झोलाछापों के बढ़ते कदम ? प्रशासन के कडे रूख की दस्तक क्या ? जिम्मेदार हुए..नत मस्तक
चित्तौड़गढ़ लंबे समय से पुरे जिले में झोलाछापो ने अवैध क्लिनिक का साम्राज्य फैलाकर सेहत के साथ खिलवाड़ करते आ रहे है । वहीं , चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे क्यों बैठे रहे...इनको कौन आश्रय दे रहा है , इसकी सम्पूर्ण जांच अति आवश्यक है ।* आमजन की सेहत से खिलवाड़ को लेकर अवैध क्लिनिक चलाकर अपने आप को डॉक्टर बताने वाले ऐसे लोगों पर कडी से कडी कार्यवाही होनी चाहिए ।

झोलाछापों के बढ़ते कदम ?
प्रशासन के कडे रूख की दस्तक
क्या ? जिम्मेदार हुए..नत मस्तक
चित्तौड़गढ़ लंबे समय से पुरे जिले में झोलाछापो ने अवैध क्लिनिक का साम्राज्य फैलाकर सेहत के साथ खिलवाड़ करते आ रहे है । वहीं , चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे क्यों बैठे रहे...इनको कौन आश्रय दे रहा है , इसकी सम्पूर्ण जांच अति आवश्यक है ।* आमजन की सेहत से खिलवाड़ को लेकर अवैध क्लिनिक चलाकर अपने आप को डॉक्टर बताने वाले ऐसे लोगों पर कडी से कडी कार्यवाही होनी चाहिए ।
*लेकिन अफसोस चिकित्सा विभाग भी कहीं न कहीं संदेह के घेरे में नजर आता दिखाई दे रहा है ,सरकार इसकी जांच करे ?
*भीलवाड़ा के जिला प्रशासन ने झोलाछापो के खिलाफ कडा अभियान चलाने का निर्देश दिया वह प्रशंसा भरा कदम है । आम जनजीवन की सेहत से खिलवाड़ नहीं हो इसको लेकर चिकित्सा विभाग कार्यवाही करे ...लेकिन अफसोस झोलाछापों के अवैध क्लिनिक अधिकाशतः बंद मिले आखिर क्यों ?* जनता में चर्चाएं है , झोलाछापो को आखिरकार भनक कैसे लगी की वो अवैध क्लिनिक बंद कर भाग छूटे । यह सोच का विषय है । *प्रशासन और चिकित्सा विभाग ,झोलाछापो के ऐसे बंद कर भागे अवैध क्लिनिकों को तत्काल सीलबंद करे ताकि वो खोल नहीं सके ? साथ ही ऐसे झोलाछाप दवाइयां कहां से खरीद कर ला रहे है , उन पर भी कार्यवाही हो....वरना ऐसे अभियान सार्थक नहीं होगें ?* जिले के साथ ही मांडलगढ़ विधानसभा क्षैत्र में भी गांव-गांव ऐसे अवैध क्लिनिकों पर फर्जी डिग्री धारी ही डॉक्टर के नाम से पहचाने जाने लगे है तो कुछ लोगों की जुबान पर बंगाली डाक्टर का नाम लिया जाता है ।
*इतना ही नहीं कुछ ऐसे झोलाछापो ने इसी क्षैत्र में मकान के अलावा राशनकार्ड तथा आधार कार्ड भी बना रखे है । अगर ऐसे झोलाछाप सही है तो फिर क्लिनिक बंद कर भाग क्यों रहे है । इससे साफ जाहिर होता है कि ऐसे झोलाछाप अवैध है ?* बिते समय में ऐसे झोलाछापों ने क्षैत्र में अपने पांव काफी पसार लिए है और सरेआम मुख्य बाजारों में अवैध क्लिनिक चलाकर ... आमजन की नजरों में ऐसे अवैध झोलाछाप भी ..सरकारी डॉक्टर की तरह .... गांवों में डॉक्टर के नाम से मशहूर हो रहे है ?
*मुख्यमंत्री एंव जिला कलेक्टर की सख्ती से अवैध क्लिनिकों पर छापेमारी चलने लगी है और झोलाछापों पर कडी कार्यवाही की दस्तक भी जारी है । सरकार चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को पाबंद कर हिदायत दे...कि अगर झोलाछाप अवैध रूप से फिर सक्रिय होते है तो..संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगें ?*
हर साल अभियान चलते है... और कुछ दिनो बाद फिर खामोश हो जाते है....? *जिला प्रशासन अगर कडा रूख अपना कर सख्ती करे तो....ऐसे अभियान सार्थक साबित होगें । वहीं चिकित्सा प्रशासन ईमानदारी के साथ झोलाछापो के खिलाफ हल्ला बोल जारी रखे और इनकी अवैध क्लिनिक दुकानें सीलबंद करने की इच्छा शक्ति रखे तो यह बडी उपलब्धि होगी ।* ऐसा ही रहा तो *लाखों रूपये मेहनत कर सरकारी डॉक्टर बनने वाले भी ...... आमजन में डॉक्टर सा.कहला रहे है .....वहीं फर्जी झोलाछाप भी डॉक्टर बनकर रूतबे के साथ गावों में डॉक्टर सा. के नाम से जाने जा रहे है ?*
ऐसे नकली झोलाछाप तथाकथित डॉक्टरो के फैलते साम्राज्य के खिलाफ ... आमजन की सेहत के मध्य नजर .... चिकित्सा प्रशासन कार्यवाही कर आमजन को राहत दिलापायेगा या नहीं ....? इसके आगे की तो सरकारी तंत्र ही जाने या फिर... *राम ही जाने.