जनजाति क्षेत्र में सोयाबीन की फसल के प्रदर्शनों का निरीक्षण किया

जनजाति क्षेत्र में सोयाबीन की फसल के प्रदर्शनों का निरीक्षण किया
जनजाति क्षेत्र में सोयाबीन की फसल के प्रदर्शनों का निरीक्षण किया

जनजाति क्षेत्र में सोयाबीन की फसल के प्रदर्शनों का निरीक्षण किया

25 अगस्त 

रामसिंह मीणा रघुनाथपुरा

बड़ी सादड़ी कृषि विज्ञान केंद्र चित्तौड़गढ़ द्वारा जनजाति क्षेत्र में आयोजित प्रथम पंक्ति प्रदर्शनों (तिलहन) में सोयाबीन फसल की नवीन किस्म जेएस 2098 का पंचायत समिति बड़ी सादड़ी उपखंड क्षेत्र के निकटवर्ती ग्राम पंचायत पारसोली में स्थित बोरूंडी एवं ग्राम पंचायत अमीराम में स्थित मरावदिया गांव के खेतों का भ्रमण कर फसल का जायजा लिया। कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान सोयाबीन फसल प्रदर्शनों में कीट एवं लट का प्रभाव देखा गया जो कि आर्थिक नुकसान के स्तर से कम पाया गया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ रतन लाल जी सोलंकी ने किसानों को प्रदर्शन खेत व कृषक पद्धति के खेतों में तुलना करते हुए अन्तर स्पष्ट किया। प्रदर्शन के खेतों के पौधों की वृद्धि व शाखाएं स्थानीय किस्म से अधिक पाई गई ।इसके साथ ही फसल में कीट एवं लट नियंत्रण के लिए मोनोक्रोटोफॉस या एमाबेक्टिन बेंजोइट 5 एस जी के छिड़काव करने की सलाह दी। 

केंद्र की दीपा इन्दोरिया कार्यक्रम सहायक ने मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा, रागी व कांगणी) एवं सोयाबीन का दैनिक जीवन में उपयोग, प्रसंस्करण के बारे में विस्तृत रूप से बताया, साथ ही पोषण वाटिका लगाने पर जोर दिया। श्री संजय कुमार धाकड़ कार्यक्रम सहायक ने सोयाबीन की फसल में पौध संरक्षण के बारे में तकनीकी जानकारी दी। यह जानकारी केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रतन लाल जी सोलंकी द्वारा दी गई।