नई अफीम नीति को लेकर दिल्ली में वित्त राज्य मंत्री से मिले किसान नेता आंजना

नई अफीम नीति को लेकर दिल्ली में  वित्त राज्य मंत्री से मिले किसान नेता आंजना

संवादाता बन्शीलाल  धाकड़ राजपुरा

4 अगस्त

दिल्ली,  भाजपा विस्तारक योजना उदयपुर संभाग प्रभारी किसान नेता सोहन लाल आंजना द्वारा गुरुवार को अफीम किसानों की मांगों को लेकर दिल्ली पहुंचकर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से उनके आवास पर मुलाकात की तथा उन्हें वर्ष 2023 - 24 की नई अफीम नीति में सुधार करते हुवे किसानों की ओर से तथा भारतीय किसान संघ अफीम संघर्ष समिति की ओर से की गई मांगों को शामिल करने की बात की और अपनी ओर से 11 मांगों से युक्त सुझाव पत्र सौंपा ।किसान नेता आंजना ने पिछले वर्ष अफीम नीति में हुए सुधारों के लिए मंत्री को किसानों की ओर से धन्यवाद दिया और किसानों के हित में नये कदम उठाने की मांग की जिसमे कहा कि 1. 1990 से अभी तक के वर्षों में कटे या रुके हुए अफीम पट्टे एक बार सभी जीरो औसत पर बहाल किए जाएं क्योंकि जब जब किसान के पट्टे रुके अथवा कटे है प्राकृतिक आपदा से ये हुआ है उसमे किसान दोषी नहीं होता है। 2. सीपीएस पद्धति में जारी किए गए सभी पट्टे लुवाई चिराई में शामिल किया जाए। 3. किसान को प्रति किलो अफीम पर 10 से 15 हजार रुपए दिए जाएं क्योंकि किसान के लागत काफी ज्यादा आरही है। 4. डोडा चूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर निकाल कर राज्यों के आबकारी विभाग में शामिल किया जाए इसमें नाम मात्र का नशा 0.2 प्रतिशत ही होता है। 5. एनडीपीएस एक्ट की 8/29 धारा जो आम लोगो के लिए नासूर बनी हुई है और निर्दोष लोगों को इसमें फसाया जाता है इस धारा को कानून से हमेशा हमेशा के लिए हटाया जाए। 6. परिवारों की असहमति के कारण रुके हुए पट्टे वारीशो में बहुमत के आधार पर जारी कर दिए जाए। 7. दो लाख नये किसानों को रोजगार हेतु अफीम पट्टे जारी करने चाहिए। 8. कच्चा तोल समाप्त किया जाए। 9. मार्फिन की बजाय पूर्व की भांति औसत अथवा औसत और मार्फिन दोनों में से एक में अच्छी गुणवत्ता होने पर किसान को पट्टा जारी किया जाए,मार्फिन कैसे अच्छी बैठेगी इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है। 10. अफीम फेक्ट्री के रिजल्ट में किसानों के बड़ी मात्रा में रिकवरी आ रही है इसमें बड़ी गड़बड़ी हो रही है इसे ठीक किया जाए। 11. किसान को अपने गांव के अलावा सुविधानुसार आस-पास के गांव में भी जमीन लीज लेकर अफीम की खेती करने की सुविधा दी जाए अभी तक केवल जमीन खुद के नाम पर जिस गांव में होती है वही बोने का अधिकार है। इसके अलावा कई छोटे-छोटे विषयों पर भी मंत्री से बातचीत की।