राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री खिलाड़ी लाल बैरवा को सौंपा ज्ञापन

निहाल दैनिक समाचार / NDNEWS24X7
टोंक 13 जुलाई 2022 ज्ञापन में लिखा गया है कि सरकार द्वारा एस. सी. / एस.टी. समाज़ के साथ किये जा रहे जातीय भेदभाव को समाप्त करने बाबत l ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि अभी हाल ही में उदयपुर की घटना मे कन्हैयालाल दर्जी की हत्या व पूर्व में पाली निवासी जितेन्द्र मेघवाल की हत्या एक ही प्रकार षडयंत्रपूर्वक से की गई थी, खंजर भी वही था और मौत भी वही थी, कसूर इतना था कि जितेन्द्र मेघवाल अनु. जाति का था, ना उसके परिवारजन को सहायता राशि दी और ना ही कोई सरकारी नौकरी अर्थात जितेन्द्र मेघवाल की हत्या किये जाने पर सरकार द्वारा न तो उसकी परिजनो को कोई सहायता राशि प्रदान की गई और ना ही कोई सरकारी नौकरी दी गई, क्योकि जितेन्द्र अनु. जाति का सदस्य था तथा अभी हाल मे कन्हैयालाल दर्जी की हत्या किये जाने पर सरकार द्वारा उसके दो बच्चो को सरकारी नौकरी दे दी गई है। सरकार के उक्त रवैये से यह स्पष्ट होता है कि सरकार अनु. जाति के लोगो के साथ जातीय भेदभाव कर रही है। समय रहते सरकार जितेन्द्र मेघवाल के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी हेतु नियुक्ति प्रदान करे, इसी प्रकार सरकार ने एससी. / एसटी. के अध्ययनरत छात्र / छात्राओ की छात्रवृत्ति समाप्त की जा रही है, जो शिक्षा से वंचित किये जाने का षडयंत्र है, जबकि पूर्व में भी भीमसेना संगठन ने राज्य सरकार को ज्ञापन व पत्र लिखकर अवगत करवाया जा चुका है। हाल ही में सरकार ने एक ऐसे आदेश निकाले है, जिसमे बी. टेक डिक्रीधारी छात्र / छात्राये एल.एल.बी. करना चाहे तो उसे छात्रवृत्ति का पात्र नही माना है। जबकि संविधान में शिक्षा के सम्बन्ध मे छात्रवृत्ति दी जाकर शिक्षा को बढावा देना था, लेकिन जिस प्रकार सरकार ने छात्रवृत्ति को समाप्त करने का निर्णय लिया है, वह राज्य के मूल निवासियो को शिक्षा से वंचित करने का षडयंत्र है। सरकार जब से स्थापित हुई है, तब से बैकलोक की खाली पडी सीटो को जनरल सीटो से भरकर राज्य के एस.सी. / एस. टी. समाज के लोगो के साथ कुठाराघात व अन्याय कर रही है। समय रहते सरकार उपरोक्त बिन्दुओ पर ठोस कदम उठाये, अन्यथा मजबूरन समाज के लोगो को सरकार के खिलाफ न्याय के लिए आगामी दिनों में न्याय के लिए महासंग्राम (आंदोलन) करना पडेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी। ज्ञापन में लिखा गया है l