कपासन बजरंग दल प्रखंड संयोजक श्री राहुल सिंह जी राजपूत ने उदयपुर में एक वृद्ध माता जी अस्पताल पहुंचाया और उपचार करवाया

कपासन बजरंग दल प्रखंड संयोजक श्री राहुल सिंह जी राजपूत ने उदयपुर में एक वृद्ध माता जी अस्पताल पहुंचाया और उपचार करवाया
कपासन बजरंग दल प्रखंड संयोजक श्री राहुल सिंह जी राजपूत ने उदयपुर में एक वृद्ध माता जी अस्पताल पहुंचाया और उपचार करवाया

जय-जय श्रीराम जय-जय श्रीराम

आशा करता हूं कि आप सभी स्वस्थ मस्त एवं प्रसन्न होंगे।

आज जिस विषय को लेकर कुछ लिखने का प्रयास कर रहा हूं वह अमूमन कलयुग के दौर की वास्तविकता को प्रदर्शित करता हुआ नजर आता प्रतीत होता है।

समय सुबह का था लगभग 8:00 बज रहे होंगे मैं अपने ऑफिस पर पहुंचा। पहुंचने के उपरांत देखने को मिलता है कि एक वृद्ध माता जिनकी उम्र लगभग 80 से 85 साल , साड़ी में लिपटी हुई दर्द से कहरा रही थी , पास में जाकर देखा तो सांस इतनी तेज गति से चल रही थी कि मानो परमात्मा का न्योता समीप सा आ गया हो , उन्हें उठाने की और उनसे बातचीत करने की कोशिश की परंतु सांस की तीव्रता एवं उससे हो रही घबराहट के आगे वृद्ध माता एक शब्द बोलने को तैयार नहीं , आसपास के लोगों से जानकारी जुटाने पर प्राप्त हुआ कि इन माता जी को कानून के रखवालो द्वारा अज्ञात पाए जाने के कारण यहां पर छोड़ दिया जिससे यह माताजी यहां आकर सो गए हैं , उन्हें किसी भी प्रकार उठाया और कुछ खिलाकर दवाई देना चाहा , परंतु फिर वह घबराहट बीच में आ गई और माताजी पुनः जमीन पर लेट गई , अब मन 1% भी गवाही नहीं दे रहा था कि मैं भी उन्हें अकेला कहीं आगे छोड़ दूं। तत्पश्चात मैंने हेल्पलाइन नंबर 108 पर कॉल किया , हेल्प डेस्क पर उपस्थित महोदय द्वारा मेरे से संपूर्ण विषय की जानकारी ली गई एवं मुझे 15 मिनट में एंबुलेंस उपलब्ध हो जाने के बारे में बताया। 15 मिनट बाद एंबुलेंस के आ जाने के उपरांत मैंने माताजी को हॉस्पिटल चलने के बारे में बोला , माताजी 1 मिनट में तैयार हो गए , हां परंतु माताजी अपने साथ लाए हुए एक झोले को किसी भी हालत में छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। अब हम एंबुलेंस की सहायता से महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर के लिए निकले। हॉस्पिटल पहुंचने के उपरांत माताजी को स्ट्रेचर पर लेटा कर इमरजेंसी डिस्पेंसरी कक्ष में ले जाया गया। सर्वप्रथम मैंने वहां उपस्थित नर्सिंग कर्मी से इन्हें ऑक्सीजन लगाने के बारे में विनम्र प्रार्थना की। वहां उपस्थित सुरक्षाकर्मी भाई द्वारा मुझे पर्ची बनाकर लाने के बोला , यह क्षण मेरे लिए मानो गणित के त्रिकोणमिति के सवाल समान था , पर्ची बनवाने हेतु रोगी के नाम की आवश्यकता होने के कारण अब मैं लगातार माताजी से उनके नाम एवं उनके पते के बारे में जानकारी प्राप्त करने में लगा हुआ था। बहुत कड़ी मशक्कत करने के बाद भी मे माताजी के बारे में कुछ भी जानकारी प्राप्त नहीं कर सका तो मैंने पर्ची