नारी चाहे तो राम व कृष्ण जैसी संतान को जन्म दे सकती है:- साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती

नारी चाहे तो राम व कृष्ण जैसी संतान को जन्म दे सकती है:- साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती
नारी चाहे तो राम व कृष्ण जैसी संतान को जन्म दे सकती है:- साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती

रिपोर्टर बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा

19 अप्रैल

बड़ीसादड़ी

। नारी अगर चाहे तो राम और कृष्ण जैसी संतान को जन्म दे सकती है। यह विचार उपखंड के बोहेड़ा में चल रही सात दिवसीय गोकृपा कथा के तीसरे दिन साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती दीदी ने बड़ी संख्या में उपस्थित गौ भक्तों के समक्ष व्यक्त किए। साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती दीदी ने आगे गौ भक्तों को समझाते हुए कहा कि संतान का अच्छा अथवा बुरा होने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मां की होती है। मां के आचरण का असर संतान पर आता है। मां राम भी और रावण भी इस धरती पर ला सकती है। नारी चाहे तो महाराणा प्रताप जैसी महान संतान को जन्म दे सकती है और नारी चाहे तो कायर व दुष्ट संतान पैदा कर सकती है। संतान के संस्कार में माताओं की अहम भूमिका होती है। नारी को उत्तम संतान के जन्म देने के लिये कुछ नियमों का पालन करना होता है। जिसमें सद्शास्त्रों को पढ़ें, सात्विक भोजन करें, झूठे बर्तन रात को नहीं छोड़े, रात्रि को लगे आटे की सुबह रोटी बना कर नहीं खावें। सत्संग में जावें, सूर्योदय से पहले जगे। भैंस के दूध का सेवन नहीं करें। रोज सुबह आधा किलो अनाज हाथ की घट्टी से पिसे। गाय माता का एक गिलास दूध पीवें। पहले महिलाएं हाथ की चक्की चलाते हुए भजन व गीत गाती रहती थी। जिससे गर्भ में पल रही संतान का सात्विक विकास होता था। हाथ की चक्की आटा ही नहीं बनाती हैं बल्कि सामान्य प्रसव में अहम भूमिका निभाती है। साध्वी ने माताओं को जोर देकर कहा कि हमें अस्पतालों के चक्कर अगर नहीं लगाने हैं तो अपने घरों में हाथ से चलने वाली आटा चक्कियों को पुनः स्थापित करना होगा। गाय के दूध का महत्व समझाते हुए साध्वी दीदी ने कहा कि नौ महीने "नारी जस्यो पीवेगी दूध, वस्यो ही जन्मेगा पूत" साध्वी दीदी ने कहा कि गर्भ में संस्कार देना चाहिए। बाहर तो उसे पचपन की आयु तक भी संस्कार नहीं दे पायेंगे। गो माता का महत्व बताते हुए साध्वी दीदी ने कहा कि गाय के गोबर से लिपी हुई दीवार में नकारात्मक ऊर्जा एवं रोगाणुओं को अवशोषित करने की अपार शक्ति विद्यमान होती है। महाराणा प्रताप गौ माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को हर पल तैयार रहते थे। महाराणा प्रताप से जुड़े हुए भजन हल्दीघाटी में समर लड्यो वो महाराणा प्रताप कठे... वो चेतक रो असवार कठे.. की संगीतमय प्रस्तुति देकर श्रोताओं पर देशभक्ति का रंग चढ़ा दिया। जोशीले भजन ने उपस्थित गो भक्तों में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के प्रति देशभक्ति का भाव जगा दिया। गाय माता के कंडे की राख घी, दूध व दही से भी अनमोल होती है। दूसरे जंतुओं की तुलना में देशी गाय के सुखे गोबर की राख में सर्वाधिक 46.8 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है। यह राख ऐंटी बैक्टीरियल, ऐंटी रेडिएशनल होती है। गौ माता के कंडों की राख औषधीय गुणों से परिपूर्ण होती। घरों में गोबर का लेपन करने से बीमारियों से बचाव होता है। समाज की धारणा के संदर्भ में साध्वी दीदी ने कहा कि बेटी और बेटा में भेद नहीं करना चाहिए। बेटी कोई बोझ नहीं है, बेटी साक्षात दुर्गा का अवतार है। बेटी पीहर, ससुराल व ननिहाल तीन कुलों की तारणहार है। बेटियों की गर्भ में हत्या करने वालों को तो स्वर्ग की बात तो दूर रही, लेकिन नर्क भी नसीब नहीं होता है। समाज का सच्चा चित्रण करने वाला भजन जब साध्वी दीदी ने गाया कि बेटे का सम्मान है जग में.. बेटी का कोई नाम नहीं... तो कई महिलाएं अपने आंसू नहीं रोक पाई। कथा विराम के बाद संग्रामपुरा एवं महूड़ा के पांच भाई जो पुणे महाराष्ट्र में विश्वकर्मा मार्बल आर्ट के नाम से अपना व्यवसाय करते हैं। वहां से इन पांचों भाइयों ने इस गो कथा के लिए 25 वर्ष पुराना 36 किलो वजनी सिक्कों से भरा गुल्लक गौ माता के लिए भेजा। साध्वी दीदी ने सभी गौ भक्तों के समक्ष उक्त भेंट किए गए गुल्लक को खोला। गुल्लक खोलते समय बड़ी संख्या में उपस्थित गो भक्तों ने गौ माता के जयकारे लगाये। साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती दीदी ने इन पांचों भाइयों को व्यासपीठ की ओर से साधुवाद दिया। इस अवसर पर साध्वी दीदी ने कथा में उपस्थित सभी गौ भक्तों को अपने - अपने घरों में एक गौ माता के लिए गुल्लक रखने की प्रेरणा भी दी। साथ ही साध्वी दीदी ने कहा कि घर का प्रत्येक सदस्य रोज गौ माता के लिए 5 रुपये उस गुल्लक में डालें। यह बचत की राशि वर्ष में एक बार किसी भी गौशाला में दान कर देवें। जिससे गोसेवा जितना पुण्य मिलेगा। साध्वी निष्ठा गोपाल सरस्वती ने बड़ी गंभीरता के साथ कहा कि जिस दिन भारत के प्रत्येक घर में ऐसे गुल्लक रख दिए जाएंगे तो भारत में गौ माता का दर्जा ऊंचा हो जाएगा और गौ माता को राष्ट्रमाता बनने से कोई नहीं रोक पाएगा।आयोजन समिति के बाबूलाल पोरवाल व राजकुमार पुष्करणा ने सभी गो भक्तों का आभार जताया।