संत ललितप्रभ और संत चंद्रप्रभ ने किया संबोधि धाम से मंगल विहार।
राष्ट्र संत श्री ललितप्रभ जी, राष्ट्र संत श्री चंद्रप्रभ जी और डॉ मुनि शांतिप्रिय सागर जी महाराज ने रविवार को संबोधि धाम से मंगल विहार किया। श्रद्धालुओं के साथ शांति नाथ नगर पहुंचे।

संत ललितप्रभ और संत चंद्रप्रभ ने किया संबोधि धाम से मंगल विहार।
ब्यूरो चीफ एम के जोशी चित्तौड़गढ़
राष्ट्र संत श्री ललितप्रभ जी, राष्ट्र संत श्री चंद्रप्रभ जी और डॉ मुनि शांतिप्रिय सागर जी महाराज ने रविवार को संबोधि धाम से मंगल विहार किया। श्रद्धालुओं के साथ शांति नाथ नगर पहुंचे।
इस अवसर पर आयोजित दिव्य सत्संग और प्रवचन में संत चंद्रप्रभ ने जोधपुरवासियों को अपना विदाई प्रवचन संबोधित करते हुए कहा कि जोधपुर हमारी मातृभूमि तो नहीं है पर मातृभूमि से कम भी नहीं है। जोधपुर की मिठास और अपणायत हम देश में कहीं भी जाएं तो याद रहती है।
उन्होंने कहा कि जीवन को मीठा और मधुर बनाने के लिए हमें रोज उगते हुए सूरज के दर्शन करने चाहिए। सुबह उठ कर परमात्मा, माता पिता, गुरु जन, पत्नी, बच्चों और सहयोगियों को शुकराना समर्पित करना चाहिए। रोज सुबह कम से कम 10 मिनट ध्यान जरूर करना चाहिए इससे हमारा मन स्वस्थ और संतुलित रहता है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन फिटनेस के लिए एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। दिनभर की व्यवस्थित दिनचर्या बनाते हुए दिनभर मुस्कान से भरे रहना चाहिए और कम से कम एक काम निस्वार्थ भाव से भलाई का जरूर करना चाहिए इससे जीवन में सुख, स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि में सदा अभिवृद्धि होती रहती है।
इस अवसर पर संत श्री ने सभी श्रद्धालुओं को जीवन के कल्याण के लिए महा मांगलिक प्रदान की। इस दौरान गौ माता की सेवा के लिए हरे घास की गाड़ी गौशाला में समर्पित की गई।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक कैलाश भंसाली अध्यक्ष सुखराज मेहता, महामंत्री अशोक पारख, ओसवाल सभा के अध्यक्ष केएन भंडारी, डॉक्टर आर के पामेचा, जेएल राठी, धनपत ओस्तवाल, प्रवीण मेहता, नवरत्न मानधना, दिलीप जैन, संपत जैन, शिवरतन मानधना, हनुमान प्रसाद चौहान, जुगल किशोर जांगिड़, सोहनलाल वडेरा, चंद्रा मेहता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।