राजस्थान के पुलिस महानिदेशक पद का डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा को कार्यभार सौंपना राजस्थान सरकार का प्रयोग या सोशल इंजीनियरिंग कर पार्टी की साख बढ़ाना

निवाई। पिछले दिनों में व पूर्व सरकार के समय से पेपर लीक को लेकर चल रहे आंदोलन को देखते हुए सरकार ने डीजीपी यू. आर. साहू को आरपीएससी का चेयरमैन बनाने पर रिक्त हुए डीजीपी पद का अतिरिक्त कार्यभार एसीबी डीजी मेहरड़ा को सौंपकर राजस्थान सरकार ने केंद्र की तर्ज पर महामहिम द्रोपदी मुर्मू को जो कि आदिवासी वर्ग से हे वैसे ही रवि प्रकाश मेहरड़ा भी राजस्थान के पूरे भारत में बसे हुए शेखावाटी और मारवाड़ी समाज के जिले झुंझुनूं निवासी और अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करने वाले होने से राजस्थान की जनता अंदरखाने देख रही हे कि पार्टियां चुनावी वादा करती हे लेकिन भजन लाल की प्रदेश सरकार ने तो अपने एक साल के कार्यकाल के बाद ही पुलिस के मुखिया की कमान ऐसे व्यक्ति को सौंप दी जो ईमानदार, निष्पक्ष है। डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा का कार्यकाल राजस्थान पुलिस में जिला एसपी ,आईजीपी एडीजी सायबर के पद पर रहकर बेहतर पुलिसिंग का परिचायक रहा है। एसीबी डीजीपी के पद पर भी मेहरड़ा ने निष्पक्ष रहकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान के लिए काम किया ।
समाज सेवी बुद्धिप्रकाश नराणीया ने बताया की जनता उम्मीद लगा रही हे कि भजन लाल सरकार ने डीजीपी के पद पर निरन्तर डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा को नियुक्त किया हे तो इसके पीछे सरकार केंद्र की तर्ज पर सब वर्गों को साथ लेकर चलने और राजस्थान की जनता में पुलिस का नया चेहरा जो पीपुल फ्रेंड तो हो ही लेकिन अपराधियों में खौफ रखे । राजस्थान में पोस्टिंग के लंबे अनुभव व राजस्थान के हर जिले,संभाग की क्षेत्रीय, भौगोलिक जानकारी रखने वाले स्थानीय काबिल अधिकारी की छवि वाले डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा के डीजीपी बनने से पुलिस के प्रति आमजन का विश्वास प्रबल होगा। डीजीपी के पद पर मेहरड़ा का कार्यकाल 30 जून के बाद बढ़ाया जाता हे तो यह राजस्थान में सब वर्गों को साधने का सोशल इंजीनियरिंग का प्रयोग साबित होगा जिससे भजन लाल सरकार की नीचे की पंक्ति के आदमी के मन में विश्वास की पेठ बढेगी। अब देखना यह हे कि सरकार ने 20 दिन का कार्यभार सौंपकर सत्तासीन लोगों की नब्ज टटोलने के लिए प्रयोग किया हे या मेहरड़ा का सेवा विस्तार कर सोशल इंजीनियरिंग। डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा का डीजीपी पद पर सेवा विस्तार को आमजन आशा की नजर से देख रहा है।