निरंकारी संत भोलाराम मल्होत्रा का गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ निधन

निहाल दैनिक समाचार / NDNEWS24X7

रिपोर्ट देवी लाल बैरवा जयपुर 

चित्तौड़गढ़ 13 जुलाई l भीलवाड़ा निवासी वर्षों से कुभांनगर चित्तौड़गढ़ में निवासरत निरंकारी संत भोलाराम मल्होत्रा का आज प्रातः निधन हो गया। अंतिम संस्कार के दौरान आज हर कदम आपका सहारा हैं तू नहीं तो क्या हमारा हैं। हर क़दम आपका सहारा हैं भजन भी पढ़ें गये। निरंकारी संत भोलाराम मल्होत्रा को आध्यात्मिक तोर पर याद करते हुए संत जीवन पर अनेकों ने प्रकाश डाला। भारतीय बहूजन साहित्य अकादमी भारत के संरक्षक अध्यक्ष मदन सालवी औजस्वी ने बताया कि निरंकारी संत भोलाराम मल्होत्रा संत स्वभाव के होने के साथ साथ मिलनसार एवं मधुरता के धनी थे। वर्षों से निरंकारी संत समागम कीर्तन भजन में आपका महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। सांत्वना संदेश में अनेक पदाधिकारियों ने उन्हें एक बूंद का सागर में मिल जाना बताता। इस दौरान भीलवाड़ा से निरंकारी संत जगपाल सिंह, संत धीरज पारेता, मनवीर सिंह जादोन, ओमप्रकाश महेरा, भवानी शंकर, स्वतंत्र लेखक मदन सालवी औजस्वी, मन्ना लाल सालवी, डाक्टर गोपाल सालवी, सहित अनेकों गणमान्य जन तथा संतों जनों की उपस्थिति में सांत्वना सभा हुई। आत्मा का मानव जीवन में रहते हूए ही परमात्मा को जाना सा सकता हैं। अपने विचार रखते हूए, भीलवाड़ा से भी निरंकारी संत तथा विनोद मल्होत्रा, मन्ना लाल सालवी, निर्मल देसई, भंवर लाल दायमा, सुरेश बुरट, गोपाल लाल सालवी सहित अनेकों संतों ने उन्हें अध्यात्म जगत के महान संत बताया। चित्तौड़गढ़ ज़िला ही नहीं प्रदेश तथा देश भर में आपकी बेहतरीन संत के रूप में पहचान रही हैं। ओजस्वी ने बताया कि निरंकारी संत के निधन से संत समाज में चारों ओर शोक की लहर छाई हुई है। गुरु पूर्णिमा के दिन ही प्रातः आपका निधन होना भी धार्मिक दृष्टि कोण से देखा जा रहा हैं आपके निधन के समाचार सुनकर चित्तौड़गढ़ सहित अनेकों जिलों के सामाजिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य जन आदि ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उनके जीवन को धन्य बताते हुए आपके निधन पर बड़ी क्षति होना बताते हूऐ संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।

विशेष रिपोर्ट मदन सालवी औजस्वी चित्तौड़गढ़ राजस्थान