । *ऐसे में अब मुख्यमंत्री पद को लेकर वसुंधरा के तेवर तेज गर्मी की तरह मुखर हो सकते है* । लोकसभा चुनाव को लेकर *भाजपा के 400 पार का नारा भी अब राजनीति की " लू 'की चपेट में आकर बिमार हो गया है । इस समय अकेले भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है । राजनीति में कब कौन किसके साथ हो जाऐ कहा नहीं जा सकता ? .. इनके गठबंधन के साथी नीतीश कुमार व चन्द्र बाबू नायडू अगर पलटी मार जाते है तो कुछ कहा नहीं जा सकता ? लेकिन राजनीति में ऐसे झटके कभी - कभी भूकंप की तरह अचानक आते जाते रहे है । इसको लेकर कोई आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए ?* आज सुबह मतगणना के बाद गर्मी के बीच आसमान में भी रूक-रूक कर बादल छाये रहे...उसी प्रकार चुनावी परिणाम में भी उतार-चढा़व दिखाई देते रहे । *राजस्थान की राजनीति में जिन काग्रेंस के नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था अब उनको भी पार्टी छोडऩे का संभवतया मलाल हो रहा होगा , क्योंकि इस चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की है*। राजस्थान में भाजपा के लिए आनेवाला समय बडा चुनौती भरा होगा । *अब आगे चुनौती भरा कदम कैसा और किस तरफ दिखाई देगा......? क्या मुख्यमंत्री बदला जायेगा या फिर वसुंधरा की वापसी होगी या कोई अन्य चेहरा सामने आयेगा* ? इसको लेकर , आगे की तो भाजपा का आलाकमान ही जाने या फिर...... *राम ही जाने..????????♂️????????♂️मेहता ।*