आवश्यकता होने पर रक्तदान कर नरेश सोनावा ने दिया मानवता का परिचय

संवादाता बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा
28 अक्टूबर
चित्तौड़गढ़, पीड़ित मानवता की सेवा के अनेक रूप हो सकते हैं। लेकिन जब बात रक्तदान की हो तो अन्न,वस्त्र,श्रम और आर्थिक दान उसके सामने तुच्छ नजर आने लगते हैं। रक्तदान से सरोकार रखने वाले महादानी जाती,धर्म और संप्रदाय के साथ अमीर-गरीब का भेद नहीं जानते हैं। क्योंकि किस समय किसका रक्त किसे चढ़ाया जा रहा हैं, यह कोई नहीं जानता। रक्त का कतरा-कतरा संजीवनी हैं। नरेश सोनावा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज मैंने गोमाना निवासी दाखी बाई कुमावत जो की छोटी सादड़ी हॉस्पिटल में भर्ती थे उनके हीमोग्लोबिन की कमी के कारण दो यूनिट ब्लड के लिए डॉक्टर ने बोला वहां ब्लड की व्यवस्था न होने के कारण निम्बाहेड़ा सरकारी हाॅस्पिटल में रेफर किया गया था। सेवा उदयपुर द्वारा फोन आया फिर मैं बम्बोरी से चलकर चित्तौड़गढ़ 50 किलोमीटर दुर जाकर 26 वी बार रक्तदान किया। प्रतापगढ़ छोटी सादड़ी उपखंड के गांव बम्बोरी के निवासी हैं नरेश सोनावा। समाजसेवी प्रहलाद जणवा ने बताया कि रक्तदान के लिये अभी आपको गवर्नमेंट हॉस्पिटल चित्तौड़गढ़ जाना पड़ेगा। सेवा का ऐसा अवसर पाकर मैं खुश होकर अपने निजी साधन से गवर्नमेंट हास्पिटल चित्तौड़गढ़ पहुंचा और खुशी खुशी रक्तदान करके आया।