हिंदी दिवस पर भारतीय दलित साहित्य  अकादमी  ने किया  विचार  गोष्ठी  का आयोजन। 

हर भाषा का सम्मान,    सत्कार, गुणगान  हिंदी  में-----ओजस्वी  चितोडगढ 14 सितम्बर  अंतराष्ट्रीय  हिन्दी  दिवस  पर राजस्थान  के चितोडगढ  में भारतीय दलित साहित्य  अकादमी  के तत्वाधान  में आयोजीत   काव्यात्मक  तथा  विचार  गोष्ठी में बोलते हूऐ  अकादमी सॅरक्षक  निर्मल  देसाई  ने बताया कि  महासागर  की गहराई  से बढकर गहरी है हिंदी हमारी।  जीवन को हर्षित  करती,   निर्मल  करती है हिंदी। 

हिंदी दिवस पर भारतीय दलित साहित्य  अकादमी  ने किया  विचार  गोष्ठी  का आयोजन। 

संवाददाता मुकेश कुमार जोशी चित्तौड़गढ़

हर भाषा का सम्मान,    सत्कार, गुणगान  हिंदी  में-----ओजस्वी 

चितोडगढ 14 सितम्बर 


अंतराष्ट्रीय  हिन्दी  दिवस  पर राजस्थान  के चितोडगढ  में भारतीय दलित साहित्य  अकादमी  के तत्वाधान  में आयोजीत   काव्यात्मक  तथा  विचार  गोष्ठी में बोलते हूऐ  अकादमी सॅरक्षक  निर्मल  देसाई  ने बताया कि  महासागर  की गहराई  से बढकर गहरी है हिंदी हमारी। 
जीवन को हर्षित  करती,   निर्मल  करती है हिंदी। 
अकादमी  के जिलाध्यक्ष मदन  सालवी  ओजस्वी  ने हिंदी  दिवस  पर तमाम  भारतीय   समाज को बधाई व शुभकामनाऐ  देते हूऐ , हिंदी दिवस  पर   हिंदी  के सम्मान  में रचनाऐ पढते हूऐ बताया कि हम हिन्दी  में   ज्ञान का भंडार  पा सकते है।  घर रह कर सारा सॅसार  पा सकतै है।
  हमारी आशा  ओर  विश्वास  है हिन्दी,   हम हिंदी के, हिंदी  हमारी  नाज है हिंदी,   भारत  के जन जन की आवाज है हिंदी ।

अकादमी  के जिला   महासचिव 
बाबु लाल जटीया    विस्तार  लाती है हिंदी,  समाज को दूर दूर  तक बनाती  है हिन्दी।  इस अवसर  पर उप श्रम आयुक्त नवलराम  डांगी  ने विचार  रखते  हूऐ बताया कि  सभ्यता  ओर संस्कार  सिखाती है हिन्दी,   भाषा से भावो  का ,विस्तार है हिन्दी । 
विचार  गोष्ठी  के दौरान  ओजस्वी  ने बताया कि  14 सितम्बर 1949 को  भारत  मे  हिंदी को राजभाषा  का दर्जा  मिला।  प्रति वर्ष  1935 से  14  सितम्बर  को  हिन्दी  दिवस मनाया जाता है।  भारत  में सबसे अधिक  बोली  जाने वाली  भाषा हिंदी  है, जिसे 150  देशो  मे हिन्दी  बोला जाता है। 
हिंदी  आज हर तरफ जन जन की भाषा है।  विदेशी  लोगों को भी हिन्दी  में नमस्ते  करना  अपनी शान  समझते है। 
हमें गर्व  हे कि दुनियां में सबसे अधिक   हिंदी  को बडे आदर  सम्मान  के साथ  बोला  जाता है।
जय हिंदी   जय भारत 

जन जन की यही  जिज्ञासा,  हिंदी बने राष्ट्र  भाषा। 


  अनेको साहित्य  जगत  सै जुडे  गणमान्य जन  द्वारा    हिन्दी  को हर        क्षेत्रः   जोडने,बढाने पर  विचार रखे गये। इस दोरान  अनेको  गणमान्य जन  उपस्थित   थे।।

समाचार,
मदन सालवी  ओजस्वी
स्वतंत्र लेखक चितोडगढ 
14-9-2023