पर्युषण पर्व फेस बौद्ध धर्म, बाल आभूषण, कपड़ा उद्योग का नहीं बल्कि आत्मा की भावना का है: अवतार श्री प्रेमलता जी मा सा
प्रतिक्रमण का परायण करें पाठ उच्चारण ही नहीं आज का पर्व समता और शांतिपर्व के रूप में मनाया जाता है यह पर्व जीवन को गहनता से और आत्मा को निखारने के लिए है। निरंजना श्री जी मा सा ने यह समझाया कि माता-पिता, गुरु एवं प्रभु के तीन उपकार होते हैं। संस्कार की कमी हो रही है

पर्युषण पर्व फेस बौद्ध धर्म, बाल आभूषण, कपड़ा उद्योग का नहीं बल्कि आत्मा की भावना का है: अवतार श्री प्रेमलता जी मा सा
(100 तेल 600 उपवास की तपस्या )
22 अगस्त
रामसिंह मीनापुरा
प्रतिक्रमण का परायण करें पाठ उच्चारण ही नहीं आज का पर्व समता और शांतिपर्व के रूप में मनाया जाता है यह पर्व जीवन को गहनता से और आत्मा को निखारने के लिए है। निरंजना श्री जी मा सा ने यह समझाया कि माता-पिता, गुरु एवं प्रभु के तीन उपकार होते हैं। संस्कार की कमी हो रही है
वर्तमान में बच्चों की वजह से माता-पिता की नजरों में आ रहे हैं जिनप्रज्ञा जी म सा ने सामूहिक संकल्प सूत्र का वाचन किया, श्री सिद्ध प्रभा जी म सा ने उदयन की क्षमापना, श्री निष्ठा श्री जी मा सा ने अंतगढ़ सूत्र का वाचन किया एवं 90 दर्पणों का जीवन वृत्तांत बताया,