अन्नदाता की आस-सरकार करो कर्जा माफ

अन्नदाता की आस-सरकार करो कर्जा माफ
अन्नदाता की आस-सरकार करो कर्जा माफ

संवादाता बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा 

लंबे अंतराल से बारिश नही होने से फसले सुखी,राम और राज दोनों रुठे

3 सितंबर 

छोटीसादड़ी    राजस्थान के किसानों की चुनावी वर्ष में केसीसी कर्ज माफी की उम्मीद निंबाहेड़ा छोटीसादरी क्षेत्र के जलोदा ,बंबोरी, बिनोता,करजू, चान्दोली राजपुरा,प्रतापपुरा, हिंगोरिया मेघपुरा , बरवाड़ा गोमाना, अचलपुरा क्षेत्र में लंबे समय से सूखा पड़ा रहने से खेतों में खड़ी फसलें मक्का,मूंगफली,सोयाबीन कि फसलें बारिश की कमी से सूखने लगी है,गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष आधी बारिश भी नहीं हुई है,जिसके कारण किसानों की सारी उम्मीदें अब धीरे-धीरे फसले सूखने के साथ ही खत्म होती जा रही है,जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही है,किसानों ने इस बार खरीफ की फसल में जमकर खर्च किया था,फसले भी अच्छी लहलहा रही थी, लेकिन अचानक ही पूरा सावन माह सुखा रहने के कारण किसानों को भारी क्षति हुई है,लगभग 70 से 90% फसल खराब हुआ है! सिंचाई के स्रोत बांध जलाशय खाली, बिजली भी गुल किसान चाह कर भी फसलों की सिचाई नहीं कर पा रहे है,क्योंकि सारे जलाशय तालाब,बांध सभी खाली पड़े हुए हैं,जहां थोड़ा बहुत पानी है, तो बिजली नहीं है, किसानों को मुश्किल घड़ी में मात्र दो से तीन घंटे बिजली वह भी बार-बार ट्रिपिंग के साथ मिल रही है,बिजली की कमी के कारण सिंचाई करना भी मुश्किल हो रहा है,ऐसे में किसान के हाथ खाली ही नजर आ रहे हैं! राजस्थान में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव है,ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि गत 5 वर्ष पूर्व कांग्रेस नेता ने चुनावी सभा में चुनाव जीतने पर वादा किया था कि एक से 10 तक गिनते ही राजस्थान के सारे किसानों का कर्ज माफ कर दूंगा,किसानों को अब उम्मीद है की नेताजी अपना वादा चुनावी वर्ष में निभाकर किसानों को कर्ज के बोझ तले से बाहर निकलेंगे,क्योंकि किसानों ने चुनावी वायदे के चक्कर में कर्ज माफी का इंतजार करते-करते बैंकों में डिफाल्टर हो गए और कर्ज का भार इतना बढ़ गया कि उनकी जमीन बिक गई लेकिन कर्ज नहीं उतरा!ऐसे में किसानों की संपूर्ण केसीसी कर्ज माफी कोई भीख नहीं बल्कि उनका अधिकार है देश में 70% अन्नदाता है जिनकी आजीविका का मुख्य आधार कृषि है। ऐसे में बीच मझधार में मानसून का धोखा दे जाना ऊपर से चुनावी वायदे के कारण किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। किसान की ऐसी स्थिति है कि आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति हो गई है ,ऐसे में केसीसी कर्ज माफी से ही किसान और राष्ट्र की दशा और दिशा का निर्धारण होगा!

इनका यह कहना है:-

बारिश   के लंबे अंतराल और सूखे से किसानों की उम्मीद दिनों दिन खत्म होती जा रही है,राम और राज दोनों रूठे हुए हैं,सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान कर्जदार हुआ है,कर्ज माफी किसानों का अधिकार है,सरकार किसानों के हित में उचित कदम उठाए किशन जनवा बंबोरी किसान

लंबे   अंतराल से बारिश नहीं होने से सूखाग्रस्त हुई फसलों में क्षेत्र में सर्वाधिक खराबा।