जिस व्यक्ति के पास संतुष्टि नहीं है;  उसे कितना भी मिल जाए  वह असंतुष्ट ही रहेगा..

संतोष का फल होता है मीठा - मीठा जबरन  हासिल होने वाला फल होता है तीखा-तीखा। संतोषी मन सदा सुखी, सब कुछ मिले तुम्हे ही वही है दुनियां में सबसे ज्यादा इंसान दुखी। लगे हैं सबके चेहरे पर चेहरे सुखी वही जो यहां इंसान रहा हो अंत तक पूरे जीवन एक मुखी। हमको जो दिया है प्रकृति ने उस पर हम खुश हैं मेरे आगे सारे लूट,झपट,कपट वाले इंसान दुखी।

जिस व्यक्ति के पास संतुष्टि नहीं है;   उसे कितना भी मिल जाए   वह असंतुष्ट ही रहेगा..

जिस व्यक्ति के पास संतुष्टि नहीं है; 

उसे कितना भी मिल जाए

 वह असंतुष्ट ही रहेगा..

संवादाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़

संतोष का फल होता है मीठा - मीठा जबरन 

हासिल होने वाला फल होता है तीखा-तीखा।

संतोषी मन सदा सुखी, सब कुछ मिले तुम्हे ही

वही है दुनियां में सबसे ज्यादा इंसान दुखी।

लगे हैं सबके चेहरे पर चेहरे सुखी वही जो यहां

इंसान रहा हो अंत तक पूरे जीवन एक मुखी।

हमको जो दिया है प्रकृति ने उस पर हम खुश हैं

मेरे आगे सारे लूट,झपट,कपट वाले इंसान दुखी।

जो किसी कारण से यहां पर लिख नहीं पाते हैं

पर महसूस सब कुछ कर लेते हैं क्युकी सबके

दिल,मन,भूख,प्यास,प्यार,अहसास एक से होते

हैं।कुछ ज्यादा सोच लेते हैं कुछ कम सोच पाते

हैं पर अच्छा बुरा हर कोई महसूस कर लेता है।

मेरे लिखे हुए यह सारे शब्द किसी विधा पर नहीं 

होते हैं बिथा पर होते हैं,भूख पर होते हैं झूठ पर

होते हैं, पेट की हूक पर लिखे होते है,छल,कपट

और लूट पर लिखे होते हैं।तभी यह सबके दिल

मन में घुसे होते हैं।हमको लिखने में खुशी होती

है। क्योंकि यह लोगों के दिल तक पहुंचते हैं।

खुशी/ गम कहां मिलते हैं किसी को पता है

यह खुशी होती है क्या है,कैसे आती है कहां 

मिलती है।क्या पैसे में हैं खुशी धन दौलत में

है या शोहरत में है खुशी आखिर यह खुशी है 

किसमें ?? पता है किसी को यह होती खुशी 

जलन में है खुशी कलम में है या खुशी प्रेम में 

है इसको खरीदा जा सकता है या बेचा जा 

सकता है या छीना जा सकता है जहां तक 

हमको पता है खुशी इन किसी चीज में है ही 

नहीं खुशी मन में जो महसूस होती है बहुत 

छोटी छोटी चीजों में कभी सावन के मौसम 

में बारिश को देखकर खुशी होती है कभी 

जिसको चाहो उसे सजते सबरते देख के खुशी होती है।

कार में खुशी नहीं स्कूटर पैदल टीर्री,टैक्सी में 

खुशी मिलती है खुशी की कीमत मेरी नजरों

में अनमोल होती है और बिनमोल भी होती है 

यह खुशी काले बादल को देख कर बचपन के

  दिन याद कर के भी होती है

खुशी फूलों में है खुशबू में है यह चीजों की 

खुशी छड़िंक होती है,प्यार मोहब्बत की खुशी 

जीवन भर रहती है प्यार अगर हो उससे शादी 

हो जाए तो उस खुशी का कोई मुकाबला नहीं 

पल पल हर पल खुशी होती है,मेरी नजरों में 

खुशी यही होती है।

स्वतंत्र लेखिका

रिशिका मीणा कोटा