ईसर-पार्वती की हुई पूजा, निकाली सवारी, हुआ गीतों व नृत्यों का आयोजन
चित्तौड़गढ़। निम्बाहेड़ा में गुरूवार को परम्परागत गणगौर पूजा स्थल माहेश्वरी मोहल्ला से गणगौर उत्सव समिति के तत्वावधान में ईसर-पार्वती की प्रतिमाओं को श्रृंगारित कर गणगौर की सवारी निकाली गई। इससे पूर्व गणगौर पूजन स्थल माहेश्वरी मोहल्ला में प्रात: से ही ईसर-पार्वती की पूजा करने सुहागिनों एवं कुमारियों का तांता लगा रहा। पूजन में कुमकुम, काजल, हल्दी, मेंहदी की बिन्दियां लगाई गई। पूजन के समय महिलाओं ने गणगौर के गौर-गौर गणपति, ईसर पूजे पार्वती जैसे लोक गीत गाये।
ईसर-पार्वती की हुई पूजा, निकाली सवारी, हुआ गीतों व नृत्यों का आयोजन
चित्तौड़गढ़। निम्बाहेड़ा में गुरूवार को परम्परागत गणगौर पूजा स्थल माहेश्वरी मोहल्ला से गणगौर उत्सव समिति के तत्वावधान में ईसर-पार्वती की प्रतिमाओं को श्रृंगारित कर गणगौर की सवारी निकाली गई। इससे पूर्व गणगौर पूजन स्थल माहेश्वरी मोहल्ला में प्रात: से ही ईसर-पार्वती की पूजा करने सुहागिनों एवं कुमारियों का तांता लगा रहा। पूजन में कुमकुम, काजल, हल्दी, मेंहदी की बिन्दियां लगाई गई। पूजन के समय महिलाओं ने गणगौर के गौर-गौर गणपति, ईसर पूजे पार्वती जैसे लोक गीत गाये।
हाथीवाला मंदिर गणगौर उत्सव समिति की संयोजिका गीता देवी शारदा के संयोजन में सायंकाल 5 बजे माहेश्वरी मोहल्ला से गणगौर की सवारी, बैंड बाजों के साथ निकाली गई। सवारी नगर के लखारा गली, नया बाजार, चित्तौड़ी दरवाजा होते हुए माल गोदाम मार्ग स्थित नेहरू उद्यान पहुंची। गणगौर सवारी में शामिल पारम्परिक वेशभूषा महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य किये।
यहां गायत्री शारदा, कुसुम धूत, कमला बाहेती, गीता शारदा, राजकुमारी साबू, ममता शारदा, शिखा शारदा, शकुंतला आगार, रेणु जाजू, जानकी तोषनीवाल, सीमा शारदा, चम्मू बजाज, नीतू शारदा, रानी शारदा, पारुल शारदा, आरती शारदा, सुनीता शारदा, निशा मंत्री, यशोदा शारदा, नेहा शारदा, पूजा शारदा, कम्मू शारदा, सोनाली शारदा, दीपा शारदा, अंजू मनिहार, एकता सोनी, पूजा भराडिया, संध्या गुप्ता, अंजली बजाज, सोनाली शारदा, सोनिया धूत, अंजली शारदा सहित नगर के माहेश्वरी मोहल्ला, इंदिरा कॉलोनी, नया बाजार, आदर्श कॉलोनी आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। शोभायात्रा में नन्ही बालिका वैदिका शारदा और जैविका शारदा ने ईसर-पार्वती की भूमिका निभाई, जो आकर्षण का केंद्र रही एवं सभी ने सराहना की। उद्यान पहुंचने पर महिलाओं ने परम्परागत लोक गीत गाये, नृत्य किये एवं खेल भी खेले।