युवाओं कि टोली ने बदला मोक्षधाम का स्वरूप, शिवजी कि प्राण प्रतिष्ठा भी कि, अब कई युवा पहुंच रहे देखने।

चितोडगढ़ शंभूपूरा। कहते है ठान लो तो जित है ओर मान लो तो हार, ओर यही ठान कर छोटे से गांव अरनिया पंथ के युवाओं ने अपने गांव के मोक्षधाम मे कुछ ऐसा कर दिखाया कि आज हर कोई वहाँ देखने पहुंच रहा ओर युवाओं कि इस टोली कि खुले मन से तारीफ कर रहा है।

युवाओं कि टोली ने बदला मोक्षधाम का स्वरूप, शिवजी कि प्राण प्रतिष्ठा भी कि, अब कई युवा पहुंच रहे देखने।

युवाओं कि टोली ने बदला मोक्षधाम का स्वरूप, शिवजी कि प्राण प्रतिष्ठा भी कि, अब कई युवा पहुंच रहे देखने।

चितोडगढ़ शंभूपूरा। कहते है ठान लो तो जित है ओर मान लो तो हार, ओर यही ठान कर छोटे से गांव अरनिया पंथ के युवाओं ने अपने गांव के मोक्षधाम मे कुछ ऐसा कर दिखाया कि आज हर कोई वहाँ देखने पहुंच रहा ओर युवाओं कि इस टोली कि खुले मन से तारीफ कर रहा है।

   पहले शम्भूपुरा मोक्षधाम मे ऐसे ही एक युवाओं कि टोली ने अपने मोक्षधाम मे कड़ा श्रमदान करके चट्टानों को तोड़ समतल किया, अपने स्तर पर भराव, पानी व्यवस्था, पौधारोपण, छाया आदि करके मोक्षधाम को नया स्वरूप दिया तो उनको देखकर ही अरनिया पंथ के युवा भी उसी पथ पर चल पड़े ओर आज उन्होंने भी वो कर दिखाया जिसकी हरकोई तारीफ करते नहीं थक रहा।

    लगभग 4 साल पहले अरनिया पंथ के कुछ युवाओं की मोक्षधाम सौंदर्यीकरण के लिए चलाई गई पहल ने आज मोक्षधाम को अलग ही रूप दे दिया है।

आज से 4 साल पहले मात्र 10 युवाओं की मेहनत से शुरू हुआ ये कारवा आज 100 युवाओं की टीम के रूप में बदल गया।अपना रोजगार, खेती बाड़ी ओर अन्यत्र मजदूरी करने के बावजूद भी ये युवा जब भी समय मिलता शमशान पहुच जाते और साफ सफाई से लेकर पेड़ पौधे लगाने, लाइटिंग की व्यवस्था, बैठक व्यवस्था को अच्छा बनाने, पानी की व्यवस्था और अन्य कामो में अपना समय देते रहे। जहा शमशान के नाम से लोगो मे डर बना रहता हे वही ये युवा रात की 10-11 बजे तक अपना समय वहा निकालते हुए इसके सौंदर्य करण में जुटे रहे।

ओर आज इनके अथक प्रयास से गांव से अच्छी साफ सफाई शमशान में हो गईं ओर एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है क्योंकि वहाँ गांव से ज्यादा पेड़ पौधे लगे है और पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से चालू है।

 मोक्षधाम में महाशिव रात्रि के इस पावन पर्व पर इस टीम ने मिलकर शिव जी महाकाल की प्राण प्रतिष्ठा का बहुत ही शानदार कार्यक्रम रखा जिसमें वही हवन करवाया गया, ओर विधिविधान से शिव जी और नंदी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा की गई। युवाओं ने वही एक दुसरे को मिठाईयां बांटी ओर इस पावन आयोजन को सफल बनाया।

    जब इस मुहीम कि शुरुआत हुई तब 4 साल पहले मीडिया द्वारा लिए गए इंटरव्यू में गांव के ही सजक युवा मिठु लाल जाट ने बताया था कि इस टीम का एक ही लक्ष्य है कि हमारे गांव के इस मोक्षधाम को पूरे चित्तोड़ जिले में सबसे बेहतर और कुछ हटके करना है और आज इस बात को इन सभी युवाओं ने साबित कर दिया है।वर्तमान में देखा जाए तो इतनी सुविधाओ से युक्त मोक्षधाम ग्रामीण अंचल कि बात करें तो पूरे चित्तोड़ जिले में नही है, जिससे वहाँ जो भी लोग अंतिम संस्कार के दौरान जाते है हर कोई इस युवा टीम कि तारीफ करते नहीं थकते, इन युवाओं ने ना सिर्फ मोक्षधाम कि कायापलट कि बल्कि अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बन गये है, अब आस पास के कई गाँवो के युवा इस मोक्षधाम को देखने आ रहे ताकि अपने गांव जाकर भी वो ऐसा करवा कर सके।