ग्राम गदर जनमत सर्वेक्षण- 2023

ग्राम गदर जनमत सर्वेक्षण- 2023

संवादाता बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा 

04 अक्टूबर , 2023

जयपुर, जैसा कि विदित है, कट्स अपने भित्तीपत्र ग्राम गदर’के माध्यम से सरकार की वर्तमान कार्यप्रणाली , भ्रष्टाचार , राज्य सरकार की मौजूदा योजनाओं और महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों की वास्तविक स्थिति जानने के उद्देश्य से समय समय पर सर्वेक्षण कराता रहा है। इस बार किए गए सर्वेक्षण में राज्य के ज्वलंत मुद्दों के साथ-साथ आज की तारीख में राज्य में चुनाव हों तो क्या स्थिति बनेगी, इस पर भी आम जनता से रायशुमारी की गई। इसके लिए राजस्थान के विभिन्न जिलों के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कार्यरत कट्स की सहयोगी संस्थाओं, कार्यकर्ताओं और वालन्टियरों के माध्यम से उन्हें अपने क्षेत्र के विभिन्न लिंग, जाति और समुदायों के लोगों के मध्य सर्वे करवाया गया। राज्य के समस्त 33 जिलों की अधिकांश पंचायत समितियों में स्थित कार्यकर्ताओं द्वारा कुल 479 सर्वे परिपत्र प्राप्त हुए। सभी सर्वे प्रपत्र कट्स कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण स्तर पर सीधी बातचीत के आधार पर पूरे किए गए हैं। विष्लेषण करने पर मुख्य तौर निम्न परिणाम सामने आए हैं।

सर्वे  में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में सर्वाधिक 44 फीसदी लोगों का मानना है कि मौजूदा राज्य सरकार पूर्व में किए गए चुनावी वादों को पूरा करने में खरी नहीं उतरी। मात्र 23 फीसदी लोगों ने ही माना है कि सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा किया है, जबकि 25 फीसदी लोगों का मानना है कि आंशिक रूप से सरकार चुनावी वादों को पूरा करने मे सफल रही है। करीब 8 फीसदी लोगों ने इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया।

इसी क्रम में लोगों से पूछा गया कि क्या इस बार मौजूदा पार्टी की सरकार के दोबारा आने की संभावना है? कड़ी प्रतिस्पर्धा के उत्तर में इस पर 32 फीसदी ने वर्तमान सरकार के फिर से वापस आने और 33 फीसदी ने वर्तमान सरकार के दोबारा नहीं आने की बात कही है। करीब 35 फीसदी लोगो ने इस बारे में कोई राय प्रकट नहीं की।

सर्वे में वर्तमान सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को लाभप्रद मानते हुए 43 फीसदी लोगो ने इस पर हामी भरी, जबकि 39 फीसदी लोगों ने इस कुछ हद तक लाभप्रद माना है। करीब 15 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्हें स्वास्थ्य योजनाओं का सही लाभ नहीं मिल पाया है।

एक अन्य प्रश्न मे लोगों से पूछा गया कि क्या केन्द्र सरकार की योजनाओं के लिए प्रदेश को आवंटित धन राशि का सही उपयोग हुआ है? इस पर 26 फीसदी लोगों ने हां’में तो 30 फीसदी ने नहीं’में जवाब दिया। करीब 44 फीसदी लोगों को तो इन योजनाओं की पूरी जानकारी तक नहीं है।

एक महत्वपूर्ण प्रश्न कि क्या चुनाव से पूर्व किसी भी मौजूदा सरकार या चुनाव लड़ रही किसी भी पार्टी द्वारा की गई महंगाई राहत, मुफ्त की घोषणाओं से सहमत है? इस पर 39 फीसदी लोगों ने अपनी असहमति व्यक्त की, वहीं 26 फीसदी लोगों ने अपनी सहमति दी और 28 फीसदी ने कुछ हद तक ही इसे सही ठहराया। करीब 71 फीसदी से अधिक लोगों का मानना है कि मुफ्त की घोषणाओं से चुनाव में पार्टियों को ही फायदा होता है। निर्धन व कमजोर वर्ग को ज्यादा फायदा नहीं मिल पाता।

सर्वेक्षण में पूछे गये कुछ अन्य प्रश्नो से यह भी आया सामने

1 इस बार प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी देखकर वोट देना पसंद करेंगे या प्रत्याशी देखकर? 

 पार्टी देखकर 23 फीसदी प्रत्याशी की जाति देखकर 05 फीसदी  

 प्रत्याशी की योग्यता देखकर 72 फीसदी 

2 इस बार आपकी नजर में राजस्थान की सबसे बड़ी समस्या क्या है?

 भ्रष्टाचार 21 फीसदी महंगाई 23 फीसदी बेरोजगारी 27 फीसदी कानून व्यवस्था 11 फीसदी उत्तर नहीं 18 फीसदी  

3 वर्तमान में बढ़ती महंगाई का सबसे बड़ा कारण क्या है?

 भ्रष्टाचार 32 फीसदी योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं 21 फीसदी आर्थिक मंदी 20 फीसदी काला बाजारी 20 फीसदी उत्तर नहीं 07 फीसदी   

4 क्या आप मानते हैं कि राज्य की वर्तमान सरकार सही दि शा में काम कर रही है? 

 हां 28 फीसदी नहीं 27 फीसदी ठीक-ठाक 35 फीसदी *कोई राय नहीं 10 फीसदी* 

सर्वे में पूछा गया कि चुनाव के बाद आने वाली नई सरकार से आपकी क्या अपेक्षाएं हैं? तो इसके जवाब में ज्यादातर लोगों का मानना है कि सरकार चुनाव के समय किए गए वादों को समय पर पूरा करें, जिससे आमजन को योजनाओं का समय पर सही लाभ मिल सके। लोग बेराजगार होने की वजह से गांवों से पलायन नहीं करें, इसके लिए कृषि को खास अहमियत दी जाए। गांव का युवा आज अपने गांव से पलायन कर शहरों की तरफ आकर्षित हो रहा है, जिससे कृषि का विस्तार सीमित होता जा रहा है। यह एक गंभीर समस्या है। इस समस्या का समाधान आवश्यक है। देश और प्रदेश के विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार न हो और इसके लिए समय समय पर मानिटरिंग की व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेराजगारी है, इसका हल निकाला जाना चाहिए।