गुमशुदा बच्चे का मिला परिवार : 13 साल का नहीं 17 साल का है नाबालिग , बिन बताए आ गया था चित्तौड़ चित्तौडगढ |

चित्तौड़ के सेंगवा हाउसिंग बोर्ड में मिले गुमशुदा बच्चे की पहचान हो गई । नाबालिग भीलवाड़ा जिले का रहने वाला है । नाबालिग के परिजनों को बुलाया गया , उन्हें देखकर बच्चा खुशी से झूम उठा और जोर जोर से रोने लगा । वो मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण घुमता घुमतं बस में बैठकर चित्तौड़ आ गया था । बाल कल्याण की सदस्य मंजू जैन ने बताया कि सेंगवा हाउसिंग बोर्ड में एक बौना और दिव्यांग बच्चा मिला था । वो मानसिक रूप से भी कमजोर होने के कारण कुछ बोल नहीं पा रहा था । शरीर से बौना होने के कारण उसकी उम्र 12-13 साल की लगी थी । बार बार एक ही नाम रट रहा था । जिसके बाद CWC ने जिले के हर थाने में फ़ोन करके पता किया । लेकिन कुछ पता नहीं चला । सदस्यों ने आसपास के जिलों भीलवाड़ा , उदयपुर में बात की तो पता चला कि भीलवाड़ा CWC में किसी ने इसी हुलिए के बच्चे के बारे में पूछताछ की थी । उस नम्बर पर फ़ोन करने और मशक्कत करने पर बच्चे के परिजनों का पता चला ।
12 साल का नहीं , 17 साल का है नाबालिग परिजन चित्तौड़ पहुंचे । नाबालिग ने अपने घर वालों को देख कर खुशी से झूम उठा और गले लगा कर फूट - फट कर रोने लगा । परिजनों ने बताया कि इसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है । यह मोहल्ले में ही घूमता रहता है और आसपास चाय की थड़ी बैठा रहता है । इस दौरान कैसे वह बस में बैठकर निकल गया किसी को पता नहीं चला । एक घण्टे तक घर नहीं आया तो परिजनों ने ढूंढा तो वो मिसिंग था । नाबालिग को ढूंढने के लिए परिजनों ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई । परिवार ने बताया कि नाबालिग 12 साल का नहीं बल्कि 17 साल का है । बौना होने के कारण उसकी उम्र के बारे में पता नहीं चलता । CWC ने नाबालिग को उसके परिजनों को सौंप दिया । मौके पर पूर्व अध्यक्ष रमेश दशोरा , अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल और सदस्य सीमा भारती मौजूद रही ।