बांसी - बोहेड़ा आसावरा माता मन्दिर पर लगा मेला

बांसी - बोहेड़ा आसावरा माता मन्दिर पर लगा मेला

हजारों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में माथा टेक लिया आशीर्वाद

सभी श्रद्धालुओं को मालपुए का प्रसाद वितरित किया

संवाददाता बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा

17 जुलाई

बड़ीसादड़ी। उपखंड के बांसी बोहेड़ा रेलवे स्टेशन के पास स्थित आसावरा माता मंदिर में हरियाली अमावस्या पर सोमवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। ट्रस्ट के व्यवस्थापक ओम प्रकाश शर्मा, अध्यक्ष चमन सिंह सारंगदेवोत, शंकरलाल पोरवाल व सुरेश सुथार ने भजन कलाकारों के स्वागत के साथ शुरुआत की। सुबह 8:00 बजे से दिन भर सुख जी सुथार के सानिध्य में टीम द्वारा सत्संग कार्यक्रम चलता रहा। पेड़ पौधों एवं तरह-तरह के फूल फुलवारी से सुसज्जित बगीचे की वजह से हरियाली अमावस्या पर दूरस्थ स्थानों से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे। हरियाली से आच्छादित मंदिर परिसर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को आकर्षित कर लेता है। मंदिर परिसर की स्वच्छता एवं सुंदरता देखते ही बनती है। फर्श पर उच्च गुणवत्ता की इंटरलॉक टाइल्स, बगीचे के अंदर टाइल्स लगे पाथवे, पानी के फव्वारे, स्वतंत्र विचरण करती बत्तखें, कई प्रजाति के फूल लगे पौधे, सफेद कबूतर आदि की वजह से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के मन को शांति व सुकून मिलता है। मनोरंजन एवं स्वास्थ्य के लिए यहां पर लगे झूले एवं कसरत करने के उपकरण बच्चों सहित युवक - युवतियां को भी खासा आकर्षित करते हैं। परिसर की सुंदरता एवं झूले और फव्वारे आदि की वजह से यहां आने वाले को स्वर्ग जैसा एहसास हो जाता है। एक बार यहां आ जाने के बाद जाने का मन नहीं करता है। मंदिर मंडल के अध्यक्ष चमन सिंह सारंगदेवोत ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद हेतु बड़ी मात्रा में मालपुओं की व्यवस्था क्षेत्र के दानदाताओं द्वारा की गई। आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को पर्याप्त प्रसाद वितरण किया गया। ट्रस्ट के राजकुमार ओझा ने बताया कि सुबह आठ बजे से ही मालपुए का प्रसाद वितरण शुरू हो गया जो रात आठ बजे तक चलता रहा। व्यवस्थापक ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा ना हो इसके लिए हर स्तर पर श्रद्धालुओं को अच्छी से अच्छी सुविधाएं देने का प्रयास किया गया। यहां हम बता दें कि हाल ही में शरीर को स्वस्थ रखने व कसरत करने के लिए जिम में लगने वाली कई मशीनें उपवन में लगा दी गई है। जिनका इस्तेमाल बच्चों एवं युवाओं के साथ-साथ बुजुर्ग भी आनंद के साथ करते दिखे। कसरत वाले इन आधुनिक उपकरणों का श्रद्धालु इस्तेमाल करते आनंद हुए आनंदित हो उठते है। पुजारी प्रह्लाद जत्ती ने बताया कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला में निःशुल्क रहती है। ट्रस्ट के राजकुमार ओझा ने जानकारी दी कि यहां पर रोज वर्ष पर्यंत परिंदों को अनाज के दाने डाले जाते हैं। साल भर में एक हजार किलो से अधिक अनाज कबूतर एवं अन्य पक्षियों को दानदाता के सहयोग से डाला जाता है। दिन उगते ही पहली किरण के साथ सैकड़ों की संख्या में ये परिंदे दाना चुगने के लिए यहां आ जाते हैं। ट्रस्ट के गोविंद सिंह राजपूत एवं सुरेश कुमार सुथार ने बताया कि यहां आने वाले बीमार श्रद्धालुओं के रोज भोजन की निःशुल्क व्यवस्था भी दानदाताओं की ओर होती है। दानदाताओं की श्रद्धा व अपार सहयोग की वजह से ही आज मां के प्रवेश द्वार पर सुंदर तोरण द्वार बन चुका है। यहां आने वाले लकवा ग्रस्त बीमारों का स्वस्थ होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। यही कारण है कि यह स्थान आसपास के सैकड़ों गांव की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस अवसर पर महूड़ा के लक्ष्मी लाल लिंबालत ने कबूतर को दाना डालने के लिए 21 हजार रुपये व्यवस्थापक ओम प्रकाश शर्मा को भेंट किए। दिन भर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण एवं अन्य सेवा देने में मांगीलाल व्यास, गणेश लाल व्यास, देव किशन व्यास, रतन लाल मेनारिया, चुन्नीलाल रावत, सुरेश कुमार सुथार, गोविंद बापू, मगनी राम जाट, भुरा लाल शर्मा, शंकर लाल व्यास, शंकरलाल पोरवाल, बाबूलाल पोरवाल व लक्ष्मी लाल व्यास आदि उपस्थित थे।