बनाने वाले भैया को एक बार पुनः संपूर्ण विषय के बारे में संक्षिप्त में बताया , अंततः उन भैया द्वारा पर्ची को अनजान व्यक्ति के नाम से बनाते हुए , गार्जियन में मेरा नाम एवं मेरे मोबाइल नंबर डाल दिए , और अपने साथी से बात करने लगे अरे यार यह लफड़े वाला काम है कुछ होनी अनहोनी की स्थिति में कानून के रखवाले अपने से 10 तरीके के सवाल पूछते हैं , और मुझे पर्ची बनाकर दे दी अब......... मरीजों के भगवान कहलाए जाने वाले डॉक्टर साहब सामान्यतः हमेशा की तरह ऐतराज जताते हुए हल्के से गुस्साए क्योंकि हॉस्पिटल में रोगियों की भीड़ ज्यादा होने एवं सर्वप्रथम उन्हें ऐसा लगा कि मैं उन वृद्ध माताजी का परिजन होते हुए भी मैं अननोन व्यक्ति के नाम से पर्ची बनवा कर लाया हूं। उन्होंने मेरे से माता जी के बारे में कुछ सामान्यतः जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की परंतु मैं मजबूर था कि मैं उन माताजी के बारे में कुछ नहीं जानता था , मेरे मन में सेवा का भाव जागृत हुआ और मैं उनको हॉस्पिटल लेकर आ गया जब चिकित्सक महोदय को इन सभी विषय के बारे में मैंने संक्षिप्त में बताया तब उनका व्यवहार मेरे प्रति थोड़ा कोमल हुआ तत्पश्चात वे अपना काम कर्तव्यनिष्ठता से करते हुए मेरे साथ जुट गए , उन्होंने वृद्ध माताजी को चेक किया और मुझे 2 पर्ची बनाकर दी जिसमें एक पर एक्स-रे एवं दूसरे पर इसीजी एवं अन्य महत्वपूर्ण जांचें करवाकर लाने को बोला , लगभग 2 घंटे माताजी को लेकर इधर-उधर स्ट्रेचर पर लेकर दौड़ने के पश्चात में फाइनल जांच रिपोर्ट को लेकर चिकित्सक महोदय के पास पहुंचा , चिकित्सक महोदय द्वारा रिपोर्टों की जांच करके बीमारी की गंभीरता को देखते हुए माता जी को महिला मेडिसिन वार्ड 106A मे भर्ती करवाने का निर्णय लिया । अब हम भूकंप की भाती कंपायमान हो रही स्टेचर को लेकर वार्ड में पहुंचने वाले थे , उस कंपन कर रही स्टेचर पर माताजी को लेटा कर तीन मंजिल ऊपर चढ़ने का सफर मानो एक पर्वत पर पैर के बल उल्टा चढ़ने के समान प्रतीत हुआ। अंततः माता जी को महिला मेडिसिन वार्ड 106 ए कक्ष के बेड क्रमांक 3 पर भर्ती करवा दिया गया सभी जांच रिपोर्ट एवं माता जी की फाइल को वहां उपस्थित डॉक्टर साहब को देकर माताजी के पास कुछ समय रुकने के उपरांत अब मे चिकित्सक एवं वहां उपस्थित नर्सिंग कर्मियों को इन माताजी के बारे में बतला कर एवं उनकी आज्ञा प्राप्त करके , माताजी को चरण स्पर्श करके एवं परम पिता परमेश्वर से उनके जल्द स्वस्थ लाभ में सुधार की कामना करके ऑफिस के लिए निकल गया , बात चाहे कुछ भी रही हो परंतु माताजी की ऐसी हालत देखकर थोड़ा मन दुखी भी था और मुझे उनकी यह सेवा करने का सौभाग्य मिला इसके लिए थोड़ा मन प्रसन्न भी था। परमात्मा मुझे सदैव ऐसे कार्यों के लिए चुनता है मैं परमेश्वर से मेरे लिए यही कामना करता हूं। आप सभी अपना आशीर्वाद मेरे ऊपर बनाए रखें बहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी का ❤️????