गवरी नृत्य देखने उमड़ा जनसैलाब
बड़ी सादड़ी ग्राम पंचायत बोर खेड़ा के स्थित सबलपुरा गांव में चौथ माता मंदिर परिसर में गवरी नृत्य का मंचन किया गया गवरी नृत्य मेवाड़ का पारंपरिक लोक नृत्य है

गवरी नृत्य देखने उमड़ा जनसैलाब
29 अगस्त
रामसिंह मीणा रघुनाथपुरा
बड़ी सादड़ी ग्राम पंचायत बोर खेड़ा के स्थित सबलपुरा गांव में चौथ माता मंदिर परिसर में गवरी नृत्य का मंचन किया गया गवरी नृत्य मेवाड़ का पारंपरिक लोक नृत्य है
यह भील जनजाति द्वारा किया जाता है भील जनजाति भगवान शिव को अपना आराध्य मानते हैं और उनकी पत्नी पार्वती को गोरी मानती है गोरी के नाम से ही इस नृत्य का नाम गवरी पड़ा है यह नृत्य भाद्रपद कृष्ण की एकम से शुरू होता है जो लगातार सवा महीने तक चलता है सवा महीने तक भील जनजाति के लोग व्रत और उपवास रखते हैं और इस नृत्य का मंचन करते इस नृत्य में मुख्य पात्र राय बुढ़िया हटिया और वरजू कांजरी लखकी बंजारा चोर बालद प्रेम सुखा कानजी आदि होते हैं यह जानकारी सबलपुरा गांव के समस्त ग्राम वासियों जानकारी देते हुए बताया गया है कि गवरी नृत्य देखने के लिए रति चंद जी का खेड़ा बोर खेड़ा बोरडी किट खेड़ा गुदलपुर रातितलाई करणपुर आस पास गांव के काफ़ी संख्या में गवरी देखने के लिए महिला व पुरुष पहुंचे गवरी नृत्य का आयोजन चौथ माता मंदिर परिसर में किया गया