वृद्धा का भलाई करना भारी पड़ा खाप पंचायत ने दिखा दिया बाहर का रास्ता।
चित्तौड़गढ़ 20 जून 2024 को पुलिस अधीक्षक महोदय को दिए गए ज्ञापन में प्रार्थी ने खाप-पंचायत के तुगलकी फरमान को लेकर पुलिस अधीक्षक से जान-माल की सुरक्षा और खाप पंचायत के फर्जी पंचों पर कार्रवाई करने को लेकर गुहार लगाई।
वृद्धा का भलाई करना भारी पड़ा खाप पंचायत ने दिखा दिया बाहर का रास्ता।
चित्तौड़गढ़ 20 जून 2024 को पुलिस अधीक्षक महोदय को दिए गए ज्ञापन में प्रार्थी ने खाप-पंचायत के तुगलकी फरमान को लेकर पुलिस अधीक्षक से जान-माल की सुरक्षा और खाप पंचायत के फर्जी पंचों पर कार्रवाई करने को लेकर गुहार लगाई।
खाप पंचायत के तथा कथित पंच अध्यक्ष सुरेश कुमार भावसार उमरडा,भंवरलाल मिश्रीलाल बम्बोरा अंबालाल,पन्ना भावसार इडरा, गिरीराज भावसार अरनेड,लक्षमी लाल,शंकर लाल भावसार फीला,पारस, जगदीश, पन्ना लाल भावसार पालोद, शंकर लाल करावली, दीपक,गोपाल काका, किशन काका मंगलवाड, जगदीश नंगावली, शंकर लाल नारायणपूरा, सोहन लाल,रतन, शंभूलाल जैतपुरा, लक्ष्मी लाल मेनार, कैलाश माता जी खेड़ा अन्य पचास पंच ओर उपस्थित इन पंचो ने इतना तक दबाव बना दिया ससुराल वालों तक को नहीं छोड़ा, वहां जमाई को कार्यक्रम में नहीं बुलाने दिया। मामला इस तरह का है चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड थाना अंतर्गत मंगलवाड चौराहे का है जहां 20 मार्च को मांगीबाई का देहांत हो जाता है और 22 मार्च को उठवना होता है जिस दिन उनके जमाई और पिताजी जाते हैं खाप पंचायत उन्हें देखकर खपा हो जाती एक के बाद एक उठकर जाने लगते हैं और साइड में जाकर खुसुर-फुसुर करने लगते हैं और पीड़ित परिवार पर दबाव बनाया जाता है और मजबूरन अपने जमाई को कहा जाता है कि हमारे माता जी का कार्यक्रम बिगड़ जाएगा प्रार्थी यह सुनकर वहां से चला जाता है और उनकी पत्नी पर खाप पंचायत द्वारा दबाव बनाकर कोरे कागज पर लिखवा लिया जाता है की ननिहाल की प्रॉपर्टी में हमारा हक हिस्सा नहीं है जबकि वह मामला कोर्ट अधीनस्थ है उदयपुर की जिला एसडीओ कोर्ट में मामला चल रहा है। प्रार्थी ने बताया कि खाप पंचायत ऐसा निर्णय इसलिए ले रही कि भविष्य में हमारी बहिनों को भी हक़ हिस्सा नहीं देना पड़ेगा। तथा कथित पंचो द्वारा कहीं न कहीं मोटी रकम ले रखी। आज जब हद से बाहर हो गया जिससे परेशान हो कर मजबूरन आज ज्ञापन देना पडा। प्रार्थी ने अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए चित्तौडगढ़ अधीक्षक महोदय को ज्ञापन दे सुरक्षा की गवार लगाई है और भविष्य में समाज में ऐसा दोबार कोई ऐसा कृत्य नहीं करे खाप पंचायत के तथा कथित पन्चो पर उचित कार्यवाही हो समय रहते अपराधीयों पर अंकुश नहीं कसा गया तो हमारे जैसे प्रार्थी गणों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह एक समाज में कैंसर / दीमक से भी बुरी बुराई है और कुरीति हैं जिस पर आजादी के 75 साल होने के बाद भी लगाम नहीं लग पाया है। इस तरह से समाज में काफी सारे व्यक्तियों के निमंत्रण बन्द और समाज से बहिष्कृत कर रखा है इस बात को उजागर करने के लिए उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं होने के कारण वह पुलिस से शिकायत नहीं कर सकते हैं और करते भी हैं तो राजनीतिक दबाव के कारण अच्छे रसुको के कारण उनकी वह बातें वहीं पर सिमट जाती है और उल्टा उन पर कार्रवाई कर दी जाती है। जो आज देश में सरकार सी ए ए कानून, पुराने अंग्रेजों के जमाने के कानून में संसोधन कर 1 जुलाई से 2024 से ओर देश को जोड़ने का कानून ला रही है पर इस तथा कथित खाब पंचायत के पंच समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं। ऐसे सामाजिक पंचों के सामाजिक रजिस्ट्रेशन को देखकर सरकार/ प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में आमजन भय मुक्त रहे। प्रार्थी का यह भी कहना है कि हमारी किसी भी सामाजिक पंच से निजी दुश्मनी नहीं, मात्र एक 85 वर्षीय महिला पूंजी बाई का सहयोग करना हमारे लिए एक आत्मघातक सिद्ध हुआ। हमारे मामा के लड़के अंबालाल /भेरूलाल के कहने से उनके मौसी के लड़के गिरिराज व अम्बालाल जी ओर अन्य बार-बार सामाजिक कोई भी कार्यक्रम जहां पर भी होते उनके द्वारा इस तरह से दबाव बनाया जाता है ओर सामाजिक कार्यक्रम से वंचित रखा जाता।