बॉर्डर पर तारबंदी से 20 मीटर दूर बन्ने की बस्ती गांव , 1965 व 1971 की लड़ाई को भी देखा है देश का अंतिम गांव , जहां हर झोंपे पर तिरंगा फहराया

BSF की तिरंगा यात्रा बॉर्डर पर हर N D news रेगिस्तान इलाके से लाखाराम जाखड़ / नरपत रामावत |
बाड़मेर
रात होते ही तारबंदी के नजदीक लगी फ्लड लाइटों से जगमगा उठता है गांव इन दिनो पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मना रहा है । भारत - पाक सीमा से सटा को की बस्ती अंतिम गांव है , यहां 60 घर है । गांव तारबंदी से महज 20 मीटर दूर है । सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों के साथ गांव के लोग भी हर समय अलर्ट रहते हैं । शाम होते ही गांव में कोई प्रवेश नहीं करें इसके लिए गांव के लोग ही मुख्य सड़क बंद कर देते हैं । यहां के लोगों में देशभक्ति का ज्वार भरा हुआ है । आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर भास्कर टीम बन्ने की बस्ती गांव पहुंची तो वहां तिरंगे को देख मानों हर किसी में जोश भर गया । देश के सम्मान में तिरंगे को हर ढाणी पर फहराया । इस गांव की खास बात ये है कि इस गांव के हर घर में झोंपा है । झोंप पर तिरंगे को फहरा कर बच्चे भी सेल्यूट कर रहे हैं । बीएसएफ जवानों के साथ यहां के लोग भी देशभक्ति के इस जश्न में शरीक हुए । एक तरफ बॉर्डर पर तारबंदी है , वहीं दूसरी तरफ पूरा गांव है । रात के समय तो यह गांव तारबंदी पर लगी फ्लड लाइटों से जगमगा उठता है । • बीएसएफ जवान देश रक्षा के लिए सरहद पर तैनात है , उसी तर्ज पर गांव के लोग भी चौकन्ने रहते हैं । शाम ढलने के साथ ही यहां की सड़क से गांव में कोई अनजान प्रवेश नहीं कर सकता है , क्योंकि रास्ता शाम होने के साथ ही गांव के लोग बंद कर देते हैं । अगर कोई अनजान गांव तक पहुंचता भी है तो लोग बीएसएफ को सबसे पहल अलर्ट करते हैं । Ⓒ O